हे प्रभु, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन् अपने नाम की महिमा कर! क्योंकि तू ही करुणा और सत्य से परिपूर्ण है।
रोमियों 11:36 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सब कुछ परमेश्वर से, परमेश्वर के द्वारा तथा परमेश्वर के लिए है। उसी की युगयुगों तक महिमा हो! आमेन! पवित्र बाइबल क्योंकि सब का रचने वाला वही है। उसी से सब स्थिर है और वह उसी के लिए है। उसकी सदा महिमा हो! आमीन। Hindi Holy Bible क्योंकि उस की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उस की महिमा युगानुयुग होती रहे: आमीन॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि उसी की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है। उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे : आमीन। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि सब कुछ उसी की ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिए है। उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। सरल हिन्दी बाइबल वही हैं सब कुछ के स्रोत, वही हैं सब कुछ के कारक, वही हैं सब कुछ की नियति—उन्हीं की महिमा सदा-सर्वदा होती रहे, आमेन. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि उसकी ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। |
हे प्रभु, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन् अपने नाम की महिमा कर! क्योंकि तू ही करुणा और सत्य से परिपूर्ण है।
आकाश-मण्डल प्रभु के वचन से और उसकी समस्त स्वर्गिक सेना, उसके मुंह की सांस से निर्मित हुई।
प्रभु ने हर एक वस्तु को विशेष उद्देश्य के लिए रचा है; अत: दुर्जन निस्सन्देह दु:ख भोगेगा!
परमेश्वर के चिह्न कितने भव्य हैं, उसके अद्भुत कार्य कितने सामर्थ्यपूर्ण हैं! उसका राज्य शाश्वत राज्य है, उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहता है।
“सात वर्ष बीतने के बाद मैं नबूकदनेस्सर ने स्वर्ग की ओर दीनता से आंखें उठाईं, और मेरा विवेक लौट आया। मैंने सर्वोच्च परमेश्वर को धन्य कहा, जो सदा-सर्वदा जीवित है। मैंने इन शब्दों में उसकी महिमा और स्तुति की; “परमेश्वर का राज्य शाश्वत है; उसका शासन पीढ़ी से पीढ़ी बना रहता है।
और हमें परीक्षा में न डाल, बल्कि बुराई से हमें बचा। [क्योंकि राज्य, सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे हैं। आमेन।]
“धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम पर आता है! स्वर्ग में शान्ति! सर्वोच्च स्वर्ग में महिमा!”
“सर्वोच्च स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा हो और पृथ्वी पर उन मनुष्यों को शान्ति मिले, जिनसे वह प्रसन्न है।”
क्योंकि उसी में हम जीवित रहते, चलते-फिरते तथा अस्तित्व रखते हैं। आपके ही कुछ कवियों ने कहा, ‘हम भी ईश्वर की संतान हैं।’
क्योंकि जैसे पुरुष से स्त्री की सृष्टि हुई वैसे ही पुरुष का जन्म स्त्री से होता है, किन्तु सब का मूलस्रोत परमेश्वर है।
फिर भी हमारे लिए तो एक ही परमेश्वर है-वह पिता, जिससे सब कुछ उत्पन्न होता है और जिसके पास हमें जाना है-और एक ही प्रभु हैं, अर्थात् येशु मसीह, जिनके द्वारा सब कुछ बना है और हम भी उन्हीं के द्वारा अस्तित्व में है।
युगों के अधिपति, अविनाशी, अदृश्य और अतुल्य परमेश्वर का सम्मान तथा महिमा युगानुयुग होती रहे!
जो अमरता का एकमात्र स्रोत है, जो अगम्य ज्योति में निवास करता है, जिसे न तो किसी मनुष्य ने कभी देखा है और न कोई देख सकता है। उसे सम्मान प्राप्त हो तथा उसका सामर्थ्य युगानुयुग बना रहे! आमेन!
प्रभु मुझे दुष्टों के हर फन्दे से छुड़ायेगा। वह मुझे सुरक्षित रखेगा और अपने स्वर्गराज्य तक पहुँचा देगा। उसी की महिमा युगानयुग हो। आमेन!
आप लोगों को समस्त गुणों से सम्पन्न करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूरी करें, जो उसे प्रिय है। उसी परमेश्वर की स्तुति युगानुयुग होती रहे। आमेन!
परमेश्वर, जिसके कारण और जिसके द्वारा सब कुछ होता है, बहुत-से पुत्र-पुत्रियों को महिमा तक ले जाना चाहता था। इसलिए यह उचित था कि वह उन सब की मुक्ति के प्रवर्तक को, अर्थात् येशु को दु:खभोग द्वारा पूर्ण सिद्ध बनाए।
जो प्रवचन देता है, उसे स्मरण रहे कि वह परमेश्वर के शब्द बोल रहा है। जो धर्मसेवा करता है, वह जान ले कि परमेश्वर ही उसे बल प्रदान करता है। इस प्रकार सब बातों में येशु मसीह द्वारा परमेश्वर की महिमा प्रकट हो जायेगी। महिमा तथा सामर्थ्य युगानुयुग परमेश्वर का ही है। आमेन!
आप लोग हमारे प्रभु और मुक्तिदाता येशु मसीह के अनुग्रह और ज्ञान में बढ़ते रहें। उन्हीं की अभी और युगानुयुग महिमा हो! आमेन।
जो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा मुक्ति प्रदान करता है, उसी एकमात्र परमेश्वर को अनादि काल से, अभी और युग-युगान्तर तक महिमा, प्रताप, सामर्थ्य और अधिकार प्राप्त हो! आमेन!
इसके बाद मैंने स्वर्ग में एक विशाल जनसमुदाय की-सी ऊंची आवाज को यह गाते हुए सुना, “प्रभु की स्तुति करो! हमारे परमेश्वर को विजय, महिमा और सामर्थ्य!
उसने फिर मुझ से कहा, “कार्य समाप्त हो गया। अलफा और ओमेगा, आदि और अन्त मैं हूँ। मैं प्यासे को संजीवन जल के स्रोत से मुफ्त में पिलाऊंगा।
और ऊंचे स्वर से पुकार-पुकार कर कह रहे थे: “सिंहासन पर विराजमान हमारे परमेश्वर और मेमने की जय!”
“आमेन! हमारे परमेश्वर को युगानुयुग तक स्तुति, महिमा, प्रज्ञ, धन्यवाद, सम्मान, सामर्थ्य और शक्ति! आमेन!”