यहूदा ने अपनी बहू तामार से कहा, ‘जब तक मेरा पुत्र शेला युवा न हो जाए, तुम अपने पिता के घर में विधवा के सदृश रहो।’ यहूदा सोचता था कि ऐसा न हो कि शेला भी अपने भाइयों के समान मर जाए। अत: तामार चली गई। वह अपने पिता के घर में रहने लगी।
रूत 1:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तो क्या तुम उनके बड़े होने तक प्रतीक्षा करोगी? उस समय तक तुम विवाह नहीं करोगी? कदापि नहीं, मेरी पुत्रियो! मैं तुम्हारे कारण बड़ी दु:खी हूँ कि प्रभु का कृपापूर्ण हाथ मुझ पर से उठ गया।’ पवित्र बाइबल विवाह करने से पूर्व उनके युवक होने तक तुम्हें प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। मैं तुमसे पति की प्रतीक्षा इतने लम्बें समय तक नहीं करवाऊँगी। इससे मुझे बहुत दुःख होगा और मैं तो पहले से ही बहुत दुःखी हूँ। यहोवा ने मेरे साथ बहुत कुछ कर दिया है।” Hindi Holy Bible तौभी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियों, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दु:ख तुम्हारे दु:ख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तौभी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियो, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दु:ख तुम्हारे दु:ख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है।” सरल हिन्दी बाइबल तो क्या तुम उनके युवा होने का इंतजार करोगी? तो क्या तुम तब तक विवाह न करोगी? नहीं, मेरी पुत्रियो, मेरे हृदय का दुःख बहुत ही गहरा है, क्योंकि स्वयं याहवेह मेरे विरुद्ध हो गए हैं!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो भी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियों, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दुःख तुम्हारे दुःख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है।” |
यहूदा ने अपनी बहू तामार से कहा, ‘जब तक मेरा पुत्र शेला युवा न हो जाए, तुम अपने पिता के घर में विधवा के सदृश रहो।’ यहूदा सोचता था कि ऐसा न हो कि शेला भी अपने भाइयों के समान मर जाए। अत: तामार चली गई। वह अपने पिता के घर में रहने लगी।
‘ओ मेरे मित्रो, मुझ पर दया करो, मुझ पर दया करो! क्योंकि परमेश्वर ने ही मुझे रोगी बनाया है!
जब तक वे सब समाप्त नहीं हो गए तब तक प्रभु का हाथ पड़ाव के मध्य से उनको समाप्त करने के लिए उनके विरुद्ध उठा रहा।
जब-जब वे युद्ध के लिए बाहर निकलते थे तब-तब प्रभु का हाथ उनका अनिष्ट करने के लिए उठ जाता था। ऐसा ही प्रभु ने कहा था। उसने उनसे यही शपथ खाई थी। वे बड़े संकट में पड़ गए।
लौट जाओ, मेरी पुत्रियो, चली जाओ। अब मैं बूढ़ी हो चुकी हूँ, और विवाह नहीं कर सकती। यदि मैं तुमसे यह कहती कि मुझे गर्भ-धारण की आशा है, और यदि आज रात ही मुझे पति प्राप्त हो जाए, और मैं पुत्रों को जन्म दूँ
बहुएं जोर-जोर से फिर रोने लगीं। ओर्पा ने अपनी सास का चुम्बन लिया, और अपने लोगों के पास लौट गई। पर रूत अपनी सास से चिपकी रही।
मैं हरी-भरी गृहस्थी के साथ परदेश गई थी, पर प्रभु मुझे खाली हाथ स्वदेश लौटा लाया। जब प्रभु ने ही मुझे दुखिया बनाया है; सर्वशक्तिमान प्रभु ने मुझ पर विपत्ति ढाही है, तब क्यों तुम मुझे नाओमी कहती हो?’
अत: उन्होंने दूत भेजे, और पलिश्तियों के सामंतों को एकत्र किया। उन्होंने कहा, ‘आप लोग इस्राएल के परमेश्वर की मंजूषा को भेज दीजिए। यह अच्छा हो कि वह अपने स्थान को लौट जाए, और उसके कारण हम और हमारे लोग न मरें।’ समस्त नगर में मृत्यु-भय फैल गया था। वहाँ परमेश्वर का हाथ विकट रूप से उठा था।