उसके सम्मुख दो गुण्डों को बैठाना। ये नाबोत के विरुद्ध गवाही देंगे, और यह कहेंगे, “तुमने परमेश्वर और राजा को अपशब्द कहे थे।” तब आप नाबोत को नगर से बाहर निकालना, उसको पत्थरों से मारना और उसका वध कर देना।’
यूहन्ना 8:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम लोगों की व्यवस्था में लिखा है कि दो व्यक्तियों की साक्षी मान्य है। पवित्र बाइबल तुम्हारे विधान में लिखा है कि दो व्यक्तियों की साक्षी न्याय संगत है। Hindi Holy Bible और तुम्हारी व्यवस्था में भी लिखा है; कि दो जनों की गवाही मिलकर ठीक होती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम्हारी व्यवस्था में भी लिखा है कि दो जनों की गवाही मिलकर ठीक होती है; नवीन हिंदी बाइबल फिर तुम्हारी व्यवस्था में भी लिखा है कि दो मनुष्यों की साक्षी सच्ची है। सरल हिन्दी बाइबल तुम्हारी व्यवस्था में ही यह लिखा है कि दो व्यक्तियों की गवाही सच के रूप में स्वीकार की जा सकती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और तुम्हारी व्यवस्था में भी लिखा है; कि दो जनों की गवाही मिलकर ठीक होती है। |
उसके सम्मुख दो गुण्डों को बैठाना। ये नाबोत के विरुद्ध गवाही देंगे, और यह कहेंगे, “तुमने परमेश्वर और राजा को अपशब्द कहे थे।” तब आप नाबोत को नगर से बाहर निकालना, उसको पत्थरों से मारना और उसका वध कर देना।’
किसी की हत्या करने वाले व्यक्ति को गवाहों की गवाही के आधार पर मृत्यु-दण्ड नहीं दिया जाएगा।
यदि वह तुम्हारी बात नहीं मानता है, तो अपने साथ दो-एक व्यक्तियों को ले जाओ ताकि दो या तीन गवाहों के सामने सब कुछ प्रमाणित हो जाए।
येशु ने कहा, “क्या तुम लोगों की व्यवस्था में यह नहीं लिखा है, ‘मैंने कहा : तुम ईश्वर हो’?
यह इसलिए हुआ कि उनकी व्यवस्था का यह कथन पूरा हो जाए; ‘उन्होंने अकारण ही मुझ से बैर किया।’
अब मैं तीसरी बार आप लोगों के यहाँ आने वाला हूँ। धर्मग्रन्थ में कहा गया है, “दो या तीन गवाहों की गवाही द्वारा सब कुछ प्रमाणित किया जाएगा।”
इस प्रकार मसीह के पास लाने के लिए व्यवस्था हमारी सरंक्षक रही, जिससे हम विश्वास के द्वारा धार्मिक ठहरें।
आप जो व्यवस्था के अधीन रहना चाहते हैं, मुझे यह बताइए : क्या आप यह नहीं सुनते कि व्यवस्था क्या कहती है?
‘जिस व्यक्ति पर मृत्यु-दण्ड का आरोप है, उसे दो अथवा तीन व्यक्तियों की गवाही के आधार पर मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। एक गवाह की गवाही के आधार पर किसी को मृत्यु-दण्ड नहीं दिया जाएगा।
‘किसी मनुष्य के विरुद्ध उसके कुकर्म अथवा पाप के विषय में, चाहे उसने किसी भी प्रकार का पाप क्यों न किया हो, केवल एक व्यक्ति की गवाही प्रमाणित नहीं मानी जाएगी, वरन् दो या तीन व्यक्तियों की गवाही के आधार पर अभियोग प्रमाणित माना जाएगा।
जो व्यक्ति मूसा की व्यवस्था का उल्लंघन करता है, यदि उसे दो या तीन गवाहों के आधार पर निर्ममता से प्राण-दण्ड दिया जाता है,
हम मनुष्यों की साक्षी स्वीकार करते हैं, किन्तु परमेश्वर की साक्षी निश्चय ही कहीं अधिक प्रामाणिक है। उसकी साक्षी यह है कि परमेश्वर ने अपने पुत्र के विषय में साक्षी दी है।
मैं अपने दो सािक्षयों को आदेश दूँगा कि वे उन बारह सौ साठ दिनों तक टाट ओढ़े नबूवत करते रहें।”