रोमियों 11:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु मैं अपने सजातियों में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करने की, और इस प्रकार उन में कुछ लोगों का उद्धार करने की आशा भी रखता हूँ; पवित्र बाइबल इस आशा से कि मैं अपने लोगों में भी स्पर्धा जगा सकूँ और उनमें से कुछ का उद्धार करूँ। Hindi Holy Bible ताकि किसी रीति से मैं अपने कुटुम्बियों से जलन करवा कर उन में से कई एक का उद्धार कराऊं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ताकि किसी रीति से मैं अपने कुटुम्बियों में जलन उत्पन्न करवाकर उनमें से कई एक का उद्धार कराऊँ। नवीन हिंदी बाइबल कि मैं किसी प्रकार अपने लोगों में जलन उत्पन्न कर सकूँ और उनमें से कुछ का उद्धार करवा सकूँ। सरल हिन्दी बाइबल कि मैं किसी भी रीति से कुटुंबियों में जलनभाव उत्पन्न कर सकूं तथा इसके द्वारा उनमें से कुछ को तो उद्धार प्राप्त हो सके; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ताकि किसी रीति से मैं अपने कुटुम्बियों से जलन करवाकर उनमें से कई एक का उद्धार कराऊँ। |
तुम तो मेरे भाई-बन्धु हो। तुम मेरी ही हड्डी और मांस हो। तब तुम मुझे, अपने राजा को, वापस बुलाने में सबसे पीछे क्यों रहना चाहते हो?”
मैं फिर पूछता हूँ: क्या इस्राएल ने वह सन्देश नहीं समझा? पहले तो प्रभु ने मूसा के द्वारा यह कहा, “मैं एक ऐसे राष्ट्र के प्रति, जो राष्ट्र नहीं है, तुम में ईष्र्या उत्पन्न करूँगा और एक विवेकहीन राष्ट्र के प्रति तुम में क्रोध उत्पन्न करूँगा।”
पर मैं पूछता हूँ : “क्या यहूदी ठोकर लगने के कारण सदा के लिए पतित हो गये हैं?” निश्चय ही नहीं! उनके अपराध के कारण ही गैर-यहूदियों को मुक्ति उपलब्ध है, जिससे यहूदी मुक्ति प्राप्त करने के लिए उनसे स्पर्धा करें।
मैं तो यहां तक चाहता हूँ कि अपने उन भाई-बहिनों के कल्याण के लिए, जो शरीर के नाते मेरे सजातीय हैं, स्वयं ही शापग्रस्त हो जाऊं और मसीह से अलग हो जाऊं।
परमेश्वर की प्रज्ञ का विधान ऐसा था कि संसार अपने ज्ञान द्वारा परमेश्वर को नहीं पहचान सका। इसलिए परमेश्वर ने शुभ समाचार के प्रचार की ‘मूर्खता’ द्वारा विश्वासियों को बचाना चाहा।
मैं भी अपने हित का नहीं, बल्कि दूसरों के हित का ध्यान रख कर सब बातों में सब को प्रसन्न करने का प्रयत्न करता हूँ, जिससे वे मुक्ति प्राप्त कर सकें।
क्या जाने, हो सकता है कि पत्नी अपने पति की मुक्ति का कारण बन जाये और पति अपनी पत्नी की मुक्ति का कारण।
यह कथन विश्वसनीय और सर्वथा मानने योग्य है कि येशु मसीह पापियों को बचाने के लिए संसार में आये, और उन में से सबसे बड़ा पापी मैं हूँ।
तुम अपने विषय में जागरूक रहो तथा अपनी शिक्षा के विषय में सावधान रहो। इन बातों में दृढ़ बने रहो। ऐसा करने से तुम अपनी तथा अपने श्रोताओं की मुक्ति का कारण बनोगे।
परमेश्वर ने हमारा उद्धार किया और हमें पवित्र जीवन बिताने के लिए बुलाया है। उसने हमारे किसी पुण्य के कारण नहीं, बल्कि अपने उद्देश्य तथा अपनी कृपा के कारण ऐसा किया है। वह कृपा अनादि काल से येशु मसीह द्वारा हमें प्राप्त थी,
मैं चुने हुए लोगों के लिए सब कुछ सहता हूँ, जिससे वे भी येशु मसीह के द्वारा मुक्ति तथा सदा बनी रहने वाली महिमा प्राप्त करें।
उसने नवजीवन के जल और पवित्र आत्मा की संजीवन शक्ति द्वारा हमारा उद्धार किया। उसने हमारे किसी पुण्य धर्म-कर्म के कारण ऐसा नहीं किया, बल्कि इसलिए कि वह दयालु है।
क्या सब स्वर्गदूत परिचारक नहीं हैं जो उन लोगों की सेवा के लिए भेजे जाते हैं, जो मुक्ति के उत्तराधिकारी होंगे?
तो हम कैसे बच सकेंगे, यदि हम उस महान् मुक्ति का तिरस्कार करेंगे, जिसकी घोषणा पहले पहल प्रभु द्वारा हुई थी? जिन लोगों ने प्रभु को सुना, उन्होंने उनके सन्देश को हमारे लिए प्रमाणित किया।
तो यह समझिए कि जो किसी पापी को कुमार्ग से वापस ले आता है, वह उसकी आत्मा को मृत्यु से बचाता है और बहुत-से पाप ढांप देता है।