क्या यह अनिवार्य नहीं था कि मसीह यह सब दु:ख भोगें और इस प्रकार अपनी महिमा में प्रवेश करें?”
यूहन्ना 14:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं जहाँ जा रहा हूँ, तुम वहाँ का मार्ग जानते हो।” पवित्र बाइबल और जहाँ मैं जा रहा हूँ तुम वहाँ का रास्ता जानते हो।” Hindi Holy Bible और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जहाँ मैं जाता हूँ तुम वहाँ का मार्ग जानते हो।” नवीन हिंदी बाइबल जहाँ मैं जा रहा हूँ तुम वह मार्ग जानते हो।” सरल हिन्दी बाइबल वह मार्ग तुम जानते हो, जो मेरे ठिकाने तक पहुंचाता है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “और जहाँ मैं जाता हूँ तुम वहाँ का मार्ग जानते हो।” |
क्या यह अनिवार्य नहीं था कि मसीह यह सब दु:ख भोगें और इस प्रकार अपनी महिमा में प्रवेश करें?”
मैं ही द्वार हूँ। यदि कोई मुझ से हो कर प्रवेश करेगा तो उसे मुक्ति प्राप्त होगी। वह भीतर-बाहर आया-जाया करेगा और उसे चरागाह मिलेगा।
यदि कोई मेरी सेवा करना चाहता है, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी होगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका सम्मान करेगा।
येशु यह जानते थे कि पिता ने सब कुछ उनके हाथों में दे दिया है और यह कि वह परमेश्वर के पास से आए हैं और परमेश्वर के पास जा रहे हैं।
मेरे पिता के यहाँ बहुत निवास-स्थान हैं। यदि ऐसा नहीं होता, तो मैं तुम्हें बता देता; क्योंकि मैं तुम्हारे लिए स्थान का प्रबन्ध करने जा रहा हूँ।
तुमने मुझ को यह कहते सुना, ‘मैं जा रहा हूँ और फिर तुम्हारे पास आऊंगा।’ यदि तुम मुझ से प्रेम करते, तो आनन्दित होते कि मैं पिता के पास जा रहा हूँ, क्योंकि पिता मुझ से महान् है।
यदि मैं जा कर तुम्हारे लिए स्थान का प्रबन्ध करूँ, तो मैं फिर आऊंगा और तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊंगा, जिससे जहाँ मैं हूँ, वहाँ तुम भी रहो।
थोमस ने येशु से कहा, “प्रभु! हम यह भी नहीं जानते कि आप कहाँ जा रहे हैं, तो वहाँ का मार्ग कैसे जान सकते हैं?”
मैं पिता से निकल कर संसार में आया हूँ। अब मैं फिर संसार को छोड़ कर पिता के पास जा रहा हूँ।”
जो पुत्र में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। परन्तु जो पुत्र में विश्वास करने से इन्कार करता है, वह जीवन का दर्शन नहीं करेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर बना रहता है।
मेरे पिता की इच्छा यह है कि जो पुत्र को देखे और उस में विश्वास करे, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त हो। मैं उसे अन्तिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा।”