हे प्रभु, मेरी चट्टान! तू ही मेरा शरण-स्थल और मुक्तिदाता है। तू मेरा परमेश्वर, मेरी चट्टान है, मैं तेरी शरण में आया हूँ। तू मेरी ढाल, मेरा शक्तिशाली उद्धारकर्ता, मेरा गढ़ है।
योएल 3:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु सियोन पर्वत से हुंकार रहा है, वह यरूशलेम नगर से गरज रहा है। आकाश और पृथ्वी कांप उठे। प्रभु अपने निज लोगों का शरण-स्थल है। इस्राएली कौम का वह गढ़ है। पवित्र बाइबल परमेश्वर यहोवा सिय्योन से गरजेगा। वह यरूशलेम से गरजेगा। आकाश और धरती काँप—काँप जायेंगे किन्तु अपने लोगों के लिये परमेश्वर यहोवा शरणस्थल होगा। वह इस्राएल के लोगों का सुरक्षा स्थान बनेगा। Hindi Holy Bible और यहोवा सिय्योन से गरजेगा, और यरूशलेम से बड़ा शब्द सुनाएगा; और आकाश और पृथ्वी थरथराएंगे। परन्तु यहोवा अपनी प्रजा के लिये शरणस्थान और इस्राएलियों के लिये गढ़ ठहरेगा॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यहोवा सिय्योन से गरजेगा, और यरूशलेम से बड़ा शब्द सुनाएगा; और आकाश और पृथ्वी थरथराएँगे। परन्तु यहोवा अपनी प्रजा के लिये शरणस्थान और इस्राएलियों के लिये गढ़ ठहरेगा। सरल हिन्दी बाइबल याहवेह ज़ियोन से गरजेंगे और येरूशलेम से गर्जन सुनाई देगा; आकाश और पृथ्वी कांप उठेंगे. पर याहवेह अपने लोगों के लिए एक शरणस्थान, और इस्राएल के लोगों के लिए एक सुरक्षा गढ़ होंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और यहोवा सिय्योन से गरजेगा, और यरूशलेम से बड़ा शब्द सुनाएगा; और आकाश और पृथ्वी थरथारएँगे। परन्तु यहोवा अपनी प्रजा के लिये शरणस्थान और इस्राएलियों के लिये गढ़ ठहरेगा। |
हे प्रभु, मेरी चट्टान! तू ही मेरा शरण-स्थल और मुक्तिदाता है। तू मेरा परमेश्वर, मेरी चट्टान है, मैं तेरी शरण में आया हूँ। तू मेरी ढाल, मेरा शक्तिशाली उद्धारकर्ता, मेरा गढ़ है।
प्रभु का नाम मानो मजबूत किला है, जिसमें धार्मिक मनुष्य भागकर शरण लेते हैं और सुरक्षित रहते हैं।
ये कार्य करनेवाला व्यक्ति उच्चस्थान पर निवास करेगा, उसके रक्षा-स्थान चट्टानी किले होंगे; उसे भोजन सदा मिलता रहेगा, उसे जल का अभाव कभी न होगा।
हम प्रभु को उसकी प्रभुता में वहाँ देखेंगे! वहां महानदियां और नहरें बहती हैं। वहां पतवारों वाली नावें नहीं जा सकतीं, और न बड़ा जलयान वहाँ से निकल सकता है।
प्रभु महायोद्धा के सदृश बाहर निकल रहा है; सशक्त सैनिक के समान वह अपने क्रोध को उभाड़ रहा है। वह युद्ध-नाद करता है, वह ऊंची आवाज में अपने बैरियों को ललकारता है; वह अपने शत्रुओं पर अपना महाबल प्रकट करता है:
मैंने अपने शब्द तेरे मुंह में रखे हैं; मैंने अपने हाथ की छाया में तुझे छिपाकर रखा है। मैंने ही आकाश को फैलाया है, मैंने ही पृथ्वी की नींव डाली है। मैं सियोन से यह कहता हूं : “तू ही मेरी प्रजा है।” ’
हे प्रभु, तू ही मेरा बल और मेरा गढ़ है; संकट के समय मैं तेरी ही शरण में आता हूं। प्रभु, विश्व के कोने-कोने से, सब राष्ट्रों के लोग तेरे सम्मुख आएंगे, और यह कहेंगे : ‘निस्सन्देह, हमारे पूर्वजों को पैतृक अधिकार में असत्य के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला; उन्हें निस्सार वस्तुएं प्राप्त हुई जो मनुष्य को लाभ नहीं पहुंचातीं।
मैं अपनी ईष्र्या और क्रोधाग्नि के कारण यह घोषित करता हूं : उस दिन इस्राएल देश में बड़ा भूकम्प आएगा।
इस्राएली प्रभु क अनुसरण करेंगे; प्रभु सिंह के सदृश गर्जन करेगा। निस्सन्देह वह गर्जन करेगा; तब उसके पुत्र, पश्चिम से कांपते हुए आएंगे।
आमोस ने कहा, ‘प्रभु सियोन से हुंकार रहा है, वह यरूशलेम से गरज रहा है। चरवाहों के चरागाह शोक मना रहे हैं, कर्मेल पर्वत की चोटी सूख गई है।’
जंगल में सिंह गरजा; कौन नहीं डरेगा? स्वामी-प्रभु ने सन्देश दिया; कौन नबूवत नहीं करेगा?
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की यह वाणी सुनो : एक बार फिर मैं पलक झपकाते ही आकाश और पृथ्वी को, जल और थल को कंपा दूंगा।
मैं समस्त राष्ट्रों को कंपा दूंगा; और तब उनकी समस्त धन-सम्पत्ति इस भवन में अर्पित की जाएगी, और मैं इसको ऐश्वर्य से भर दूंगा। मैं, स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने यह कहा है।
इस्राएलियों को मुझ-प्रभु से शक्ति प्राप्त होगी, और वे मुझ-प्रभु के नाम की महिमा करेंगे’, प्रभु ने यह कहा है।
प्रभु कहता है : ‘मैं यहूदा के वंशजों को बल प्रदान करूंगा, मैं यूसुफ के वंश को बचाऊंगा। मैंने उन पर दया की है, अत: मैं उन्हें वापस लाऊंगा। वे ऐसे रहेंगे मानो मैंने उन्हें कभी छोड़ा न था। मैं उनका प्रभु परमेश्वर हूँ, मैं उन्हें निस्सन्देह उत्तर दूंगा।
ओ आशा रखनेवाले बन्दियो, अपने गढ़ में लौट आओ। आज मैं यह घोषित करता हूं : मैं तुम्हें दुहरी समृद्धि लौटाऊंगा।
उस समय उसकी वाणी ने पृथ्वी को हिला दिया था; किन्तु अब वह यह घोषित करता है, “मैं एक बार और न केवल पृथ्वी को, बल्कि आकाश को भी हिलाऊंगा।”
उसी समय भारी भूकम्प हुआ और नगर का दसवाँ भाग मिट्टी में मिल गया। सात हजार लोग भूकम्प में मर गये और जो बच गये, उन्होंने भयभीत हो कर स्वर्ग के परमेश्वर की स्तुति की।
तब स्वर्ग में परमेश्वर का मन्दिर खुल गया और मन्दिर में परमेश्वर के विधान की मंजूषा दिखाई पड़ी। बिजलियाँ, वाणियाँ एवं मेघगर्जन उत्पन्न हुए, भूकम्प हुआ और भारी ओला-वृष्टि हुई।
इस पर बिजलियाँ, वाणियाँ एवं मेघगर्जन उत्पन्न हुए और भारी भूकम्प हुआ। पृथ्वी पर मनुष्य की उत्पत्ति के समय से इतना भारी भूकम्प कभी नहीं हुआ था।
इसके अतिरिक्त इस्राएल का महिमामय परमेश्वर झूठ नहीं बोलता, और न अपने वचन से मुँह मोड़ता है। वह मनुष्य नहीं है कि अपने वचन से मुँह मोड़े।’