परन्तु मैं अपनी धार्मिकता के कारण तेरे मुख का दर्शन करूंगा; जब मैं जागूंगा तब मेरे स्वरूप को देखकर सन्तुष्ट होऊंगा।
यूहन्ना 12:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि कोई मेरी सेवा करना चाहता है, तो वह मेरा अनुसरण करे। जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी होगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका सम्मान करेगा। पवित्र बाइबल यदि कोई मेरी सेवा करता है तो वह निश्चय ही मेरा अनुसरण करे और जहाँ मैं हूँ, वहीं मेरा सेवक भी रहेगा। यदि कोई मेरी सेवा करता है तो परम पिता उसका आदर करेगा। Hindi Holy Bible यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहां मैं हूं वहां मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहाँ मैं हूँ, वहाँ मेरा सेवक भी होगा। यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा। नवीन हिंदी बाइबल यदि कोई मेरी सेवा करे तो मेरे पीछे हो ले, और जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा वह सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे तो पिता उसका सम्मान करेगा। सरल हिन्दी बाइबल यदि कोई मेरी सेवा करता है, वह मेरे पीछे चले. मेरा सेवक वहीं होगा जहां मैं हूं. जो मेरी सेवा करता है, उसका पिता परमेश्वर आदर करेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यदि कोई मेरी सेवा करे, तो मेरे पीछे हो ले; और जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरा सेवक भी होगा; यदि कोई मेरी सेवा करे, तो पिता उसका आदर करेगा। |
परन्तु मैं अपनी धार्मिकता के कारण तेरे मुख का दर्शन करूंगा; जब मैं जागूंगा तब मेरे स्वरूप को देखकर सन्तुष्ट होऊंगा।
जब वह मुझे पुकारेगा, मैं उसे उत्तर दूंगा; संकट में मैं उसके साथ रहूंगा; मैं उसे मुक्त करूंगा और उसे महिमान्वित करूंगा।
जो मनुष्य अंजीर के वृक्ष की देखभाल करता है, उसे उसके फल खाने को मिलते हैं। ऐसे ही जो सेवक अपने मालिक की सेवा करता है, मालिक उसका सम्मान करता है।
परन्तु मैं अपने सेवक कालेब को, जिसमें भिन्न आत्मा है और जिसने पूर्णत: मेरा अनुसरण किया है, उस देश में ले जाऊंगा, जहाँ वह गया था। उसके वंशज उस देश पर अधिकार करेंगे, जिसकी घाटियों में अमालेकी तथा कनानी जातियाँ निवास करती हैं। पर तुम कल लौटो और अकाबा की खाड़ी के मार्ग से निर्जन प्रदेश की ओर जाओ।’
“निस्सन्देह, जो व्यक्ति मिस्र देश से निकल आए हैं, उनमें बीस वर्ष के तथा इससे अधिक आयु के व्यक्ति उस देश को नहीं देख सकेंगे, जिसको देने की शपथ मैंने अब्राहम, इसहाक और याकूब से खाई थी; क्योंकि उन्होंने मेरा अनुसरण पूर्णतया नहीं किया।
इसके पश्चात् येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “जो मेरा अनुसरण करना चाहता है, वह आत्मत्याग करे और अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले;
उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, भले और ईमानदार सेवक! तुम थोड़े में ईमानदार रहे, मैं तुम्हें बहुत वस्तुओं पर अधिकार दूँगा। अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो।’
येशु ने अपने शिष्यों के अतिरिक्त अन्य लोगों को भी अपने पास बुला कर कहा, “जो मेरा अनुसरण करना चाहता है, वह आत्मत्याग करे और अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले।
धन्य हैं वे सेवक, जिन्हें स्वामी आने पर जागता हुआ पाएगा! मैं तुम से सच कहता हूँ : स्वामी अपनी कमर कसेगा, उन्हें भोजन के लिए बैठाएगा और एक-एक को भोजन परोसेगा।
तब येशु ने सब से कहा, “जो मेरा अनुसरण करना चाहता है, वह आत्मत्याग करे और प्रतिदिन अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले;
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता और न भेजा हुआ अपने भेजने वाले से।
यदि मैं जा कर तुम्हारे लिए स्थान का प्रबन्ध करूँ, तो मैं फिर आऊंगा और तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊंगा, जिससे जहाँ मैं हूँ, वहाँ तुम भी रहो।
मैंने तुम से जो बात कही, उसे स्मरण रखो : सेवक अपने स्वामी से बड़ा नहीं होता। यदि उन्होंने मुझे सताया, तो वे तुम्हें भी सताएँगे। यदि उन्होंने मेरे वचन का पालन किया, तो वे तुम्हारे वचन का भी पालन करेंगे।
“पिता! मैं चाहता हूँ कि तूने जिन्हें मुझे सौंपा है, वे, जहाँ मैं हूँ, मेरे साथ रहें, जिससे वे मेरी महिमा देख सकें, जो तूने मुझे प्रदान की है; क्योंकि तूने संसार की नींव रखी जाने से पूर्व मुझ से प्रेम किया है।
येशु ने उसे उत्तर दिया, “यदि मेरी इच्छा हो कि यह मेरे आने तक रहे, तो इस से तुम्हें क्या? तुम मेरा अनुसरण करो।”
यह पत्र येशु मसीह के सेवक पौलुस की ओर से है, जो परमेश्वर के द्वारा प्रेरित होने के लिए बुलाया गया है और उसके शुभ समाचार के प्रचार के लिए पृथक किया गया है।
जो इन बातों द्वारा मसीह की सेवा करता है, वह परमेश्वर को प्रिय और मनुष्यों द्वारा सम्मानित है।
हम अपना नहीं, बल्कि प्रभु येशु मसीह का प्रचार करते हैं। हम येशु के कारण अपने को आप लोगों का दास समझते हैं।
हमें तो परमेश्वर पर पूरा भरोसा है। हम शरीर का घर छोड़ कर प्रभु के यहां बस जाना अधिक पसन्द करते हैं।
मैं अब किसका कृपापात्र बनने की कोशिश कर रहा हूँ—मनुष्यों का अथवा परमेश्वर का? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूँ? यदि मैं अब तक मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता, तो मैं मसीह का सेवक नहीं होता।
मैं दोनों ओर खिंचा हुआ हूँ। मैं तो चल देना और मसीह के साथ रहना चाहता हूं। यह निश्चय ही सर्वोत्तम है;
क्योंकि आप जानते हैं कि प्रभु पुरस्कार के रूप में आप को विरासत प्रदान करेगा। आप स्वामी अर्थात् मसीह के दास हैं।
आपके देशवासी इपफ्रास आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। येशु मसीह के यह सेवक निरन्तर आप लोगों के लिए संघर्षमय प्रार्थना करते हैं, जिससे आप लोग सब बातों में परमेश्वर की इच्छा पूर्ण रूप से पूरी करने में सुदृढ़ बने रहें।
येशु मसीह के सेवक और प्रेरित शिमोन पतरस का यह पत्र उन लोगों के नाम है, जिन्हें हमारे परमेश्वर और मुक्तिदाता येशु मसीह की धार्मिकता द्वारा हमारे ही समान विश्वास का बहुमूल्य वरदान मिला है।
क्योंकि परमेश्वर का प्रेम यह है कि हम उसकी आज्ञाओं का पालन करें। उसकी आज्ञाएँ भारी नहीं हैं,
यह पत्र येशु मसीह के सेवक और याकूब के भाई यहूदा की ओर से उन के नाम है, जो परमेश्वर द्वारा बुलाए गए हैं, जो पिता परमेश्वर द्वारा पवित्र किए गए हैं, और जो येशु मसीह के आगमन के लिए सुरक्षित हैं।
ये वे लोग हैं जो मूर्तिपूजा के संसर्ग से दूषित नहीं हुए हैं, ये कुँवारे हैं। जहाँ कहीं भी मेमना जाता है, ये उसके साथ चलते हैं। परमेश्वर और मेमने के लिए प्रथम फल के रूप में इन्हें मनुष्यों में से खरीदा गया है।
इसलिए इस्राएल के प्रभु परमेश्वर की यह घोषणा है: “यद्यपि मैंने निस्सन्देह यह कहा था कि तेरा पितृ-कुल सदा मेरे सम्मुख रह कर मेरी सेवा करेगा, और मेरा कृपा-पात्र बनेगा, तथापि अब मुझ-प्रभु की यह गंभीर घोषणा है: मेरी यह बात मुझ से दूर हो! मैं अपने आदर करने वालों का आदर करूँगा, और मुझे तुच्छ समझने वालों को तुच्छ समझूँगा।