यह देखकर नाविक प्रभु से अत्यन्त डर गए। उन्होंने प्रभु को बलि चढ़ाई और मन्नतें मानीं।
रोमियों 10:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु यदि लोगों को उस में विश्वास नहीं, तो वे उसकी दुहाई कैसे दे सकते हैं? यदि उन्होंने उसके विषय में कभी सुना नहीं, तो उस में विश्वास कैसे कर सकते हैं? यदि कोई प्रचारक न हो, तो वे उसके विषय में कैसे सुन सकते हैं? पवित्र बाइबल किन्तु वे जो उसमें विश्वास नहीं करते, उसका नाम कैसे पुकारेंगे? और वे जिन्होंने उसके बारे में सुना ही नहीं, उसमें विश्वास कैसे कर पायेंगे? और फिर भला जब तक कोई उन्हें उपदेश देने वाला न हो, वे कैसे सुन सकेंगे? Hindi Holy Bible फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्योंकर लें? और जिस की नहीं सुनी उस पर क्योंकर विश्वास करें? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम कैसे लें? और जिसके विषय सुना नहीं उस पर कैसे विश्वास करें? और प्रचारक बिना कैसे सुनें? नवीन हिंदी बाइबल परंतु जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया उसे वे कैसे पुकारें? और जिसके विषय में उन्होंने सुना नहीं उस पर वे कैसे विश्वास करें? और बिना प्रचार करनेवाले के वे कैसे सुनें? सरल हिन्दी बाइबल वे भला उन्हें कैसे पुकारेंगे जिनमें उन्होंने विश्वास ही नहीं किया? वे भला उनमें विश्वास कैसे करेंगे, जिन्हें उन्होंने सुना ही नहीं? और वे भला सुनेंगे कैसे यदि उनकी उद्घोषणा करनेवाला नहीं? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर जिस पर उन्होंने विश्वास नहीं किया, वे उसका नाम क्यों लें? और जिसकी नहीं सुनी उस पर क्यों विश्वास करें? और प्रचारक बिना क्यों सुनें? |
यह देखकर नाविक प्रभु से अत्यन्त डर गए। उन्होंने प्रभु को बलि चढ़ाई और मन्नतें मानीं।
नाविक डर गए, और अपने-अपने देवता की दुहाई देने लगे। उन्होंने जलयान का भार कम करने के लिए जलयान का माल-असबाब समुद्र में फेंक दिया। योना जलयान के निचले भीतरी भाग में गया। वह शय्या पर लेट गया, और निश्चिंत सो गया।
उन्होंने उत्तर दिया, ‘इसलिए कि किसी ने हमें मजदूरी में नहीं लगाया।’ उसने उन से कहा, ‘तुम भी मेरे अंगूर-उद्यान में जाओ।’
किन्तु इनका विवरण इसलिए दिया गया है, जिससे आप विश्वास करें कि येशु ही मसीह, परमेश्वर के पुत्र हैं और अपने इस विश्वास के द्वारा उनके नाम से जीवन प्राप्त करें।
उसने उत्तर दिया, “महोदय! मुझे बता दीजिए कि वह कौन है, जिससे मैं उसमें विश्वास कर सकूँ”।
पौलुस ने उनसे पूछा, “क्या विश्वासी बनते समय आप लोगों को पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ था?” उन्होंने उत्तर दिया, “हमने यह भी नहीं सुना है कि पवित्र आत्मा होता है।”
उसने उत्तर दिया, “जब तक कोई मेरा मार्गदर्शन न करे, तब तक मैं कैसे समझ सकता हूँ?” उसने फिलिप से निवेदन किया कि वह रथ पर चढ़ कर उसके साथ बैठ जाये।
उन्हीं येशु से हमें प्रेरित बनने का वरदान मिला है कि उनके नाम के निमित्त सब जातियों के लोग विश्वास की अधीनता स्वीकार करें।
तब उन्होंने आकर दोनों को शान्ति का शुभसमाचार सुनाया : आप लोगों को, जो दूर थे और उन लोगों को, जो निकट थे;
यदि आप लोगों ने उनके विषय में सुना और उस सत्य के अनुसार शिक्षा ग्रहण की है जो येशु में प्रकट हुआ,
यह आज्ञा समुद्र के उस पार भी नहीं है कि तू कह सके, “कौन व्यक्ति हमारे लिए समुद्र के उस पार जाएगा, और उसको हमारे पास लाएगा कि हम उसको सुन सकें और उसके अनुसार कार्य कर सकें?”
परन्तु प्रभु ने मेरी सहायता की और मुझे बल प्रदान किया, जिससे मैं शुभ संदेश पूर्ण रूप से सुना सकूँ और सभी जातियां उसे सुन सकें। मैं सिंह के मुँह से बच निकला।
अब, उपयुक्त समय में, उसने अपना अभिप्राय उस सन्देश द्वारा स्पष्ट कर दिया, जिसका प्रचार हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर के आदेश-अनुसार मुझे सौंपा गया है।
और विश्वास के बिना परमेश्वर को प्रसन्न करना, असंभव है। अत: जो परमेश्वर के निकट पहुँचना चाहता है, उसे विश्वास करना आवश्यक है कि परमेश्वर है और वह उन लोगों को प्रतिफल देता है, जो उसकी खोज में लगे रहते हैं।
वह विश्वासपूर्ण प्रार्थना रोगी को बचायेगी और प्रभु उसे खड़ा कर देगा। यदि उसने पाप किया है, तो उसे क्षमा मिलेगी।