यूहन्ना 14:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या तुम विश्वास नहीं करते कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है? मैं जो शिक्षा तुम्हें देता हूँ, वह मेरी अपनी शिक्षा नहीं है। मुझ में निवास करने वाला पिता अपने कार्य सम्पन्न कर रहा है। पवित्र बाइबल क्या तुझे विश्वास नहीं है कि मैं परम पिता में हूँ और परम पिता मुझमें है? वे वचन जो मैं तुम लोगों से कहता हूँ, अपनी ओर से ही नहीं कहता। परम पिता जो मुझमें निवास करता है, अपना काम करता है। Hindi Holy Bible क्या तू प्रतीति नहीं करता, कि मैं पिता में हूं, और पिता मुझ में हैं? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूं, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या तू विश्वास नहीं करता कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। नवीन हिंदी बाइबल क्या तू विश्वास नहीं करता कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझमें है? जो बातें मैं तुमसे कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता; परंतु पिता जो मुझमें रहता है, वही अपने कार्य करता है। सरल हिन्दी बाइबल क्या तुम यह नहीं मानते कि मैं पिता में हूं और पिता मुझमें? जो वचन मैं तुमसे कहता हूं, वह मैं अपनी ओर से नहीं कहता; मेरे अंदर बसे पिता ही हैं, जो मुझमें होकर अपना काम पूरा कर रहे हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या तू विश्वास नहीं करता, कि मैं पिता में हूँ, और पिता मुझ में हैं? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। |
किन्तु यदि मैं उन्हें करता हूँ, तो मुझ पर विश्वास नहीं करने पर भी तुम कार्यों पर ही विश्वास करो, जिससे तुम यह जान जाओ और समझ लो कि पिता मुझ में है और मैं पिता में हूँ।”
और जो जीवित है, तथा मुझ में विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरेगा। क्या तुम इस बात पर विश्वास करती हो?”
मैंने अपनी ओर से कुछ नहीं कहा। किन्तु पिता ने, जिसने मुझे भेजा है, आदेश दिया है कि मुझे क्या कहना और क्या बोलना है।
मेरी इस बात पर विश्वास करो कि मैं पिता में हूँ और पिता मुझ में है, नहीं तो उन कार्यों के कारण ही विश्वास करो।
जो मुझ से प्रेम नहीं करता, वह मेरे वचनों का पालन नहीं करता। जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं, बल्कि उस पिता का है, जिसने मुझे भेजा है।
क्योंकि तूने जो सन्देश मुझे दिया, वह मैंने उन्हें दे दिया। वे उसे ग्रहण कर सचमुच यह जान गये कि मैं तुझ से आया हूँ और उन्होंने यह विश्वास किया है कि तूने मुझे भेजा।
वह रात में येशु के पास आया और बोला, “गुरुजी, हम जानते हैं कि आप परमेश्वर की ओर से आए हुए गुरु हैं। आप जो आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाते हैं, उन्हें कोई तब तक नहीं दिखा सकता, जब तक कि परमेश्वर उसके साथ न हो।”
येशु ने उन्हें यह उत्तर दिया, “मेरा पिता अब तक कार्य कर रहा है और मैं भी कार्य कर रहा हूँ।”
येशु ने उन धर्मगुरुओं से कहा, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ; पुत्र स्वयं अपने से कुछ नहीं कर सकता। वह केवल वही कर सकता है, जो पिता को करते हुए देखता है। जैसा पिता करता है, ठीक वैसा ही पुत्र भी करता है;
इसलिए येशु ने कहा, “जब तुम लोग मानव-पुत्र को ऊपर उठाओगे, तब यह जान जाओगे कि ‘मैं वह हूँ’ और मैं अपनी ओर से कुछ नहीं करता। परन्तु मैं जो कुछ कहता हूँ, वैसे ही कहता हूँ, जैसे पिता ने मुझे सिखाया है।
मैंने अपने पिता के यहाँ जो देखा है, वही कहता हूँ और तुम लोगों ने अपने पिता से जो सुना है, वही करते हो।”
परन्तु तुम तो मुझे, अर्थात् ऐसे व्यक्ति को जिसने परमेश्वर से सुना हुआ सत्य तुम्हें बता दिया, मार डालने की ताक में रहते हो। अब्राहम ने ऐसा नहीं किया।
परमेश्वर ने उन्हीं येशु को पवित्र आत्मा और सामर्थ्य से अभिषिक्त किया था और वह चारों ओर घूम-घूम कर भलाई करते रहे और शैतान के वश में आये हुए लोगों को स्वस्थ करते रहे, क्योंकि परमेश्वर उनके साथ था।
इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर ने मनुष्यों के अपराध उनके खर्चे में न लिख कर मसीह के द्वारा अपने से संसार का मेल कराया और इस मेल-मिलाप के सन्देश का प्रचार हमें सौंप दिया।