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रोमियों 10:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किन्‍तु विश्‍वास पर आधारित धार्मिकता का वक्‍तव्‍य यह है, “तुम अपने मन में यह मत कहो कि कौन स्‍वर्ग जायेगा?” अर्थात् मसीह को नीचे ले आने के लिए,

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पवित्र बाइबल

किन्तु विश्वास से मिलने वाली धार्मिकता के विषय में शास्त्र यह कहता है: “तू अपने से यह मत पूछ, ‘स्वर्ग में ऊपर कौन जायेगा?’” (यानी, “मसीह को नीचे धरती पर लाने।”)

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Hindi Holy Bible

परन्तु जो धामिर्कता विश्वास से है, वह यों कहती है, कि तू अपने मन में यह न कहना कि स्वर्ग पर कौन चढ़ेगा? अर्थात मसीह को उतार लाने के लिये!

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

परन्तु जो धार्मिकता विश्‍वास से है, वह यों कहती है, “तू अपने मन में यह न कहना कि स्वर्ग पर कौन चढ़ेगा?” (अर्थात् मसीह को उतार लाने के लिये!)

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नवीन हिंदी बाइबल

परंतु धार्मिकता जो विश्‍वास से है, यह कहती है : अपने मन में यह न कहना, स्वर्ग पर कौन चढ़ेगा? (अर्थात् मसीह को नीचे लाने के लिए);

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सरल हिन्दी बाइबल

किंतु विश्वास पर आधारित धार्मिकता का भेद है: अपने मन में यह विचार न करो: स्वर्ग पर कौन चढ़ेगा, मसीह को उतार लाने के लिए?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

परन्तु जो धार्मिकता विश्वास से है, वह यह कहती है, “तू अपने मन में यह न कहना कि स्वर्ग पर कौन चढ़ेगा?” (अर्थात् मसीह को उतार लाने के लिये),

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रोमियों 10:6
15 क्रॉस रेफरेंस  

“कौन मनुष्‍य स्‍वर्ग में जाकर फिर पृथ्‍वी पर लौटा है? कौन आदमी अपनी मुट्ठी में हवा को पकड़ सका है? कौन व्यक्‍ति वस्‍त्र में महासागर को लपेट सका है? किसने पृथ्‍वी के सब सीमान्‍तों को स्‍थिर किया है? उसका नाम क्‍या है? उसके पुत्र का क्‍या नाम है? यदि तुम जानते हो तो बताओ।


परमेश्‍वर की रोटी तो वह है, जो स्‍वर्ग से उतर कर संसार को जीवन प्रदान करती है।”


क्‍योंकि मैं अपनी इच्‍छा नहीं, बल्‍कि जिसने मुझे भेजा, उसकी इच्‍छा पूरी करने के लिए स्‍वर्ग से उतरा हूँ।


यही वह रोटी है जो स्‍वर्ग से उतरी है। यह उस रोटी के सदृश नहीं है, जो पूर्वजों ने खायी थी। वे तो मर गये; किन्‍तु जो यह रोटी खाएगा, वह सदा जीवित रहेगा।”


परमेश्‍वर के इस विधान में मुक्‍ति येशु मसीह में विश्‍वास करने से प्राप्‍त होती है और यह मुक्‍ति उन सब के लिए है, जो विश्‍वास करते हैं। अब भेद-भाव नहीं रहा।


परमेश्‍वर ने चाहा कि येशु अपना रक्‍त बहा कर पाप का प्रायश्‍चित करें, जिसका फल विश्‍वास द्वारा प्राप्‍त होता है। परमेश्‍वर ने इस प्रकार अपनी धार्मिकता का प्रमाण दिया; क्‍योंकि उसने अपनी सहनशीलता के अनुरूप पिछले युगों के पापों को अनदेखा कर दिया था।


परमेश्‍वर ने अब्राहम और उनके वंश से प्रतिज्ञा की कि वे पृथ्‍वी के उत्तराधिकारी होंगे। यह इसलिए नहीं हुआ कि अब्राहम ने व्‍यवस्‍था का पालन किया, बल्‍कि इसलिए कि उन्‍होंने विश्‍वास किया और परमेश्‍वर ने उन्‍हें धार्मिक माना है।


और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊं। मुझे अपनी धार्मिकता का नहीं, जो व्‍यवस्‍था के पालन से मिलती है, बल्‍कि उस धार्मिकता का भरोसा है, जो मसीह में विश्‍वास करने से मिलती है। उस धार्मिकता का उद्गम परमेश्‍वर है और उसका आधार विश्‍वास है।


यह पुत्र, परमेश्‍वर की महिमा का प्रतिबिम्‍ब और उसके तत्‍व का प्रतिरूप है। यह पुत्र अपने शक्‍तिशाली शब्‍द द्वारा समस्‍त सृष्‍टि को बनाये रखता है। उसने मनुष्‍यों को पापों से शुद्ध किया और वह उच्‍च स्‍वर्ग में महामहिम परमेश्‍वर की दाहिनी ओर विराजमान हुआ।


नूह अपने विश्‍वास के कारण अदृश्‍य घटनाओं से परमेश्‍वर के द्वारा सचेत किया गया। उसने इस चेतावनी का सम्‍मान किया और अपना परिवार बचाने के लिए जलयान का निर्माण किया। उसने अपने विश्‍वास द्वारा संसार को दोषी ठहराया और वह उस धार्मिकता का अधिकारी बना, जो विश्‍वास पर आधारित है।