फिर भी धार्मिक मनुष्य अपने मार्ग पर डटा रहता है; निर्दोष आचरण वाला मनुष्य दिन-प्रतिदिन बलवान होता जाता है।
यूहन्ना 10:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं उन्हें शाश्वत जीवन प्रदान करता हूँ। वे कभी नष्ट नहीं होंगी और उन्हें मेरे हाथ से कोई नहीं छीन सकेगा। पवित्र बाइबल मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ। उनका कभी नाश नहीं होगा। और न कोई उन्हें मुझसे छीन पायेगा। Hindi Holy Bible और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूं, और वे कभी नाश न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ। वे कभी नष्ट न होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। नवीन हिंदी बाइबल और मैं उन्हें अनंत जीवन देता हूँ; वे कभी भी नाश न होंगी और न कोई उन्हें मेरे हाथ से छीनेगा। सरल हिन्दी बाइबल मैं उन्हें अनंत काल का जीवन देता हूं. वे कभी नाश न होंगी और कोई भी उन्हें मेरे हाथ से छीन नहीं सकता. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। |
फिर भी धार्मिक मनुष्य अपने मार्ग पर डटा रहता है; निर्दोष आचरण वाला मनुष्य दिन-प्रतिदिन बलवान होता जाता है।
मैं अपनी आत्मा तेरे हाथ में सौंपता हूँ; हे प्रभु! सच्चे परमेश्वर, तूने मेरा उद्धार किया है।
क्योंकि प्रभु न्याय से प्रेम करता है; वह अपने भक्तों को नहीं छोड़ेगा। धार्मिक मनुष्य सदा के लिए सुरक्षित है; किन्तु दुर्जन का वंश नष्ट हो जाएगा।
क्योंकि धार्मिक मनुष्य सात बार गिरकर भी फिर खड़ा हो जाता है, किन्तु दुर्जन विपत्ति के बवण्डर में जड़ से उखड़ जाता है।
धार्मिक व्यक्ति का पथ मानो ऊषाकाल का प्रकाश है, जो सबेरे से दोपहर तक अधिकाधिक बढ़ता जाता है।
“मैं-प्रभु इस उद्यान का रखवाला हूं; मैं बार-बार इसे पानी से सींचता हूं, ऐसा न होकि इसके पत्ते मुरझाएँ : मैं दिन-रात इसकी रक्षा करता हूं।
किन्तु प्रभु ने अपने शाश्वत उद्धार से इस्राएली राष्ट्र को बचा लिया; अब वह अनन्तकाल तक लज्जित और आतंकित नहीं होगा।
तेरे विरुद्ध बनाया गया कोई भी शस्त्र सफल न होगा; जो साक्षी न्यायालय में तेरे विरुद्ध प्रस्तुत होगी, तू उसको निरस्त करने में सफल होगी। यह प्रभु के सेवकों की नियति है, मैं उनको विजय प्रदान करता हूं।’ प्रभु यह कहता है।
मेरी ओर कान दो, और मेरे पास आओ। मेरी बात सुनो, ताकि तुम्हारा प्राण जीवित रहे। तब मैं दाऊद के प्रति अपनी अटूट करुणा के कारण तुम्हारे साथ शाश्वत विधान स्थापित करूंगा।
मैं उन पर ऐसे चरवाहे नियुक्त करूंगा, जो उनकी देखभाल करेंगे। तब मेरी भेड़ें नहीं डरेंगी, और न भ्रम में पड़ेंगी, उन में से एक भी नहीं खोएगी,’ प्रभु की यह वाणी है।
तब मैंने दूर से उसको दर्शन दिया। ओ इस्राएल! ओ कुंआरी कन्या! मैंने तुझ से प्रेम किया है, सदा प्रेम किया है; इसलिए स्नेह से मैं तुझको अपने पास लाया हूं।
तब किसी भी व्यक्ति को अपने पड़ोसी अथवा भाई-बन्धु को यह सिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी कि “प्रभु को जानो,” क्योंकि छोटे-बड़े सब लोग स्वयं मुझे जानेंगे। मैं उनके अधर्म को क्षमा कर दूंगा, और उनका पाप फिर स्मरण नहीं करूंगा। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।’
‘मैं उन के साथ शाश्वत विधान स्थापित करूंगा ताकि मैं उनकी भलाई निरन्तर करता रहूं। मैं उनके हृदय में अपने लिए भक्ति की भावना डालूंगा जिससे वे मेरी ओर से मुंह न मोड़ लें।
क्योंकि झूठे मसीह तथा झूठे नबी प्रकट होंगे और ऐसे चिह्न तथा चमत्कार दिखाएँगे कि यदि सम्भव हो तो चुने हुए लोगों को बहका दें।
येशु ने ऊंचे स्वर से पुकार कर कहा, “पिता! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपता हूँ”, और यह कह कर उन्होंने प्राण त्याग दिये।
जो कुछ मेरे पिता ने मुझे दिया है, वह सब से महान् है और उसे पिता के हाथ से कोई नहीं छीन सकता।
येशु ने कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ। जो मुझ में विश्वास करता है, वह मरने पर भी जीवित रहेगा
थोड़ी देर और, फिर संसार मुझे नहीं देखेगा। पर तुम मुझे देखोगे; क्योंकि मैं जीवित हूँ, इसलिए तुम भी जीवित होगे।
तूने उसे समस्त मानवजाति पर अधिकार दिया है, जिससे वह उन सब को शाश्वत जीवन प्रदान करे, जिन्हें तूने उसे सौंपा है।
यह इसलिए हुआ कि येशु का यह कथन पूरा हो जाए : “तू ने मुझ को जिन्हें सौंपा, मैंने उनमें से एक को भी नष्ट नहीं होने दिया।”
जो पुत्र में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। परन्तु जो पुत्र में विश्वास करने से इन्कार करता है, वह जीवन का दर्शन नहीं करेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर बना रहता है।
किन्तु जो मेरा दिया हुआ जल पीता है, उसे फिर कभी प्यास नहीं लगेगी। जो जल मैं उसे प्रदान करूँगा, वह उस में जल-स्रोत बन जाएगा, जो शाश्वत जीवन तक उमड़ता रहेगा।”
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरा वचन सुनता और जिसने मुझे भेजा, उस में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। वह दोषी नहीं ठहराया जाएगा। वह तो मृत्यु को पार कर जीवन में प्रवेश कर चुका है।
नश्वर भोजन के लिए नहीं, बल्कि उस भोजन के लिए परिश्रम करो, जो शाश्वत जीवन तक बना रहता है और जिसे मानव-पुत्र तुम्हें देगा; क्योंकि पिता परमेश्वर ने मानव-पुत्र पर अपनी स्वीकृति की मोहर लगाई है।”
पिता जिन्हें मुझ को सौंप देता है, वे सब मेरे पास आएँगे और जो मेरे पास आता है, मैं उसे कभी बाहर नहीं निकालूँगा;
सिमोन पतरस ने उन्हें उत्तर दिया, “प्रभु! हम किसके पास जाएँ! आपके पास शाश्वत जीवन के वचन हैं।
जब लोग स्तीफनुस पर पत्थर मार रहे थे, तो उसने यह प्रार्थना की, “प्रभु येशु! मेरी आत्मा को ग्रहण कर!’
यह सच है कि मृत्यु का राज्य एक मनुष्य के अपराध के फलस्वरूप—एक ही के द्वारा—प्रारम्भ हुआ, किन्तु इस परिणाम से कहीं अधिक जिन लोगों को परमेश्वर का अनुग्रह तथा धार्मिकता का वरदान प्रचुर मात्रा में मिलेगा, वे एक ही मनुष्य—येशु मसीह के द्वारा—जीवन का राज्य प्राप्त करेंगे।
मसीह ने हमारे लिए उस अनुग्रह तक पहुँचने का द्वार भी खोला है, जो हमें विश्वास से प्राप्त होता है और जिसमें हम स्थित हैं। हम इस बात पर गौरव करते हैं कि हमें परमेश्वर की महिमा के भागी बनने की आशा है।
इस प्रकार पाप, मृत्यु के माध्यम से, राज्य करता रहा; किन्तु हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा अनुग्रह, धार्मिकता के माध्यम से, अपना राज्य स्थापित करेगा और हमें शाश्वत जीवन में ले जायेगा।
यदि हम मसीह के रक्त के कारण धार्मिक ठहराए गये, तो हम निश्चय ही मसीह द्वारा परमेश्वर के प्रकोप से बच जायेंगे।
क्योंकि पाप का वेतन मृत्यु है, किन्तु परमेश्वर का वरदान है हमारे प्रभु येशु मसीह में शाश्वत जीवन।
क्योंकि परमेश्वर ने निश्चित किया कि जिन्हें उसने पहले से अपना समझा, वे उसके पुत्र के प्रतिरूप बनाये जायेंगे, जिससे उसका पुत्र इस प्रकार बहुत-से भाई-बहिनों में पहिलौठा हो।
प्रभु ने निश्चय ही सभी लोगों से प्रेम किया था; उसके पवित्र जन उसकी रक्षा में थे; अत: वे उसके कदमों पर चले थे; उसके वचनों से उन्हें मार्गदर्शन प्राप्त हुआ था।
जिस परमेश्वर ने आप लोगों में यह शुभ कार्य आरम्भ किया, वह येशु मसीह के दिन तक उसे पूर्ण भी करेगा, इसका मुझे पक्का विश्वास है।
भाइयो और बहिनो! प्रभु आपको प्यार करता है। हमें प्रभु परमेश्वर को आप लोगों के विषय में निरन्तर धन्यवाद देना चाहिए। परमेश्वर ने प्रथम फल के रूप में आपको चुना, जिससे आप पवित्र करनेवाले आत्मा द्वारा और सत्य में अपने विश्वास द्वारा मुक्ति प्राप्त करें।
मुझ पर इसीलिए दया की गयी है कि येशु मसीह सब से पहले मुझ में अपनी सम्पूर्ण सहनशीलता प्रदर्शित करें और उन लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करें, जो शाश्वत जीवन प्राप्त करने के लिए उनमें विश्वास करेंगे।
इस कारण मैं यहाँ यह कष्ट सह रहा हूँ, किन्तु मैं इस से लज्जित नहीं हूँ; क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने किस पर भरोसा रखा है। मुझे निश्चय है कि वह मुझे सौंपी हुई निधि को उस दिन तक सुरक्षित रखने में समर्थ है।
यही कारण है कि जो लोग उनके द्वारा परमेश्वर की शरण लेते हैं, वह उन्हें पूर्णत: बचाने में समर्थ हैं; क्योंकि वह उनकी ओर से निवेदन करने के लिए सदा जीवित हैं।
आपके विश्वास के कारण परमेश्वर का सामर्थ्य आप को उस मुक्ति के लिए सुरक्षित रखता है, जो अभी से प्रस्तुत है और समय के अन्त में प्रकट होने वाली है।
और यह जीवन प्रकट किया गया है। यह शाश्वत जीवन, जो पिता के यहाँ था और हम पर प्रकट किया गया है-हमने इसे देखा है, हम इसके विषय में साक्षी देते और तुम्हें इसका सन्देश सुनाते हैं।
वे मसीह-विरोधी हमारा साथ छोड़ कर चले गये, किन्तु वे हमारे अपने नहीं थे। यदि वे हमारे अपने होते, तो वे हमारे ही साथ रहते। वे चले गये, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि उन में कोई भी हमारा अपना नहीं था।
और वह साक्षी यह है-परमेश्वर ने हमें शाश्वत जीवन प्रदान किया है और यह जीवन उसके पुत्र में है।
यह पत्र येशु मसीह के सेवक और याकूब के भाई यहूदा की ओर से उन के नाम है, जो परमेश्वर द्वारा बुलाए गए हैं, जो पिता परमेश्वर द्वारा पवित्र किए गए हैं, और जो येशु मसीह के आगमन के लिए सुरक्षित हैं।
परमेश्वर के प्रेम में सुदृढ़ बने रहें और हमारे प्रभु येशु मसीह की दया की आशा करें जो शाश्वत् जीवन की ओर ले जाती है।
जो आप को पतन से सुरक्षित रखने में और आप को दोषरहित और आनन्दित बना कर अपनी महिमा में प्रस्तुत करने में समर्थ है,
‘अपने भक्तों के कदमों की रक्षा प्रभु करता है; किन्तु अन्धकार में दुर्जन चुप किए जाएँगे; क्योंकि मनुष्य केवल अपने बाहु-बल से प्रबल नहीं होता है।