क्योंकि योहन आए, पर वह साधारण मनुष्य के समान खाते-पीते नहीं थे। और लोग कहते हैं : ‘उन में भूत है।’
यूहन्ना 8:52 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धर्मगुरुओं ने कहा, “अब हमें पक्का विश्वास हो गया है कि तुम में भूत है। अब्राहम और नबी मर गये, किन्तु तुम कहते हो, ‘यदि कोई मेरे वचन का पालन करेगा, तो वह कभी मृत्यु का स्वाद नहीं चखेगा।’ पवित्र बाइबल इस पर यहूदी नेताओं ने उससे कहा, “अब हम यह जान गये हैं कि तुम में कोई दुष्टात्मा समाया है। यहाँ तक कि इब्राहीम और नबी भी मर गये और तू कहता है यदि कोई मेरे उपदेश पर चले तो उसकी मौत कभी नहीं होगी। Hindi Holy Bible यहूदियों ने उस से कहा, कि अब हम ने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: इब्राहीम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, कि यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्त काल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यहूदियों ने उस से कहा, “अब हम ने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है। अब्राहम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं; और तू कहता है, ‘यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्त काल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।’ नवीन हिंदी बाइबल तब यहूदियों ने उससे कहा, “अब हम समझ गए कि तुझमें दुष्टात्मा है। अब्राहम मर गया और भविष्यवक्ता भी मर गए, परंतु तू कहता है,‘यदि कोई मेरे वचन का पालन करेगा तो वह अनंत काल तक मृत्यु का स्वाद नहीं चखेगा।’ सरल हिन्दी बाइबल इस पर यहूदियों ने मसीह येशु से कहा, “अब हमें निश्चय हो गया कि तुममें दुष्टात्मा है. अब्राहाम और भविष्यद्वक्ताओं की मृत्यु हो चुकी और तुम कहते हो कि जो कोई तुम्हारी शिक्षा का पालन करेगा, उसकी मृत्यु कभी न होगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 लोगों ने उससे कहा, “अब हमने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: अब्राहम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, ‘यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।’ |
क्योंकि योहन आए, पर वह साधारण मनुष्य के समान खाते-पीते नहीं थे। और लोग कहते हैं : ‘उन में भूत है।’
योहन की साक्षी यह है : जब यहूदी धर्म-गुरुओं ने यरूशलेम से पुरोहितों और लेवियों को योहन के पास यह पूछने भेजा कि आप कौन हैं,
येशु ने उसे उत्तर दिया, “जो मुझ से प्रेम करेंगे, वे मेरे वचन का पालन करेंगे और मेरा पिता उन से प्रेम करेगा और हम उनके पास आएँगे और उनके साथ निवास करेंगे।
मैंने तुम से जो बात कही, उसे स्मरण रखो : सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता। यदि उन्होंने मुझे सताया, तो वे तुम्हें भी सताएँगे। यदि उन्होंने मेरे वचन का पालन किया, तो वे तुम्हारे वचन का भी पालन करेंगे।
“तूने जिन लोगों को संसार में से चुन कर मुझे सौंपा, उन पर मैंने तेरा नाम प्रकट किया है। वे तेरे थे। तूने उन्हें मुझे सौंपा और उन्होंने तेरे वचन का पालन किया है।
इस पर यहूदी धर्मगुरुओं ने कहा, “कहीं यह आत्महत्या तो नहीं करेगा? यह तो कहता है, ‘मैं जहाँ जा रहा हूँ, तुम वहाँ नहीं आ सकते।’ ”
यहुदी धर्मगुरुओं ने येशु से कहा, “क्या हमारा यह कहना ठीक नहीं कि तुम सामरी हो और तुम में भूत है?”
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : यदि कोई मेरे वचन का पालन करेगा, तो वह कभी मृत्यु का स्वाद नहीं चखेगा।”
यद्यपि तुम उसे नहीं जानते− पर मैं उसे जानता हूँ। यदि मैं कहता कि उसे नहीं जानता, तो मैं तुम्हारी तरह झूठा बन जाता। किन्तु मैं उसे जानता हूँ और उसके वचन का पालन करता हूँ।
अत: फरीसियों ने उसे, जो पहले अन्धा था, दूसरी बार बुलाया और उससे कहा, “परमेश्वर की स्तुति करो। हम जानते हैं कि वह मनुष्य पापी है।”
प्रतिज्ञा का फल पाये बिना ये सब विश्वास करते हुए मर गये। परन्तु उन्होंने उसको दूर से देखा और उसका स्वागत किया। वे अपने को पृथ्वी पर परदेशी तथा प्रवासी मानते थे।
परन्तु हम यह देखते हैं कि येशु कुछ काल के लिए स्वर्गदूतों से छोटे बनाए गए थे, किन्तु मृत्यु की यन्त्रणा सहने के कारण येशु को महिमा और सम्मान का मुकुट पहनाया गया है। इस प्रकार वह परमेश्वर की कृपा से प्रत्येक मनुष्य के लिए मृत्यु का स्वाद चख सके।