योएल 2:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उनके सम्मुख पृथ्वी थर्राती है, आकाश कांपता है। सूर्य और चन्द्रमा काले पड़ गए, तारे बुझ गए। पवित्र बाइबल धरती और आकाश तक उनके सामने काँपते हैं। सूरज और चाँद भी काले पड़ जाते हैं और तोर चमकना छोड़ देते हैं। Hindi Holy Bible उनके आगे पृथ्वी कांप उठती है, और आकाश थरथराता है। सूर्य और चन्द्रमा काले हो जाते हैं, और तारे नहीं झलकते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उनके आगे पृथ्वी काँप उठती है, और आकाश थरथराता है। सूर्य और चन्द्रमा काले हो जाते हैं, और तारे नहीं झलकते। सरल हिन्दी बाइबल उनके सामने पृथ्वी तक कांप उठती है, आकाश थरथराता है. सूर्य तथा चंद्रमा धुंधले हो जाते हैं, और तारे चमकना छोड़ देते हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उनके आगे पृथ्वी काँप उठती है, और आकाश थरथराता है। सूर्य और चन्द्रमा काले हो जाते हैं, और तारे नहीं झलकते। (मत्ती 24:29, मर. 13:24,25, प्रका. 6:12,13, प्रका. 8:12, प्रका. 9:2) |
तब धरती में कंपन हुआ, और वह डोल उठी; पर्वतों की नींव कंपित होकर हिल गई; क्योंकि प्रभु अति क्रुद्ध था।
उस दिन आकाश में तारे और नक्षत्र प्रकाश नहीं देंगे; सूर्य उदित होते ही अन्धकार में बदल जाएगा, चन्द्रमा अपना प्रकाश नहीं देगा।
आकाश के तारा-गण बुझ जाएंगे! विस्तृत आकाश खर्रे के कागज की तरह लपेटा जाएगा। जैसे अंजीर वृक्ष से पत्ते झड़ते हैं, जैसे अंगूर की लता से पत्तियां गिरती हैं वैसे आकाश के तारे गिरेंगे!
उस दिन वे समुद्र के गर्जन की तरह इस्राएल पर गुर्राएंगे। यदि कोई व्यक्ति इस्राएल देश पर दृष्टिपात करेगा, तो वह वहाँ यह देखेगा : अन्धकार और संकट के बादल! काले बादलों से प्रकाश छिप जाएगा।
मैंने पृथ्वी को देखा, वह उजाड़ और निर्जन पड़ी थी। मैंने आकाश की ओर दृष्टि की, वहां पूर्ण अन्धकार था।
वह अंधकार का, घोर अंधकार का दिन है। उस दिन बादल छा जाएंगे, और सघन अंधकार फैल जाएगा। गहन कालिमा के सदृश शक्तिशाली असंख्य टिड्डी-सेना पहाड़ी पर बिछी है। ऐसी सेना प्राचीनकाल में न हुई थी, और न इसके पश्चात् आगामी पीढ़ियों में कभी होगी।
मुझ-प्रभु के महान और आतंकपूर्ण दिन के आने के पूर्व सूर्य अंधकार में बदल जाएगा, और चन्द्रमा रक्त में।
‘ओ सोर और सीदोन नगर-राज्यो, ओ पलिश्तीन देश के पंच राज्यो! तुम्हारा मुझसे क्या सम्बन्ध? क्या तुम मेरे काम का प्रतिफल मुझे दोगे? यदि तुम मुझे मेरा प्रतिफल चुका रहे हो तो मैं अविलम्ब, तुरन्त, तुम्हारे सिर पर तुम्हारे कामों का प्रतिफल मढ़ूंगा।
जो कृत्तिका और मृगशीर्ष नक्षत्रों को बनानेवाला है; जो मृत्यु की छाया को सबेरे के प्रकाश में बदलता है; जो दिन को रात के अंधकार में ढालता है; जो सागरों के जल को भाप में बदलकर भूमि की सतह पर वर्षा के रूप में उण्डेलता है, उसका नाम प्रभु है।
प्रभु के सम्मुख पहाड़ कांपते हैं, पहाड़ियाँ हिलने लगती हैं। उसकी उपस्थिति से, पृथ्वी और उस पर रहनेवाले प्राणी, उजड़ जाते हैं।
“उन दिनों के संकट के तुरन्त बाद सूर्य अन्धकारमय हो जाएगा, चन्द्रमा प्रकाश नहीं देगा, तारे आकाश से गिर जाएँगे और आकाश की शक्तियाँ विचलित हो जाएँगी।
उसी समय मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया। पृथ्वी काँप उठी। चट्टानें फट गयीं।
प्रभु के महान् तथा प्रकाशमान दिन के आगमन से पहले सूर्य अन्धकारमय हो जायेगा और चन्द्रमा रक्तमय।
इसके बाद मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन और उस पर विराजमान व्यक्ति को देखा। पृथ्वी और आकाश उसके सामने लुप्त हो गये और उनका कहीं भी पता नहीं चला।
मैं देखता रहा : मेमने ने छठी मोहर खोली और एक भारी भूकम्प हुआ। सूर्य कम्बल की तरह काला हो उठा और पूरा चंद्रमा रक्त की तरह लाल।
चौथे स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर एक तिहाई सूर्य, एक तिहाई चन्द्रमा और एक तिहाई नक्षत्रों पर आघात हुआ, जिससे उनका एक तिहाई भाग अन्धकारमय हो गया : दिन के एक तिहाई भाग में प्रकाश नहीं होता था और रात की भी यही दशा थी।
उसने अगाध गर्त्त का विवर खोला। इस पर विवर में से दूआँ निकला, जो बड़ी भट्टी के धूएँ-जैसा था और विवर के धूएँ से सूर्य और वायुमण्डल अन्धकारमय हो गया।