जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’
योएल 2:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ मैदान के पशुओ, मत डरो, क्योंकि निर्जन प्रदेश के चरागाह हरे-भरे हो गए हैं। पेड़ में फल लगने लगे हैं। अंजीर के वृक्ष और अंगूर की लता में भरपूर फसल होने लगी है। पवित्र बाइबल ओ मैदानी पशुओं, तुम भय त्यागो। जंगल की चारागाहें घास उगाया करेंगी। वृक्ष फल देने लगेंगे। अंजीर के पेड़ और अंगूर की बेलें भरपूर फल देंगे। Hindi Holy Bible हे मैदान के पशुओं, मत डरो, क्योंकि जंगल में चराई उगेगी, और वृक्ष फलने लगेंगे; अंजीर का वृक्ष और दाखलता अपना अपना बल दिखाने लगेंगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे मैदान के पशुओ, मत डरो, क्योंकि जंगल में चराई उगेगी, और वृक्ष फलने लगेंगे; अंजीर का वृक्ष और दाखलता अपना अपना बल दिखाने लगेंगी। सरल हिन्दी बाइबल हे जंगली जानवरों, मत डरो, क्योंकि निर्जन जगह के चरागाह हरे-भरे हो रहे हैं. पेड़ों में फल लग रहे हैं; अंजीर का पेड़ और अंगूर की लता भरपूर उपज दे रही हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे मैदान के पशुओं, मत डरो, क्योंकि जंगल में चराई उगेगी, और वृक्ष फलने लगेंगे; अंजीर का वृक्ष और दाखलता अपना-अपना बल दिखाने लगेंगी। |
जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’
तेरी धार्मिकता उच्च पर्वतों के समान महान है; तेरे न्याय-सिद्धान्त अथाह सागर के सदृश गहरे है; प्रभु, तू मनुष्य और पशु दोनों की रक्षा करता है।
चराइयां भेड़-बकरियों से मानो सजी हुई हैं। घाटियां अनाज से आच्छादित हैं। वे मिलकर जयजयकार करतीं, और गाती हैं।
मैं-प्रभु सियोन को सांत्वना प्रदान करूंगा; मैं उसके उजाड़ स्थलों को शान्ति दूंगा, उसके निर्जन प्रदेश को अदन वाटिका के सदृश हरा-भरा कर दूंगा। उसका मरुस्थल मेरे उद्यान के समान हरा-भरा हो जाएगा। सियोन के हर कोने में हर्ष और आनन्द उपलब्ध होगा; चारों ओर धन्यवाद का गीत, और स्तुतिगान गूंजेगा।
मैं प्रचुर मात्रा में पेड़ों में फल और खेतों में अन्न उत्पन्न करूंगा। तब तुम्हारे देश में कभी अकाल नहीं पड़ेगा, और न राष्ट्रों में तुम्हारा अपमान होगा।
वे तुम्हारे देश के विषय में कहेंगे, “देखो, यह देश, जो अब तक उजाड़ पड़ा था, अदन-उद्यान के समान हरा-भरा हो गया। उजाड़, निर्जन और खण्डहर पड़े हुए नगर पुन: आबाद हो गए। उनमें गढ़ों का निर्माण हो गया।”
‘किन्तु, तुम ओ इस्राएल देश के पहाड़ो, तुममें से नई-नई शाखाएं फूटेंगी, और मेरे निज लोग इस्राएलियों के लिए तुम फलवंत होगे; क्योंकि देखो, वे शीघ्र स्वदेश लौटेंगे।
सुन, इस महानगर नीनवे में एक लाख बीस हजार से ज्यादा अबोध बच्चे हैं, जो अपने दाएं-बाएं हाथ का भी अन्तर नहीं पहचानते। इसके अतिरिक्त निर्दोष पशु भी हैं। तब क्या मुझे इस महानगर के लिए दु:खी नहीं होना चाहिए?’
उन दिनों में जब कोई व्यक्ति अन्न के ढेर के पास दो सौ किलो की आशा से जाता था, तब उसे एक सौ प्राप्त होता था। जब वह अंगूर-रस के कुण्ड के पास जाता और सोचता था कि वह एक सौ लिटर रस निकालेगा तब उसे चालीस ही मिलता था।
वे पूर्ण निश्चिन्तता के साथ खेती-किसानी करेंगे, और समृद्ध होंगे। अंगूर-उद्यानों में फल लगेंगे। भूमि पर प्रचुरता से फसल होगी और आकाश से ओस की वर्षा होगी। मैं इस्राएल के शेष वंशजों को ये वस्तुएं प्रदान करूंगा और वे इन्हें प्राप्त करेंगे।
न तो रोपने वाले का कोई महत्व है और न सींचने वाले का, बल्कि बढ़ाने वाले अर्थात परमेश्वर का ही महत्व है।