यूहन्ना 12:36 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब तक ज्योति तुम्हारे पास है, ज्योति में विश्वास करो, जिससे तुम ज्योति की संतान बन सको।” येशु यह कह कर चले गये और उनकी आँखों से छिप गये। पवित्र बाइबल जब तक ज्योति तुम्हारे पास है उसमें विश्वास बनाये रखो ताकि तुम लोग ज्योतिर्मय हो सको।” यीशु यह कह कर कहीं चला गया और उनसे छुप गया। Hindi Holy Bible जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान होओ॥ ये बातें कहकर यीशु चला गया और उन से छिपा रहा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो ताकि तुम ज्योति की सन्तान बनो।” ये बातें कहकर यीशु चला गया और उन से छिपा रहा। नवीन हिंदी बाइबल जब तक ज्योति तुम्हारे पास है ज्योति पर विश्वास करो, जिससे कि तुम ज्योति की संतान बन जाओ।” यीशु ने ये बातें कहीं और वह जाकर उनसे छिप गया। सरल हिन्दी बाइबल जब तक तुम्हारे पास ज्योति है, ज्योति में विश्वास करो कि तुम ज्योति की संतान बन सको.” यह कहकर मसीह येशु वहां से चले गए और उनसे छिपे रहे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब तक ज्योति तुम्हारे साथ है, ज्योति पर विश्वास करो कि तुम ज्योति के सन्तान बनो।” ये बातें कहकर यीशु चला गया और उनसे छिपा रहा। |
स्वामी ने अधर्मी प्रबंधक की प्रशंसा की; क्योंकि उसने चतुराई से काम किया था। इस युग की सन्तान अपनी पीढ़ी के साथ आपसी लेन-देन में ज्योति की सन्तान से अधिक चतुर है।
योहन साक्षी देने के लिए आए, कि वह ज्योति के विषय में साक्षी दें, जिससे सब लोग उनके द्वारा विश्वास करें।
इसलिए येशु ने उस समय से यहूदा प्रदेश में प्रकट रूप से आना-जाना बन्द कर दिया। वह निर्जन प्रदेश के निकटवर्ती क्षेत्र के एफ्रइम नामक नगर को चले गये और वहाँ अपने शिष्यों के साथ रहने लगे।
यद्यपि येशु ने उनके सामने इतने आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाए थे, तो भी उन्होंने येशु में विश्वास नहीं किया।
मैं ज्योति-जैसा संसार में आया हूँ, जिससे जो कोई मुझ में विश्वास करे, वह अन्धकार में नहीं रहे।
किन्तु जो सत्य पर चलता है, वह ज्योति के पास आता है, जिससे यह प्रकट हो कि उसके कार्य परमेश्वर में किए गए हैं।”
येशु ने लोगों से फिर कहा, “संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, वह अन्धकार में कभी नहीं चलेगा वरन् वह जीवन की ज्योति प्राप्त करेगा।”
इस पर लोगों ने येशु को मारने के लिए पत्थर उठाये, किन्तु वह छिपकर मन्दिर से निकल गये।
आप लोग पहले ‘अन्धकार’ थे, अब प्रभु के शिष्य होने के नाते ‘ज्योति’ बन गये हैं। इसलिए ज्योति की सन्तान की तरह आचरण करें।
आप सब ज्योति की सन्तान हैं, दिन की सन्तान हैं। हम रात या अन्धकार की सन्तान नहीं हैं।
हम, जो दिन के हैं, विश्वास एवं प्रेम का कवच और मुक्ति की आशा का टोप पहन कर सतर्क बने रहें।