तो तू उसे क्षमा कर अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है।
यूहन्ना 2:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्हें यह आवश्यकता नहीं थी कि कोई उन्हें मनुष्य के विषय में बताए; क्योंकि वह स्वयं जानते थे कि मनुष्य के मन में क्या है। पवित्र बाइबल उसे इस बात की कोई जरूरत नहीं थी कि कोई आकर उसे लोगों के बारे में बताए, क्योंकि लोगों के मन में क्या है, इसे वह जानता था। Hindi Holy Bible और उसे प्रयोजन न था, कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप ही जानता था, कि मनुष्य के मन में क्या है पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और उसे आवश्यकता न थी कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप ही जानता था कि मनुष्य के मन में क्या है? नवीन हिंदी बाइबल और उसे आवश्यकता नहीं थी कि मनुष्य के विषय में कोई साक्षी दे, क्योंकि वह जानता था कि मनुष्य के मन में क्या है। सरल हिन्दी बाइबल उन्हें मनुष्य के विषय में मनुष्य की गवाही की ज़रूरत नहीं थी. वह जानते थे कि मनुष्य क्या है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसे प्रयोजन न था कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप जानता था कि मनुष्य के मन में क्या है? |
तो तू उसे क्षमा कर अपने निवास-स्थान स्वर्ग से उसकी प्रार्थना सुनना और कार्य करना। प्रत्येक मनुष्य को, जिसका हृदय तू जानता है, उसके कार्य के अनुरूप फल देना। प्रभु, केवल तू मनुष्य के हृदय को जानता है।
प्रभु का भय ही उसका आनन्द होगा। वह केवल मुंह देखकर न्याय नहीं करेगा; वह केवल कान से सुनकर निर्णय नहीं देगा;
और वह उसे येशु के पास ले गया। येशु ने उसे ध्यान से देखा और कहा, “तुम योहन के पुत्र सिमोन हो। तुम केफा (अर्थात् चट्टान) कहलाओगे।”
येशु ने नतनएल को अपने पास आते देखा, तो उसके विषय में कहा, “देखो, यह एक सच्चा इस्राएली है। इस में कोई कपट नहीं।”
वह जानते थे कि कौन उनके साथ विश्वासघात करेगा। इसलिए उन्होंने कहा, “तुम सब-के-सब शुद्ध नहीं हो।”
येशु ने मन में जाना कि मेरे शिष्य इस पर भुनभुना रहे हैं, तो उन्होंने उन से कहा, “क्या तुम इसी से विचलित हो रहे हो?
फिर भी तुम में से अनेक मुझ पर विश्वास नहीं करते।” येशु तो प्रारम्भ से ही यह जानते थे कि कौन मुझ पर विश्वास नहीं करते और कौन मेरे साथ विश्वासघात करेगा।
जब उन पर विपत्तियों और कष्टों का पहाड़ टूट पड़ेगा, तब यह गीत उनके विरुद्ध साक्षी देगा! (क्योंकि उनके वंशज भी इस गीत को कभी विस्मृत नहीं कर सकेंगे) इस देश में, जिसको प्रदान करने की शपथ मैंने खाई थी, उनके प्रवेश करने के पूर्व से मैं उनकी योजनाओं को, जो ये बना रहे हैं, जानता हूँ।’