“यदि तुम्हारी दाहिनी आँख तुम्हारे लिए पाप का कारण बनती है, तो उसे निकाल कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम्हारे अंगों में से एक नष्ट हो जाए, किन्तु तुम्हारा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।
यूहन्ना 11:50 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और न आप समझते हैं कि आपका कल्याण इसमें है कि जनता के लिए केवल एक मनुष्य मरे और समस्त जाति नष्ट न हो।” पवित्र बाइबल और न ही तुम्हें इस बात की समझ है कि इसी में तुम्हारा लाभ है कि बजाय इसके कि सारी जाति ही नष्ट हो जाये, सबके लिये एक आदमी को मरना होगा।” Hindi Holy Bible और न यह सोचते हो, कि तुम्हारे लिये यह भला है, कि हमारे लोगों के लिये एक मनुष्य मरे, और न यह, कि सारी जाति नाश हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और न यह समझते हो कि तुम्हारे लिये यह भला है कि हमारे लोगों के लिये एक मनुष्य मरे, और सारी जाति नष्ट न हो।” नवीन हिंदी बाइबल और न ही तुम समझते हो कि तुम्हारे लिए यही भला है कि हमारे लोगों के लिए एक मनुष्य मरे और संपूर्ण जाति नाश न हो।” सरल हिन्दी बाइबल और न ही यह समझते हैं कि सारी जनता के विनाश की बजाय मात्र एक व्यक्ति राष्ट्र के हित में प्राणों का त्याग करना आपके लिए भला है!” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और न यह सोचते हो, कि तुम्हारे लिये यह भला है, कि लोगों के लिये एक मनुष्य मरे, और न यह, कि सारी जाति नाश हो।” |
“यदि तुम्हारी दाहिनी आँख तुम्हारे लिए पाप का कारण बनती है, तो उसे निकाल कर फेंक दो। अच्छा यही है कि तुम्हारे अंगों में से एक नष्ट हो जाए, किन्तु तुम्हारा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।
और उन से कहा, “धर्मग्रन्थ में ऐसा ही लिखा है कि मसीह दु:ख भोगेंगे, तीसरे दिन मृतकों में से जी उठेंगे
यदि हम उसे ऐसा करते रहने देंगे, तो सब उसमें विश्वास कर लेंगे और रोमन लोग आ कर हमारा मन्दिर और हमारी जाति को नष्ट कर देंगे।”
यह वही काइफा था, जिसने धर्मगुरुओं को यह परामर्श दिया था : “अच्छा यही है कि जनता के लिए केवल एक मनुष्य मरे।”
इस पर पिलातुस येशु को छोड़ देने का और भी प्रयत्न करने लगा। पर यहूदी धर्मगुरुओं ने चिल्लाकर कहा, “यदि आप इसे रिहा करते हैं, तो आप रोमन सम्राट के हितैषी नहीं हैं। जो अपने को राजा कहता है, वह सम्राट का विरोध करता है।”
यदि ऐसी बात है, तो हम बुराई क्यों न करें, जिससे भलाई उत्पन्न हो? जैसा कि कुछ लोग जो हमारी निंदा करते हैं, कहते हैं कि हम यही सिखाते हैं। ऐसे लोग दण्डाज्ञा के योग्य हैं।