यूहन्ना 15:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब से मैं तुम्हें सेवक नहीं कहूँगा। सेवक नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करने वाला है। मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना, वह सब तुम्हें बता दिया है। पवित्र बाइबल अब से मैं तुम्हें दास नहीं कहूँगा क्योंकि कोई दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या कर रहा है बल्कि मैं तुम्हें मित्र कहता हूँ। क्योंकि मैंने तुम्हें वह हर बात बता दी है, जो मैंने अपने परम पिता से सुनी है। Hindi Holy Bible अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अब से मैं तुम्हें दास न कहूँगा, क्योंकि दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करता है; परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। नवीन हिंदी बाइबल अब से मैं तुम्हें दास नहीं कहूँगा, क्योंकि दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करता है; परंतु मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि जो मैंने अपने पिता से सुना, तुम्हें सब बता दिया। सरल हिन्दी बाइबल मैंने तुम्हें दास नहीं, मित्र माना है क्योंकि दास स्वामी के कार्यों से अनजान रहता है. मैंने तुम्हें उन सभी बातों को बता दिया है, जो मुझे पिता से मिली हुई हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अब से मैं तुम्हें दास न कहूँगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या करता है: परन्तु मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैंने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। |
कुछ मित्र ऐसे होते हैं, जो मित्र होने का ढोंग करते हैं; किन्तु कोई ऐसा भी मित्र होता है जो भाई से बढ़कर अपना होता है।
निस्सन्देह स्वामी-प्रभु अपने सेवक नबियों पर अपना भेद प्रकट किए बिना कोई कार्य नहीं करता।
उन्होंने उत्तर दिया, “यह इसलिए है कि स्वर्गराज्य के रहस्यों का ज्ञान तुम्हें दिया गया है, उन लोगों को नहीं;
तब उन्होंने अपने शिष्यों की ओर मुड़ कर एकान्त में उन से कहा, “धन्य हैं वे आँखे, जो ये सब देख रही हैं जिन्हें तुम देख रहे हो!
यदि कोई मेरी सेवा करना चाहता है, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी होगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका सम्मान करेगा।
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से।
मैंने तुम से जो बात कही, उसे स्मरण रखो : सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता। यदि उन्होंने मुझे सताया, तो वे तुम्हें भी सताएँगे। यदि उन्होंने मेरे वचन का पालन किया, तो वे तुम्हारे वचन का भी पालन करेंगे।
मैंने उन्हें तेरा नाम बताया है और बताता रहूँगा, जिससे तूने जो प्रेम मुझे दिया, वह प्रेम उनमें बना रहे और मैं भी उन में बना रहूँ।”
येशु ने उससे कहा, “चरणों से लिपट कर मुझे मत रोको। मैं अब तक पिता के पास, ऊपर नहीं गया हूँ। मेरे भाइयों के पास जाओ, और उनसे यह कहो कि मैं अपने पिता और तुम्हारे पिता, अपने परमेश्वर और तुम्हारे परमेश्वर के पास ऊपर जा रहा हूँ।”
तुम्हारे विषय में मुझे बहुत कुछ कहना है, और निर्णय करना है, किन्तु जिसने मुझे भेजा है, वह सच्चा है; और जो कुछ मैंने उससे सुना है, वही संसार को बताता हूँ।”
क्योंकि मैंने आप लोगों को परमेश्वर का सम्पूर्ण अभिप्राय बताने में कुछ भी उठा नहीं रखा।
मैं अपना ही आचरण नहीं समझता हूँ। क्योंकि मैं जो करना चाहता हूँ, वह नहीं, बल्कि वही करता हूँ, जिस से मैं घृणा करता हूँ।
क्योंकि जैसा धर्मग्रंथ में कहा गया, “प्रभु का मन कौन जानता है? कौन उसे परामर्श दे सकता है?” और हम में तो मसीह का मन विद्यमान है।
आप लोग संतान ही हैं। इसका प्रमाण यह है कि परमेश्वर ने हमारे हृदय में अपने पुत्र का आत्मा भेजा है, जो पुकार कर यह कहता है, “अब्बा! पिता!”
अपनी उस मंगलमय इच्छा के अनुसार, जो उसने मसीह में पहले से ही निर्धारित की, परमेश्वर समय पूरा होने पर ऐसा प्रबंध करेगा कि वह सब कुछ, जो स्वर्ग तथा पृथ्वी में है, मसीह की अध्यक्षता में संयुक्त कर देगा। उसने अपने संकल्प का यह रहस्य हम पर प्रकट किया है।
वह रहस्य पिछली पीढ़ियों में मनुष्य को नहीं बताया गया था और अब आत्मा के द्वारा उसके पवित्र प्रेरितों और नबियों पर प्रकट किया गया है।
परमेश्वर का रहस्य सुनाऊं, जो युगों तथा पीढ़ियों तक गुप्त रहा और अब उसके सन्तों के लिए प्रकट किया गया है।
अब दास के रूप में नहीं, बल्कि दास से कहीं बढ़ कर अतिप्रिय भाई के रूप में। यह मुझे अत्यन्त प्रिय है, फिर मनुष्य होने के नाते और प्रभु के शिष्य होने के नाते भी यह तुम को कहीं अधिक प्रिय होगा!
यह पत्र परमेश्वर और प्रभु येशु मसीह के सेवक याकूब की ओर से है। संसार भर में बिखरे हुए बारह कुलों को नमस्कार!
इस प्रकार धर्मग्रन्थ का यह कथन पूरा हुआ, “अब्राहम ने परमेश्वर में विश्वास किया और इसी से वह धार्मिक माने गये और परमेश्वर के मित्र कहलाये।”
मसीह का आत्मा उन नबियों में विद्यमान था और पहले से ही वह मसीह के दु:खभोग तथा इसके बाद आने वाली महिमा की साक्षी देता था। नबी यह जानना चाहते थे कि आत्मा किस समय और किन परिस्थितियों की ओर संकेत कर रहा है।
येशु मसीह के सेवक और प्रेरित शिमोन पतरस का यह पत्र उन लोगों के नाम है, जिन्हें हमारे परमेश्वर और मुक्तिदाता येशु मसीह की धार्मिकता द्वारा हमारे ही समान विश्वास का बहुमूल्य वरदान मिला है।
यह पत्र येशु मसीह के सेवक और याकूब के भाई यहूदा की ओर से उन के नाम है, जो परमेश्वर द्वारा बुलाए गए हैं, जो पिता परमेश्वर द्वारा पवित्र किए गए हैं, और जो येशु मसीह के आगमन के लिए सुरक्षित हैं।
यह येशु मसीह का प्रकाशन है। यह उन्हें परमेश्वर की ओर से प्राप्त हुआ जिससे वह अपने सेवकों को निकट भविष्य में होने वाली घटनाएँ दिखायें। उन्होंने अपने दूत को भेज कर इस प्रकाशन का ज्ञान अपने सेवक योहन को कराया।