पृथ्वी के समस्त राष्ट्र तेरे वंश के द्वारा मुझसे आशिष प्राप्त करेंगे; क्योंकि तूने मेरी आज्ञा सुनकर उसका पालन किया।’
यूहन्ना 8:56 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम्हारे पूर्वज अब्राहम यह जान कर उल्लसित हुए कि वह मेरा दिन देखेंगे और वह उसे देख कर आनन्दविभोर हुए।” पवित्र बाइबल तुम्हारा पूर्वज इब्राहीम मेरे दिन को देखने की आशा से आनन्द से भर गया था। उसने देखा और प्रसन्न हुआ।” Hindi Holy Bible तुम्हारा पिता इब्राहीम मेरा दिन देखने की आशा से बहुत मगन था; और उस ने देखा, और आनन्द किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम्हारा पिता अब्राहम मेरा दिन देखने की आशा से बहुत मगन था; और उसने देखा और आनन्द किया।” नवीन हिंदी बाइबल तुम्हारा पिता अब्राहम मेरे दिन को देखने के लिए मगन था, और उसने देखा भी तथा आनंदित हुआ।” सरल हिन्दी बाइबल तुम्हारे पिता अब्राहाम मेरा दिन देखने की आशा में मगन हुए थे. उन्होंने इसे देखा और आनंदित हुए.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम्हारा पिता अब्राहम मेरा दिन देखने की आशा से बहुत मगन था; और उसने देखा, और आनन्द किया।” |
पृथ्वी के समस्त राष्ट्र तेरे वंश के द्वारा मुझसे आशिष प्राप्त करेंगे; क्योंकि तूने मेरी आज्ञा सुनकर उसका पालन किया।’
मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : तुम जो बातें देख रहे हो, उन्हें कितने ही नबी और धर्मात्मा देखना चाहते थे; परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं देखा और तुम जो बातें सुन रहे हो, वे उन्हें सुनना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं सुना।
क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ−तुम जो कुछ देख रहो हो, उन्हें कितने ही नबी और राजा देखना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं देखा और जो बातें तुम सुन रहे हो, वे उन्हें सुनना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं सुना।”
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैंने तुम लोगों को बताया और तुम विश्वास नहीं करते। जो कार्य मैं अपने पिता के नाम पर करता हूँ, वे ही मेरे विषय में साक्षी देते हैं।
“मैं जानता हूँ कि तुम अब्राहम की सन्तान हो। फिर भी तुम मुझे मार डालने की ताक में रहते हो, क्योंकि मेरा वचन तुम्हारे हृदय में घर नहीं कर सका।
उन्होंने उत्तर दिया, “हमारे पिता अब्राहम हैं।” इस पर येशु ने उन से कहा, “यदि तुम अब्राहम के वंशज होते, तो अब्राहम के सदृश कार्य करते।
प्रतिज्ञा का फल पाये बिना ये सब विश्वास करते हुए मर गये। परन्तु उन्होंने उसको दूर से देखा और उसका स्वागत किया। वे अपने को पृथ्वी पर परदेशी तथा प्रवासी मानते थे।
वे सब अपने विश्वास के कारण परमेश्वर के कृपापात्र समझे गये। फिर भी उन्हें प्रतिज्ञा का फल प्राप्त नहीं हुआ,