मन्दिर के मध्य भाग के सम्मुख की ड्योढ़ी नौ मीटर चौड़ी थी। यह मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। ड्योढ़ी मन्दिर के सम्मुख साढ़े चार मीटर लम्बी थी।
योएल 2:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मन्दिर के आंगन और वेदी के मध्य खड़े होकर, रोते हुए प्रभु के सेवक, पुरोहित यह कहें : ‘हे प्रभु, अपने निज लोगों पर दया कर। अपनी मीरास को बदनाम मत कर। वे अन्य राष्ट्रों में कहावत न बनें। अन्य राष्ट्रों के लोग यह क्यों कहें, “कहां है उनका ईश्वर?” ’ पवित्र बाइबल हे याजकों और यहोवा के दासों, आँगन और वेदी के बीच में बुहार करो। सभी लोगों ये बातें तुम्हें कहनी चाहिये: “यहोवा ने तुम्हारे लोगों पर करूणा की। तुम अपने लोगों को लज्जित मत होने दो। तुम अपने लोगों को दूसरों के बीच में हँसी का पात्र मत बनने दो। तुम दूसरे देशों को हँसते हुए कहने का अवसर मत दो कि, ‘उनका परमेश्वर कहाँ है?’” Hindi Holy Bible याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आंगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे; न अन्यजातियां उसकी उपमा देने पाएं। जाति जाति के लोग आपस में क्यां कहने पाएं, कि उनका परमेश्वर कहां रहा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आँगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, “हे यहोवा, अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे; न जाति–जाति उसकी उपमा देने पाएँ। जाति–जाति के लोग आपस में क्यों कहने पाएँ, ‘उनका परमेश्वर कहाँ रहा?’ ” सरल हिन्दी बाइबल पुरोहित और याहवेह की सेवा करनेवाले, मंडप और वेदी के बीच रोएं. और वे कहें, “हे याहवेह, अपने लोगों पर तरस खाईये. अपने निज लोगों को जाति-जाति के बीच उपहास का विषय, एक कहावत मत बनाइए. वे लोगों के बीच क्यों कहें, ‘कहां है उनका परमेश्वर?’ ” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 याजक जो यहोवा के टहलुए हैं, वे आँगन और वेदी के बीच में रो रोकर कहें, “हे यहोवा अपनी प्रजा पर तरस खा; और अपने निज भाग की नामधराई न होने दे; न जाति-जाति उसकी उपमा देने पाएँ। जाति-जाति के लोग आपस में क्यों कहने पाएँ, ‘उनका परमेश्वर कहाँ रहा?’” |
मन्दिर के मध्य भाग के सम्मुख की ड्योढ़ी नौ मीटर चौड़ी थी। यह मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। ड्योढ़ी मन्दिर के सम्मुख साढ़े चार मीटर लम्बी थी।
तो मैं इस्राएलियों को इस देश से, जो मैंने उन्हें प्रदान किया है, निकाल दूंगा। जिस भवन को मैंने अपने नाम के लिए पवित्र किया है, उसको अपनी आंखों के सामने से दूर कर दूंगा। इस्राएली विश्व की जातियों के मध्य निन्दा और उपहास के पात्र बन जाएंगे।
तो मैं तुमको इस देश से, जो मैंने तुम्हें प्रदान किया है, निकाल दूंगा। जिस भवन को मैंने अपने नाम के लिए पवित्र किया है, उसको अपनी आंखों से दूर कर दूंगा। तुम विश्व की जातियों के मध्य निन्दा और उपहास के पात्र बन जाओगे।
राजा सुलेमान ने मन्दिर की ड्योढ़ी के सामने प्रभु के लिए एक वेदी बनाई थी। उसने उस वेदी पर अग्नि-बलि चढ़ाई।
‘देख, हम आज तक दूसरों के गुलाम हैं। उस देश में हम गुलाम हैं, जो तूने हमारे पूर्वजों को उसका धन-धान्य, उसका फल उपभोग करने के लिए दिया था।
मेरे बैरी ताना मारते हैं। वे मानो मेरी देह पर घातक प्रहार करते हैं। वे निरन्तर मुझ से यह पूछते हैं, “कहां है तेरा परमेश्वर?”
ओ मेरे प्राण, तू क्यों व्याकुल है? क्यों तू हृदय में अशांत है? ओ मेरे प्राण, तू परमेश्वर की आशा कर; मैं अपने उद्धार को, अपने परमेश्वर को पुन: सराहूँगा।
रात और दिन मेरे आंसू ही मेरा आहार रहे हैं। लोग निरन्तर मुझसे पूछते हैं, “कहां है तेरा परमेश्वर?”
जब मुझे ये बातें स्मरण आती हैं तब मेरे हृदय में तीव्र भाव उमड़ आते हैं: मैं लोगों के साथ गया था। मैंने उन्हें परमेश्वर के भवन तक पहुंचाया था। जनसमूह जयजयकार और स्तुति के साथ पर्व मना रहा था।
हे परमेश्वर, कब तक बैरी हमारी निन्दा करता रहेगा? क्या शत्रु तेरे नाम का तिरस्कार निरन्तर करेगा?
क्यों राष्ट्र यह कहें, ‘उनका परमेश्वर कहां है?’ तेरे सेवकों के बहाए गए रक्त का प्रतिशोध हमारी आंखों के सामने, राष्ट्रों पर प्रकट किया जाए।
हम पड़ोसी देशों की निन्दा के पात्र बन गए हैं; हम चारों ओर की कौमों के लिए उपहास और तिरस्कार के पात्र हैं।
हे प्रभु, तेरे शत्रुओं ने मेरी निन्दा की है; उन्होंने तेरे अभिषिक्त राजा का पग-पग पर अपमान किया है।
मूसा ने कहा, ‘हे स्वामी, यदि मैंने तेरी कृपा-दृष्टि प्राप्त की है, तो मैं विनती करता हूँ, स्वामी, यद्यपि वे ऐंठी-गरदन के लोग हैं, तो भी तू हमारे मध्य में होकर चल। हमारे अधर्म को, हमारे पाप को क्षमा कर और हमें अपनी निज सम्पत्ति बना।’
उस दिन स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु ने, स्वामी ने तुम्हें आदेश दिया था कि तुम अपना पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए रोओ, शोक मनाओ, सिर मुंड़ाओ, टाटवस्त्र पहिनो।
अब, हे हमारे प्रभु परमेश्वर, कृपाकर हमें सनहेरिब के हाथ से बचा, जिससे पृथ्वी के सब राज्यों को ज्ञात हो जाए कि केवल तू ही प्रभु है।”
किन्तु मैंने अपने नाम के हेतु अपना यह निश्चय त्याग दिया। मैंने अपना क्रोध कार्य-रूप में परिणत नहीं किया, जिससे मेरा नाम उन राष्ट्रों की आंखों में अपवित्र न हो जाए, जिन के मध्य इस्राएली रहते थे। मैंने उन राष्ट्रों की आंखों के सामने इस्राएलियों को मिस्र देश से बाहर निकाला था, और यों मैंने इस्राएलियों पर स्वयं को प्रकट किया था।
इसके बाद वह मुझे प्रभु-भवन के भीतरी आंगन में ले गया। वहां मैंने लगभग पच्चीस आदमी देखे, जो प्रभु-भवन के प्रवेश-द्वार के सामने, ड्योढ़ी और वेदी के बीच में खड़े थे। उनकी पीठ प्रभु के मन्दिर की ओर थी, और मुख पूर्व की ओर। वे पूर्व दिशा में सूर्य की पूजा कर रहे थे।
ओ इस्राएल, प्रभु के पास लौट, और पश्चात्तापपूर्ण प्रार्थना के साथ उससे यह निवेदन कर : ‘हे प्रभु, मेरे समस्त अधर्म को मुझसे दूर कर, तू केवल मेरी अच्छाई को स्वीकार कर। तब हम बलि में बैल नहीं, वरन् स्तुतिगान तुझे चढ़ाएँगे।
ओ पुरोहितो, पश्चात्ताप के लिए, टाट-वस्त्र पहिनो, और रोओ। ओ प्रभु-वेदी के सेवको, विलाप करो। ओ मेरे परमेश्वर के सेवको, पवित्र स्थान में जाओ, और रात-भर पश्चात्ताप के लिए टाट-वस्त्र पहिने रहो, क्योंकि विपत्ति के कारण अब आराधक तुम्हारे परमेश्वर के भवन में अन्नबलि और पेयबलि नहीं चढ़ाते।
प्रभु के भवन में अब अन्नबलि और पेयबलि अर्पित नहीं की जातीं। प्रभु के सेवक, पुरोहित भी शोक मना रहे हैं।
जब टिड्डियाँ भूमि की घास-पात को चट कर गई तब मैंने कहा, ‘ओ स्वामी-प्रभु! कृपया क्षमा कर। इस विनाश के बाद याकूब कैसे खड़ा हो सकेगा? वह बहुत छोटा है।’
मैंने कहा, ‘ओ स्वामी-प्रभु! कृपया, दण्ड देना रोक दे। इस विनाश के बाद याकूब कैसे खड़ा हो सकेगा? वह बहुत छोटा है।’
यह देखकर मेरी बैरिन लज्जित होगी, क्योंकि उसने कहा था, ‘कहां है तेरा प्रभु परमेश्वर?’ जब वह गली के कीचड़ की तरह रौंद दी जाएगी, तब मेरी आंखें उसकी पतित दशा देखकर तृप्त होंगी।
ओ पुरोहितो, अब परमेश्वर को प्रसन्न करने का प्रयत्न करो, जिससे वह हम पर कृपा करे। क्या वह तुम्हारे हाथ से अशुद्ध भेंट ग्रहण कर तुम पर कृपा कर सकता है? कदापि नहीं! स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है,
जब इस्राएली समाज मिलन-शिविर के द्वार पर शोक मना रहा था, एक इस्राएली पुरुष आया। वह मूसा तथा समस्त मंडली की आंखों के सामने अपने परिवार में एक मिद्यानी स्त्री को ले आया।
जिससे पृथ्वी पर धर्मात्माओं का जितना रक्त बहाया गया − धर्मी हाबिल के रक्त से ले कर बेरेकयाह के पुत्र जकर्याह के रक्त तक, जिसे तुम लोगों ने मन्दिर और वेदी के बीच मार डाला था − वह सब तुम्हारे सिर पर पड़े।
यह परमेश्वर पर निर्भर रहा। यदि परमेश्वर इससे प्रसन्न है, तो अब इसे छुड़ाये; क्योंकि इसने कहा था, ‘मैं परमेश्वर का पुत्र हूँ।’ ”
पर मुझे शत्रुओं की चिढ़ का भय था; ऐसा न हो कि उनके बैरियों को भ्रम हो, और वे यह कहें, “हमने अपने भुजबल से विजय प्राप्त की है। प्रभु ने यह सब नहीं किया।”
कनानी जाति तथा इस देश में रहने वाली अन्य जातियां हमारी पराजय के विषय में सुनेंगी। वे हमें घेर लेंगी, और पृथ्वी से हमारा नामो-निशान मिटा डालेंगी। तब तू अपने महान नाम के लिए क्या करेगा?’