योहन का बपतिस्मा किस की ओर से था? स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से?” वे यह कहते हुए आपस में तर्क-वितर्क करने लगे, “यदि हम कहें : ‘स्वर्ग की ओर से’, तो वह हम से कहेंगे, ‘तब आप लोगों ने योहन पर विश्वास क्यों नहीं किया?’
यूहन्ना 8:46 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम में से कौन मुझ पर पाप का दोष लगा सकता है? यदि मैं सत्य बोलता हूँ, तो तुम मुझ पर विश्वास क्यों नहीं करते? पवित्र बाइबल तुममें से कौन मुझ पर पापी होने का लांछन लगा सकता है। यदि मैं सत्य कहता हूँ, तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते? Hindi Holy Bible तुम में से कौन मुझे पापी ठहराता है? और यदि मैं सच बोलता हूं, तो तुम मेरी प्रतीति क्यों नहीं करते? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम में से कौन मुझे पापी ठहराता है? यदि मैं सच बोलता हूँ, तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते? नवीन हिंदी बाइबल तुममें से कौन मुझे पाप का दोषी ठहराता है? यदि मैं सच बोलता हूँ तो क्या कारण है कि तुम मेरा विश्वास नहीं करते? सरल हिन्दी बाइबल तुममें से कौन मुझे पापी प्रमाणित कर सकता है? तो जब मैं सच कहता हूं तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम में से कौन मुझे पापी ठहराता है? और यदि मैं सच बोलता हूँ, तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते? |
योहन का बपतिस्मा किस की ओर से था? स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से?” वे यह कहते हुए आपस में तर्क-वितर्क करने लगे, “यदि हम कहें : ‘स्वर्ग की ओर से’, तो वह हम से कहेंगे, ‘तब आप लोगों ने योहन पर विश्वास क्यों नहीं किया?’
वे यह कहते हुए आपस में तर्क-वितर्क करने लगे, “यदि हम कहें, ‘स्वर्ग की ओर से’, तो वह कहेंगे, ‘तब आप लोगों ने योहन पर विश्वास क्यों नहीं किया?’
“अब मैं तुम से और अधिक बातें नहीं करूँगा, क्योंकि इस संसार का अधिपति आ रहा है। वह मेरा कुछ नहीं कर सकता,
यदि तुम मेरी आज्ञाओं का पालन करोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे; जैसे मैंने भी अपने पिता की आज्ञाओं का पालन किया है और उसके प्रेम में बना रहता हूँ।
इस पर पिलातुस ने उनसे कहा, “तो, तुम राजा हो?” येशु ने उत्तर दिया, “आप ही कह रहे हैं कि मैं राजा हूँ। मैं इसलिए जन्मा और इसलिए संसार में आया हूँ कि सत्य के विषय में साक्षी दूँ। जो सत्य का है, वह मेरी वाणी सुनता है।”
जो परमेश्वर का है, वह परमेश्वर के वचन सुनता है। तुम लोग इसलिए नहीं सुनते कि तुम परमेश्वर के नहीं हो।”
जब वे उन से उत्तर देने के लिए आग्रह करते रहे, तब येशु ने सिर उठा कर उनसे कहा, “तुम में जो निष्पाप हो, वह इसे सब से पहले पत्थर मारे।”
मसीह, जो आप से अपरिचित ही थे, उनको परमेश्वर ने हमारे लिए पाप बना दिया, जिससे हम उनके द्वारा परमेश्वर की धार्मिकता प्राप्त कर सकें।
हमारे महापुरोहित हमारी दुर्बलताओं में हम से सहानुभूति रख सकते हैं, क्योंकि पाप को छोड़ कर सभी बातों में हमारी ही तरह उनकी परीक्षा ली गयी है।
यह उचित ही था कि हमें इस प्रकार के महापुरोहित मिलें, जो पवित्र, निर्दोष, निष्कलंक, पापियों से सर्वथा भिन्न और स्वर्ग से भी उच्चतर हों।