वे दाऊद और उसके साथ के सैनिकों के भोजन के लिए ये वस्तुएँ लाए : शय्या, बर्तन, मिट्टी के पात्र, गेहूँ, जौ, मैदा, सूखे दाने, सेम, मसूर, शहद, दही, पनीर और भेड़-बकरी। वे यह सोचते थे, ‘ये लोग निर्जन प्रदेश में भूखे-प्यासे और थके-मांदे हैं।’
रूत 2:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) बोअज ने भोजन के समय रूत से कहा, ‘यहाँ आओ। यह रोटी लो, और इसको सिरके में डुबाकर खाओ।’ अत: रूत फसल काटनेवालों के पास बैठ गई। बोअज ने उसे जौ के भुने हुए दाने दिए। उसने पेट भर खाया। उसके पास कुछ बच भी गया। पवित्र बाइबल दोपहर के भोजन के समय, बोअज़ ने रूत से कहा, “यहाँ आओ! हमारी रोटियों में से कुछ खाओ। इधर हमारे सिरके में अपनी रोटी डुबाओ।” इस प्रकार रूत मजदूरों के साथ बैठ गई। बोअज़ ने उसे ढेर सारा भुना अनाज दिया। रूत ने भरपेट खाया और कुछ भोजन बच भी गया। Hindi Holy Bible फिर खाने के समय बोअज ने उस से कहा, यहीं आकर रोटी खा, और अपना कौर सिरके में बोर। तो वह लवने वालों के पास बैठ गई; और उसने उसको भुनी हुई बालें दी; और वह खाकर तृप्त हुई, वरन कुछ बचा भी रखा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर खाने के समय बोअज़ ने उससे कहा, “यहीं आकर रोटी खा, और अपना कौर सिरके में डुबा।” तो वह लवनेवालों के पास बैठ गई, और उसने उसको भुनी हुई बालें दी; और वह खाकर तृप्त हुई, वरन् कुछ बचा भी रखा। सरल हिन्दी बाइबल भोजन के समय बोअज़ ने रूथ से कहा, “यहां आ जाओ, मेरे साथ भोजन करो, और अपने कौर को सिरके में डुबोती जाओ.” सो वह फसल काटनेवालों के साथ बैठ गई और बोअज़ ने उसे भुना हुआ अनाज भी दे दिया, जिसे उसने न केवल भरपेट खाया बल्कि उसके पास कुछ अन्न बचा भी रह गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर खाने के समय बोअज ने उससे कहा, “यहीं आकर रोटी खा, और अपना कौर सिरके में डूबा।” तो वह लवनेवालों के पास बैठ गई; और उसने उसको भुनी हुई बालें दीं; और वह खाकर तृप्त हुई, वरन् कुछ बचा भी रखा। |
वे दाऊद और उसके साथ के सैनिकों के भोजन के लिए ये वस्तुएँ लाए : शय्या, बर्तन, मिट्टी के पात्र, गेहूँ, जौ, मैदा, सूखे दाने, सेम, मसूर, शहद, दही, पनीर और भेड़-बकरी। वे यह सोचते थे, ‘ये लोग निर्जन प्रदेश में भूखे-प्यासे और थके-मांदे हैं।’
मेरे शत्रुओं की उपस्थिति में तू मेरे लिए खाने की मेज़ लगाता है; तू तेल से मेरे सिर का अभ्यंजन करता है, मेरा प्याला छलक रहा है।
परन्तु उदार मनुष्य उदारता की ही बातें सोचता है, न केवल वह सोचता है, वरन् उनको कार्यरूप में परिणत भी करता है!
अपना भोजन भूखों को खिलाना, बेघर गरीब को अपने घर में जगह देना, किसी को नंगे देखकर उसे कपड़े पहिनाना, अपने जरूरतमन्द भाई-बहिन से मुंह न छिपाना।
सब ने खाया और वे खा कर तृप्त हो गये। शिष्यों ने बचे हुए टुकड़ों से भरी बारह टोकरियाँ उठाईं।
तू खा-पीकर तृप्त रहेगा। तू उस उत्तम देश के कारण जो तेरे प्रभु परमेश्वर ने तुझे दिया है, प्रभु को धन्य-धन्य कहेगा।
रूत ने कहा, ‘मेरे स्वामी, यद्यपि मैं आपकी किसी भी सेविका के बराबर नहीं हूँ तो भी मैंने आपकी कृपा-दृष्टि प्राप्त की। आपने मुझे दिलासा दिया। आपने मुझसे सान्त्वनापूर्ण शब्द कहे।’
जब वह सिला बीनने को उठी तब बोअज ने अपने सेवकों को यह आदेश दिया, ‘पूलों के बीच भी रूत को सिला बीनने देना और उसका अनिष्ट मत करना।
उसने उसको उठाया और वह नगर में आई। उसने बीना हुआ अनाज अपनी सास को दिखाया। जो भोजन पेट भर खाने के पश्चात् बच गया था, वह भी उसने अपनी सास को दे दिया।
एक दिन यिशय ने अपने पुत्र दाऊद से कहा, ‘अपने भाइयों के लिए यह दस किलो भुना हुआ अनाज और ये दस रोटियाँ ले, और तुरन्त उनके पड़ाव में जा।
अबीगइल ने अविलम्ब दो सौ रोटी, अंगुर के रस से भरी हुई दो मशकें, पांच भेड़ों का पका हुआ मांस, प्राय: पन्द्रह किलो भुना हुआ अनाज, एक सौ गुच्छे किशमिश, और अंजीर के दो सौ सूखे फल लिये। उसने उनको गधों पर लादा।