वह मेरे नाम के निवास के लिए भवन बनाएगा। मैं उसके राज्य-सिंहासन को सदा-सर्वदा के लिए सुदृढ़ कर दूँगा।
यूहन्ना 12:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) लोगों ने उन्हें उत्तर दिया, “व्यवस्था हमें यह शिक्षा देती है कि मसीह सदा रहेंगे। फिर आप यह क्या कहते हैं कि मानव-पुत्र को ऊपर उठाया जाना अनिवार्य है? यह मानव-पुत्र कौन है?” पवित्र बाइबल इस पर भीड़ ने उसको जवाब दिया, “हमने व्यवस्था की यह बात सुनी है कि मसीह सदा रहेगा इसलिये तुम कैसे कहते हो कि मनुष्य के पुत्र को निश्चय ही ऊपर उठाया जायेगा। यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” Hindi Holy Bible इस पर लोगों ने उस से कहा, कि हम ने व्यवस्था की यह बात सुनी है, कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मनुष्य के पुत्र को ऊंचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस पर लोगों ने उससे कहा, “हम ने व्यवस्था की यह बात सुनी है कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्यों कहता है कि मनुष्य के पुत्र को ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” नवीन हिंदी बाइबल इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था में सुना है कि मसीह सदा काल तक बना रहेगा, फिर तू कैसे कहता है कि मनुष्य के पुत्र का ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” सरल हिन्दी बाइबल भीड़ ने उनसे प्रश्न किया, “हमने व्यवस्था में से सुना है कि मसीह का अस्तित्व सर्वदा रहेगा. आप यह कैसे कहते हैं कि मनुष्य के पुत्र का ऊंचे पर उठाया जाना ज़रूरी है? कौन है यह मनुष्य का पुत्र?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था की यह बात सुनी है, कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मनुष्य के पुत्र को ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” (दानि. 7:14) |
वह मेरे नाम के निवास के लिए भवन बनाएगा। मैं उसके राज्य-सिंहासन को सदा-सर्वदा के लिए सुदृढ़ कर दूँगा।
प्रभु ने शपथ खाई है, और वह अपना यह निश्चय नहीं बदलेगा: ‘तू मलकीसेदेक के समान सदा के लिए पुरोहित है।’
अत्याचार और दण्ड-आज्ञा के पश्चात् वे उसे वध के लिए ले गए। उसकी पीढ़ी के किस व्यक्ति ने इस बात पर ध्यान दिया कि वह जीव-लोक से उठा लिया गया और अपने लोगों के अपराधों के लिए मारा गया?
उसकी राज्य-सत्ता बढ़ती जाएगी, उसके कल्याणकारी कार्यों का अन्त न होगा। वह दाऊद के सिंहासन पर बैठेगा, और उसके राज्य को संभालेगा। वह अब से लेकर सदा के लिए न्याय के कार्यों से उसको सुदृढ़ करेगा, अपने धार्मिक आचरण से उसे सम्भालेगा। स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का धर्मोत्साह यह कार्य पूर्ण करेगा!
उन राजाओं के राज्य-काल में स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनंतकाल तक न नष्ट होगा और न उसकी राज्य-सत्ता किसी दूसरी कौम के हाथ में सौंपी जाएगी। यह राज्य सब राज्यों का अंत कर देगा, उनको मिटा डालेगा; पर वह स्वयं सदा-सर्वदा सुदृढ़ बना रहेगा।
तब प्राचीन युग-पुरुष ने उसको शासन का अधिकार, महिमा और राज्य प्रदान किया ताकि पृथ्वी की समस्त कौमें, राष्ट्र और भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलने वाले लोग उसकी सेवा करें। उसका शासन शाश्वत शासन है; जो कभी समाप्त न होगा; उसका राज्य युगानुयुग अटल है, जिसका कभी नाश न होगा।
राज्य और शासन, समस्त आकाश के नीचे पृथ्वी के सब राज्यों की महानता, सर्वोच्च परमेश्वर के भक्तों के जन-समूह को दी जाएगी। उनका राज्य शाश्वत राज्य होगा; पृथ्वी के सब शासक उनकी सेवा करेंगे वे उनकी आज्ञा का पालन करेंगे।”
लंगड़े-लूलों को मैं इस्राएल का शेष-राष्ट्र बनाऊंगा। जिन्हें त्याग दिया गया था, उन्हें मैं एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाऊंगा। आज से युगानुयुग तक मैं-प्रभु सियोन पर्वत से उन पर राज्य करूंगा।’
जब येशु कैसरिया-फिलिप्पी प्रदेश में आए तब उन्होंने अपने शिष्यों से पूछा, “मानव पुत्र कौन है, इस विषय में लोग क्या कहते हैं?”
जब येशु ने यरूशलेम में प्रवेश किया तब समस्त नगर में हलचल मच गयी। लोग पूछने लगे, “यह कौन हैं?”
येशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के लिए माँदें हैं और आकाश के पक्षियों के लिए घोंसले, परन्तु मानव पुत्र के लिए सिर रखने को भी कहीं स्थान नहीं है।”
येशु ने कहा, “क्या तुम लोगों की व्यवस्था में यह नहीं लिखा है, ‘मैंने कहा : तुम ईश्वर हो’?
यह इसलिए हुआ कि उनकी व्यवस्था का यह कथन पूरा हो जाए; ‘उन्होंने अकारण ही मुझ से बैर किया।’
इसलिए येशु ने कहा, “जब तुम लोग मानव-पुत्र को ऊपर उठाओगे, तब यह जान जाओगे कि ‘मैं वह हूँ’ और मैं अपनी ओर से कुछ नहीं करता। परन्तु मैं जो कुछ कहता हूँ, वैसे ही कहता हूँ, जैसे पिता ने मुझे सिखाया है।
हम जानते हैं कि व्यवस्था जो कुछ कहती है, वह उन लोगों से कहती है, जो व्यवस्था के अधीन हैं, जिससे प्रत्येक व्यक्ति का मुँह बन्द हो जाए और परमेश्वर के सामने समस्त संसार दण्ड के योग्य माना जाए।
इस प्रकार हम देखते हैं कि जिस तरह एक ही मनुष्य के अपराध के फलस्वरूप सब को दण्डाज्ञा मिली, उसी तरह एक ही मनुष्य के धार्मिक कार्य के फलस्वरूप सब को पापमुक्ति और जीवन मिला।