यूहन्ना 18:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने उत्तर दिया, “मैं संसार के सामने प्रकट रूप से बोला हूँ। मैंने सदा सभागृह और मन्दिर में, जहाँ सब धर्मगुरु एकत्र हुआ करते हैं, शिक्षा दी है। मैंने गुप्त रूप से कुछ नहीं कहा। पवित्र बाइबल यीशु ने उसे उत्तर दिया, “मैंने सदा लोगों के बीच हर किसी से खुल कर बात की है। सदा मैंने आराधनालयों में और मन्दिर में, जहाँ सभी यहूदी इकट्ठे होते हैं, उपदेश दिया है। मैंने कभी भी छिपा कर कुछ नहीं कहा है। Hindi Holy Bible यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि मैं ने जगत से खोलकर बातें की; मैं ने सभाओं और आराधनालय में जहां सब यहूदी इकट्ठे हुआ करते हैं सदा उपदेश किया और गुप्त में कुछ भी नहीं कहा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यीशु ने उसको उत्तर दिया, “मैं ने संसार से खुलकर बातें कीं; मैं ने आराधनालयों और मन्दिर में, जहाँ सब यहूदी इकट्ठे हुआ करते हैं, सदा उपदेश किया और गुप्त में कुछ भी नहीं कहा। नवीन हिंदी बाइबल इस पर यीशु ने उससे कहा,“मैंने संसार से खुलकर बातें की हैं। मैंने सदा आराधनालय और मंदिर-परिसर में जहाँ सब यहूदी एकत्रित होते हैं, उपदेश दिया, और गुप्त में कुछ भी नहीं कहा। सरल हिन्दी बाइबल मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैंने संसार से खुलकर बातें की हैं. मैंने हमेशा सभागृहों और मंदिर में शिक्षा दी है, जहां सभी यहूदी इकट्ठा होते हैं. गुप्त में मैंने कभी भी कुछ नहीं कहा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यीशु ने उसको उत्तर दिया, “मैंने जगत से खुलकर बातें की; मैंने आराधनालयों और मन्दिर में जहाँ सब यहूदी इकट्ठा हुआ करते हैं सदा उपदेश किया और गुप्त में कुछ भी नहीं कहा। |
मैंने आराधकों की महासभा में मुक्ति का संदेश सुनाया। देख, मैंने अपने ओंठों को बन्द नहीं किया; प्रभु! तू यह जानता ही है।
मैंने किसी गुप्त स्थान में, या कहीं अंधकारमय क्षेत्र में नहीं कहा; मैंने याकूब के वंशजों से यह नहीं कहा, “मुझे निर्जन स्थान में ढूंढ़ना।” मैं प्रभु हूं, मैं केवल सच बोलता हूं; मैं उचित बात बताता हूं।’
समीप आओ, मेरी यह बात सुनो। आरम्भ से ही मैंने तुमसे गुप्त रूप में कोई बात नहीं कही। सृष्टि के रचना-काल से मैं वहाँ हूं।’ − अब स्वामी प्रभु ने मुझे अपने आत्मा के साथ भेजा है।
“यदि वे तुम से कहें, ‘देखो, वह निर्जन प्रदेश में हैं’, तो वहाँ नहीं जाना; अथवा, ‘देखो, वह यहाँ कोठरी में हैं’, तो विश्वास नहीं करना;
उस समय येशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम लोग मुझे डाकू समझते हो, जो तलवारें और लाठियाँ ले कर मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मन्दिर में बैठ कर शिक्षा दिया करता था, फिर भी तुम ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया।
इस पर प्रधान महापुरोहित ने अपने वस्त्र फाड़े और कहा, “इसने ईश-निन्दा की है। तो अब हमें गवाहों की जरूरत ही क्या है? अभी-अभी आप लोगों ने ईश-निन्दा सुनी है।
येशु समस्त गलील प्रदेश में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्य के शुभ-समाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी और निर्बलता दूर करते थे।
येशु सब नगरों और गाँवों में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्य के शुभसमाचार का प्रचार करते, और हर तरह की बीमारी और दुर्बलता दूर करते रहे।
येशु दिन में मन्दिर में शिक्षा देते थे, परन्तु रात को वह नगर के बाहर निकल कर जैतून नामक पहाड़ पर रात बिताते थे।
यह आप मुझ से क्यों पूछते हैं? उन से पूछिए, जिन्होंने मेरी शिक्षा सुनी है। वे जानते हैं कि मैंने क्या-क्या कहा है।”
देखो तो, यह प्रकट रूप से बोल रहा है और वे इस से कुछ नहीं कहते। क्या उन्होंने सचमुच मान लिया कि यह मसीह है?
येशु ने मन्दिर में शिक्षा देते हुए पुकार कर कहा, “तुम मुझे जानते हो और यह भी जानते हो कि मैं कहाँ का हूँ। मैं अपनी इच्छा से नहीं आया हूँ। जिसने मुझे भेजा है, वह सच्चा है और तुम उसे नहीं जानते।
जो नाम कमाना चाहता है, वह छिप कर काम नहीं करता। जब आप ऐसे कार्य करते ही हैं, तो अपने को दुनिया के सामने प्रकट कर दीजिए।” (
येशु बड़े सबेरे फिर मन्दिर में आए। सारी जनता उनके पास इकट्ठी हो गयी और वह बैठ कर लोगों को शिक्षा देने लगे।
तुम्हारे विषय में मुझे बहुत कुछ कहना है, और निर्णय करना है, किन्तु जिसने मुझे भेजा है, वह सच्चा है; और जो कुछ मैंने उससे सुना है, वही संसार को बताता हूँ।”
महाराज को इन बातों की जानकारी है, इसलिए मैं उनके सामने निस्संकोच बोल रहा हूं। मुझे निश्चय है कि इन बातों में एक भी इन से छिपी हुई नहीं है; क्योंकि यह घटना किसी अंधेरी कोठरी में नहीं घटी है।