जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’
योएल 1:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) खेत उजड़ गए, भूमि रो रही है। अन्न नष्ट हो गया, अंगूर की नई फसल बर्बाद हो गई। अंजीर का तेल सूख गया। पवित्र बाइबल खेत उजड़ गये हैं। यहाँ तक कि धरती भी रोती है क्योंकि अनाज नष्ट हुआ है, नया दाखमधु सूख गया है और जैतून का तेल समाप्त हो गया है। Hindi Holy Bible खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नाश हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नष्ट हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है। सरल हिन्दी बाइबल खेत नष्ट हो गये हैं, ज़मीन सूख गई है; अनाज नष्ट हो गया है, नई दाखमधु सूख गई है, जैतून का तेल समाप्त होता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 खेती मारी गई, भूमि विलाप करती है; क्योंकि अन्न नाश हो गया, नया दाखमधु सूख गया, तेल भी सूख गया है। |
जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’
अंगूर का रस उपलब्ध न होने के कारण गलियों में चीत्कार मचा है; आनन्द को पाला मार गया! देश से हर्ष विदा हो गया!
अंगूर की नई फसल भी शोक मना रही है; अंगूर-उद्यान भी सूख गया। आनन्द मनानेवाले ठण्डी आहें भर रहे हैं।
उन्होंने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़ कर मुझसे अपना रोना रो रहा है। सारा देश ही उजड़ गया है, परन्तु किसी के हृदय में इसका दु:ख नहीं है।
कब तक देश विलाप करता रहेगा? कब तक हमारे चरागाह की घास सूखती रहेगी? क्योंकि देशवासियों के दुष्कर्मों के कारण पशु और पक्षी भी नष्ट हो गए हैं: ये दुष्कर्मी कहते हैं, ‘प्रभु हमारा आचरण नहीं देखता है।’
मोआब की उपजाऊ भूमि से आनन्द और हर्ष विदा हो गए। मैंने अंगूर रस-कुण्डों में रस सुखा दिया, अब हंसते-गाते किसान रसकुण्डों से रस नहीं निकालते। उनके मुंह से हर्ष की आवाज नहीं निकलती।
इस कारण देश मृत्यु-शोक मना रहा है, सब निवासी कष्ट से मुरझा गए हैं; वन-पशु, आकाश के पक्षी; समुद्र की मछलियाँ भी मर गई हैं।
पर तू खलियान के अन्न से, अंगूर के कुण्ड से भी तृप्त न होगा। नया अंगूर-रस भी तुझे तृप्त न कर सकेगा।
अंगूर-उद्यान सूख गए। अंजीर के वृक्ष मुरझा गए। अनार, खजूर, सेब, मैदान के सब वृक्ष सूख गए। लोगों के चेहरों पर मुर्दनी छा गई।
ओ शराबियो, जागो, और रोओ! ओ शराब पीनेवालो, अंगूर-रस के लिए विलाप करो। वह तुम्हारे मुंह से छिन गया।
प्रभु ने उनकी प्रार्थना का उत्तर दिया। उसने कहा, ‘देखो, मैं अन्न, अंगूर-रस और जैतून का तेल तुम्हें भेज रहा हूं। तुम उन्हें खा-पीकर तृप्त होंगे। मैं तुम्हें अन्य राष्ट्रों में और अधिक बदनाम न होने दूंगा।
तब भूमि पर तुम्हारा सम्पूर्ण परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा; क्योंकि भूमि अपनी उपज न उपजाएगी और न मैदान के वृक्षों के फल लगेंगे।
यद्यपि अंजीर वृक्ष में फूल नहीं आए, अंगूर-लताओं में फल नहीं लगे, जैतून के फलों की फसल नहीं हुई, खेतों में भी अन्न नहीं उपजा, बाड़ों में भेड़-बकरी नहीं रही, और पशुशालाओं में गाय-बैल नहीं रहे,
मैंने मैदान और पहाड़ों पर अकाल को प्रेषित किया है। मैंने अन्न, अंगूर के रस और तेल का, तथा भूमि पर उपजनेवाली सब प्रकार की वनस्पति का अकाल किया है। मैंने मनुष्य और पशु पर, उनके कामों और परिश्रम पर सूखा डाला है।’
देखो, मैं तुम्हारी संतान को ताड़ित करूंगा। तुम्हारे मुंह पर तुम्हारे बलि-पशुओं की अंतड़ियां फेंकूंगा। मैं अपने सम्मुख से तुम्हें निकाल दूंगा।