ओ सियोन को शुभ सन्देश सुनानेवाली, ऊंचे पर्वत पर चढ़कर सन्देश सुना! ओ यरूशलेम को शुभ सन्देश सुनानेवाली, बल्पूर्वक उच्च स्वर में सुना! मत डर, ऊंची आवाज में सुना। यहूदा प्रदेश के नगरों में यह प्रचार कर, “देखो! तुम्हारा परमेश्वर!”
रोमियों 10:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और यदि वह भेजा नहीं जाये, तो कोई प्रचारक कैसे बन सकता है? धर्मग्रन्थ में लिखा है, “कल्याण का शुभ समाचार सुनाने वालों के चरण कितने सुन्दर लगते हैं!” पवित्र बाइबल और उपदेशक तब तक उपदेश कैसे दे पायेंगे जब तक उन्हें भेजा न गया हो? जैसा कि शास्त्रों में कहा है: “सुसमाचार लाने वालों के चरण कितने सुन्दर हैं।” Hindi Holy Bible और प्रचारक बिना क्योंकर सुनें? और यदि भेजे न जाएं, तो क्योंकर प्रचार करें? जैसा लिखा है, कि उन के पांव क्या ही सुहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और यदि भेजे न जाएँ, तो कैसे प्रचार करें? जैसा लिखा है, “उनके पाँव क्या ही सुहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं!” नवीन हिंदी बाइबल और यदि उन्हें भेजा न जाए तो वे कैसे प्रचार करें? जैसा लिखा है : उनके पैर कितने सुहावने हैं जो भली बातों का सुसमाचार सुनाते हैं। सरल हिन्दी बाइबल और प्रचारक प्रचार कैसे कर सकेंगे यदि उन्हें भेजा ही नहीं गया? जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: कैसे सुहावने हैं वे चरण जिनके द्वारा अच्छी बातों का सुसमाचार लाया जाता है! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यदि भेजे न जाएँ, तो क्यों प्रचार करें? जैसा लिखा है, “उनके पाँव क्या ही सुहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं!” (यशा. 52:7, नहू. 1:15) |
ओ सियोन को शुभ सन्देश सुनानेवाली, ऊंचे पर्वत पर चढ़कर सन्देश सुना! ओ यरूशलेम को शुभ सन्देश सुनानेवाली, बल्पूर्वक उच्च स्वर में सुना! मत डर, ऊंची आवाज में सुना। यहूदा प्रदेश के नगरों में यह प्रचार कर, “देखो! तुम्हारा परमेश्वर!”
पहाड़ों पर उसके पैर कितने सुन्दर दिखाई देते हैं, जो शुभ-सन्देश सुनाने के लिए आता है, जो शांति का सन्देश सुनाता है, जो कुशल-मंगल का समाचार लाता है, जो उद्धार की सूचना देता है, जो सियोन से यह कहता है : ‘तेरा परमेश्वर राजा है!’
प्रभु यह कहता है : ‘जो समीप है, और जो दूर है, दोनों का कल्याण हो, उन्हें शान्ति प्राप्त हो। मैं उन्हें स्वस्थ करूंगा।
प्रभु का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि उसने पीड़ित व्यक्तियों को शुभ-सन्देश सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है; स्वामी प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए भेजा है कि मैं घायल हृदयवालों को स्वस्थ करूं, बन्दियों को स्वतंत्रता का सन्देश सुनाऊं, और जो कारागार में हैं उनके लिए कारागार के द्वार खोल दूं।
प्रभु की यह वाणी है, ‘देखो, मैं झूठी नबूवत, झूठे दर्शन की बातें करनेवाले नबियों के विरुद्ध हूं। मैंने इन नबियों को नहीं भेजा है, और न ही नबूवत सुनाने का दायित्व सौंपा है। ये अपने झूठ और व्यर्थ बातों से मेरे निज लोगों को पथ-भ्रष्ट करते हैं। इन झूठे नबियों से इस प्रजा को कुछ लाभ नहीं होता है;’ प्रभु की यह वाणी है।
देखो, पहाड़ों से शुभ-सन्देश सुनानेवाला, शान्ति की घोषणा करनेवाला आ रहा है। ओ यहूदा वंशियो! अब अपने यात्रा-पर्व मनाओ, अपनी मन्नतों को पूरा करो। अब अधम व्यक्ति तुम्हारे प्रदेश से कभी नहीं गुजरेगा। वह पूर्णत: नष्ट कर दिया गया।
इसके बाद प्रभु ने अन्य बहत्तर शिष्यों को नियुक्त किया और जिस-जिस नगर और गाँव में वे स्वयं जाने वाले थे, वहाँ दो-दो करके उन्हें अपने आगे भेजा।
स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “मत डरो! देखो, मैं तुम्हें बड़े आनन्द का शुभ समाचार सुना रहा हूँ जो सब लोगों के लिए है।
“सर्वोच्च स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा हो और पृथ्वी पर उन मनुष्यों को शान्ति मिले, जिनसे वह प्रसन्न है।”
इसके कुछ ही समय बाद येशु नगर-नगर और गाँव-गाँव घूम कर उपदेश देने और परमेश्वर के राज्य का शुभ समाचार सुनाने लगे। बारह प्रेरित उनके साथ थे
येशु ने उन से फिर कहा, “तुम्हें शान्ति मिले! जिस प्रकार पिता ने मुझे भेजा है, उसी प्रकार मैं तुम्हें भेजता हूँ।”
“परमेश्वर ने इस्राएलियों को अपना सन्देश भेजा और येशु मसीह द्वारा, जो सब के प्रभु हैं, शान्ति का शुभसमाचार सुनाया।
“भाइयो! अब्राहम के वंशजो और यहाँ उपस्थित परमेश्वर के भक्तो! मुक्ति का यह सन्देश हम सब के पास भेजा गया है।
इस पर प्रभु ने मुझ से कहा, ‘जा, क्योंकि मैं तुझे अन्य-जातियों के पास दूर-दूर तक भेजूँगा’।”
प्रभु ने हनन्याह से कहा, “जाओ। वह मेरा निर्वाचित पात्र है। वह अन्यजातियों, राजाओं तथा इस्राएलियों के सम्मुख मेरे नाम का प्रचार करेगा।
इस में मैंने एक बात का विशेष ध्यान रखा। मैंने कभी वहां शुभसमाचार का प्रचार नहीं किया, जहाँ मसीह का नाम सुनाया जा चुका था; क्योंकि मैं दूसरों द्वारा डाली हुई नींव पर निर्माण करना नहीं चाहता था,
तब उन्होंने आकर दोनों को शान्ति का शुभसमाचार सुनाया : आप लोगों को, जो दूर थे और उन लोगों को, जो निकट थे;
मुझे, जो सन्तों में सब से छोटा हूँ, यह अनुग्रह मिला है कि मैं गैर-यहूदियों को मसीह की अपार कृपानिधि का शुभसमाचार सुनाऊं
उन पर प्रकट किया गया था कि जब वे सन्देश सुनाते थे, तब वे अपने लिए नहीं, बल्कि आप लोगों के हित के लिए सेवा करते थे। अब शुभसमाचार के प्रचारक, स्वर्ग से भेजे हुए पवित्र आत्मा की प्रेरणा से, आप लोगों को वही सन्देश सुनाते हैं। स्वर्गदूत भी इन बातों की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं।