प्रभु की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, सम्मत्ति और सामर्थ्य की आत्मा, ज्ञान और प्रभु के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी।
यूहन्ना 16:13 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब वह, अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तब वह सम्पूर्ण सत्य में तुम्हारा मार्गदर्शन करेगा; क्योंकि वह अपनी ओर से नहीं कहेगा, बल्कि वह जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा और तुम्हें आने वाली बातों के विषय में बताएगा। पवित्र बाइबल किन्तु जब सत्य का आत्मा आयेगा तो वह तुम्हें पूर्ण सत्य की राह दिखायेगा क्योंकि वह अपनी ओर से कुछ नहीं कहेगा। वह जो कुछ सुनेगा वही बतायेगा। और जो कुछ होने वाला है उसको प्रकट करेगा। Hindi Holy Bible परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा परन्तु जो कुछ सुनेगा वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। नवीन हिंदी बाइबल परंतु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो संपूर्ण सत्य में तुम्हारा मार्गदर्शन करेगा; क्योंकि वह अपनी ओर से कुछ नहीं कहेगा, बल्कि जो कुछ सुनेगा वही कहेगा और आनेवाली बातों को तुम पर प्रकट करेगा। सरल हिन्दी बाइबल जब सहायक—सच्चाई का आत्मा—आएंगे, वह सारी सच्चाई में तुम्हारा मार्गदर्शन करेंगे. वह अपनी ओर से कुछ नहीं कहेंगे, परंतु वही कहेंगे, जो वह सुनते हैं. वह तुम्हारे लिए आनेवाली घटनाओं को उजागर करेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जब वह अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। |
प्रभु की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, सम्मत्ति और सामर्थ्य की आत्मा, ज्ञान और प्रभु के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी।
‘इसके पश्चात् यह घटना घटेगी: मैं सब मनुष्यों पर अपना आत्मा उण्डेलूंगा; तुम्हारे पुत्र और तुम्हारी पुत्रियां नबूवत करेंगी। तुम्हारे वृद्धजन स्वप्न-द्रष्टा होंगे; तुम्हारे युवक दर्शन देखेंगे।
मैंने अपनी ओर से कुछ नहीं कहा। किन्तु पिता ने, जिसने मुझे भेजा है, आदेश दिया है कि मुझे क्या कहना और क्या बोलना है।
वह सत्य का आत्मा है, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह उसे न तो देखता है और न जानता है। तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है और तुम में रहेगा।
परन्तु ‘सहायक’, अर्थात् पवित्र आत्मा, जिसे पिता मेरे नाम पर भेजेगा, तुम्हें सब कुछ सिखाएगा। जो कुछ मैंने तुम से कहा है, वह उसका स्मरण तुम्हें कराएगा।
येशु ने कहा, “मार्ग, सत्य और जीवन मैं हूँ। मुझ से हो कर गये बिना कोई पिता के पास नहीं आ सकता।
“परन्तु जब सहायक आएगा, जिसे मैं पिता के यहाँ से तुम्हारे पास भेजूँगा, अर्थात् सत्य का आत्मा, जो पिता से निकलता है, तब वह मेरे विषय में साक्षी देगा।
उसने जो कुछ देखा और सुना है, वह उसी की साक्षी देता है; किन्तु उसकी साक्षी कोई स्वीकार नहीं करता।
मैंने अपने पिता के यहाँ जो देखा है, वही कहता हूँ और तुम लोगों ने अपने पिता से जो सुना है, वही करते हो।”
उन में एक, जिसका नाम अगबुस था, उठ खड़ा हुआ और आत्मा की प्रेरणा से बोला कि सारी पृथ्वी पर घोर अकाल पड़ने वाला है। यह अकाल वास्तव में सम्राट क्लौदियुस के राज्यकाल में पड़ा।
केवल यह जानता हूं कि प्रत्येक नगर में पवित्र आत्मा मुझे स्पष्ट चेतावनी दे रहा है कि वहाँ बेड़ियाँ और कष्ट मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मुझ से कहा, ‘पौलुस, डरिए नहीं। आप को रोमन सम्राट के सामने उपस्थित होना ही है। और देखिए, परमेश्वर ने आपके सब सहयात्री आपको दे दिये हैं।’
वे सब दण्डित किये जायें, जिन्होंने सत्य पर विश्वास नहीं किया और अधर्म का पक्ष लिया है।
कोई आप लोगों को किसी भी तरह न बहकाये। वह दिन तब तक नहीं आ सकता जब तक पहले धर्म-विद्रोह न हो जाये और वह “अधर्म-पुरुष” प्रकट न हो, जिसका विनाश अनिवार्य है।
प्राचीन काल में परमेश्वर बारम्बार और विविध रूपों में हमारे पूर्वजों से नबियों द्वारा बोला था।
जो अभिषेक तुम लोगों ने मसीह से प्राप्त किया है, वह तुम में विद्यमान रहता है; इसलिए तुम को आवश्यकता नहीं कि कोई व्यक्ति तुम्हें सिखाए। मसीह से प्राप्त हुआ अभिषेक ही तुम्हें सब कुछ सिखलाता है। उसकी शिक्षा सत्य है, असत्य नहीं। उस शिक्षा के अनुसार तुम मसीह में बने रहो।
किन्तु हम परमेश्वर के हैं और जो परमेश्वर को जानता है, वह हमारी सुनता है। जो परमेश्वर का नहीं है, वह हमारी बात सुनना नहीं चाहता। हम इस प्रकार सत्य की आत्मा और भ्रान्ति की आत्मा को जान सकते हैं।
वह येशु मसीह ही हैं जिनका आगमन जल और रक्त द्वारा हुआ-न केवल जल में, बल्कि जल और रक्त में। आत्मा इसके विषय में साक्षी देता है, क्योंकि आत्मा सत्य है।
यह येशु मसीह का प्रकाशन है। यह उन्हें परमेश्वर की ओर से प्राप्त हुआ जिससे वह अपने सेवकों को निकट भविष्य में होने वाली घटनाएँ दिखायें। उन्होंने अपने दूत को भेज कर इस प्रकाशन का ज्ञान अपने सेवक योहन को कराया।