‘जब मैंने तेरी मां के पेट में तुझे गढ़ा, उसके पहले से मैंने तुझे चुना है। तेरे जन्म लेने के पूर्व ही मैंने नबी-कार्य के लिए तेरा अभिषेक किया है। मैंने राष्ट्रों के लिए तुझे नबी नियुक्त किया है।’
यूहन्ना 3:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) योहन ने उत्तर दिया, “जब तक मनुष्य को स्वर्ग से न दिया जाए, वह कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता है। पवित्र बाइबल जवाब में यूहन्ना ने कहा, “किसी आदमी को तब तक कुछ नहीं मिल सकता जब तक वह उसे स्वर्ग से न दिया गया हो। Hindi Holy Bible यूहन्ना ने उत्तर दिया, जब तक मनुष्य को स्वर्ग से न दिया जाए तब तक वह कुछ नहीं पा सकता। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यूहन्ना ने उत्तर दिया, “जब तक मनुष्य को स्वर्ग से न दिया जाय, तब तक वह कुछ नहीं पा सकता। नवीन हिंदी बाइबल इस पर यूहन्ना ने कहा, “जब तक स्वर्ग से न दिया जाए, मनुष्य कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता। सरल हिन्दी बाइबल इस पर योहन ने कहा, “कोई भी तब तक कुछ प्राप्त नहीं कर सकता, जब तक उसे स्वर्ग से न दिया जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यूहन्ना ने उत्तर दिया, “जब तक मनुष्य को स्वर्ग से न दिया जाए, तब तक वह कुछ नहीं पा सकता। |
‘जब मैंने तेरी मां के पेट में तुझे गढ़ा, उसके पहले से मैंने तुझे चुना है। तेरे जन्म लेने के पूर्व ही मैंने नबी-कार्य के लिए तेरा अभिषेक किया है। मैंने राष्ट्रों के लिए तुझे नबी नियुक्त किया है।’
प्रभु, मैंने उन पर विपत्ति भेजने के लिए तुझ पर जोर नहीं डाला था; तू जानता है कि मैंने विनाश-दिवस की कामना नहीं की थी। जो कुछ मेरे ओंठों से निकला है, वह सब तू जानता है।
मैं रेवड़ को चराता था। प्रभु ने मुझे अपना नबी बनाने के लिए वहां से चुना। उसने मुझे यह आदेश दिया, “जा, मेरे लोग इस्राएलियों का नबी बन।”
जिस व्यक्ति को मैं चुनूंगा, उसकी लाठी में अंकुर निकल आएंगे। इस प्रकार मैं इस्राएलियों की बक-बक, जिसे वे तुम्हारे विरुद्ध करते हैं, अपने ऊपर से दूर करूंगा।’
योहन का बपतिस्मा किस की ओर से था? स्वर्ग की ओर से या मनुष्यों की ओर से?” वे यह कहते हुए आपस में तर्क-वितर्क करने लगे, “यदि हम कहें : ‘स्वर्ग की ओर से’, तो वह हम से कहेंगे, ‘तब आप लोगों ने योहन पर विश्वास क्यों नहीं किया?’
उसने प्रत्येक को उसकी योग्यता के अनुसार दिया : एक सेवक को सोने के पाँच सिक्के दूसरे को सोने के दो सिक्के और तीसरे को सोने का एक सिक्का दिया। इसके बाद वह विदेश चला गया।
यह कुछ ऐसा है, जैसे कोई मनुष्य अपना घर छोड़कर विदेश चला गया हो। उसने अपने घर का भार अपने सेवकों को सौंप दिया हो, हर एक को उसका काम बता दिया हो और द्वारपाल को जागते रहने का आदेश दिया हो।
बहुत लोग उनके पास आए। वे कहते थे, “योहन ने तो कोई आश्चर्यपूर्ण चिह्न नहीं दिखाया, परन्तु उन्होंने इनके विषय में जो कुछ कहा, वह सब सच निकला।”
उन्होंने कहा, “इसलिए मैंने तुम लोगों से कहा था कि जब तक पिता से यह वरदान न मिले, कोई मेरे पास नहीं आ सकता।”
उन्हीं येशु से हमें प्रेरित बनने का वरदान मिला है कि उनके नाम के निमित्त सब जातियों के लोग विश्वास की अधीनता स्वीकार करें।
हम को प्राप्त अनुग्रह के अनुसार हमारे वरदान भी भिन्न-भिन्न होते हैं। हमें नबूवत का वरदान मिला, तो विश्वास के अनुरूप उसका उपयोग करें;
कुरिन्थुस नगर में परमेश्वर की कलीसिया के नाम पौलुस का, जो परमेश्वर की इच्छा द्वारा येशु मसीह का प्रेरित होने के लिए बुलाया गया है, और भाई सोस्थेनेस का पत्र।
एक ही और वही आत्मा यह सब करता है। वह अपनी इच्छा के अनुसार प्रत्येक को अलग-अलग वरदान देता है।
मैं जो कुछ भी हूँ परमेश्वर की कृपा से हूँ और जो कृपा मुझे उससे मिली, वह व्यर्थ नहीं हुई। मैंने उन सबसे अधिक परिश्रम किया है-मैंने नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा ने, जो मुझ में विद्यमान है।
अपुल्लोस क्या है? पौलुस क्या है? हम तो धर्मसेवक मात्र हैं, जिन के माध्यम से आप लोग विश्वासी बने, हममें प्रत्येक ने वही कार्य किया, जिसे प्रभु ने उस को सौंपा।
कौन है वह, जो तुम को दूसरों की अपेक्षा अधिक महत्व देता है? तुम्हारे पास क्या है, जो तुम्हें न दिया गया हो? और यदि तुम को सब कुछ दान में मिला है, तो इस पर क्यों गर्व करते हो, मानो यह तुम्हें न दिया गया हो?
यह पत्र मुझ-पौलुस की ओर से है, जो न तो मनुष्यों की ओर से और न किसी मनुष्य द्वारा प्रेरित नियुक्त हुआ हूँ, बल्कि स्वयं येशु मसीह और पिता-परमेश्वर ने मुझे प्रेरित नियुक्त किया है, जिसने उन्हें मृतकों में से पुनर्जीवित किया।
इफिसुस नगर के सन्तों और येशु मसीह में सच्चे विश्वासियों के नाम पौलुस का पत्र, जो परमेश्वर की इच्छा से येशु मसीह का प्रेरित नियुक्त हुआ है।
मैं सच कहता हूँ, झूठ नहीं बोलता। मैं इसी का प्रचारक तथा प्रेरित, गैर-यहूदियों के लिए विश्वास तथा सत्य का शिक्षक नियुक्त हुआ हूँ।
सभी उत्तम दान और सभी पूर्ण वरदान ऊपर के हैं और नक्षत्रों के उस सृष्टिकर्ता पिता के यहाँ से उतरते हैं, जिस में न तो कोई परिवर्तन है और न परिक्रमा के कारण कोई अन्धकार।