मैं तुझे नए, तेज और अनेक दांतोंवाले दंवरी के हेंगे-सा बना दूंगा, तब तू पहाड़ों को दांव कर चूर-चूर करेगा, तू पहाड़ियों को भूसा बना देगा।
यिर्मयाह 9:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं पर्वतों के लिए रोऊंगा, शोक मनाऊंगा; निर्जन प्रदेश के चरागाह के लिए विलाप करूंगा; क्योंकि वे उजाड़ हो गए हैं, राहगीर उधर से अब नहीं गुजरते। पशुओं का रंभाना भी नहीं सुनाई देता। आकाश के पक्षी उनको छोड़ चले गए हैं; जंगली पशु भी भाग गए हैं। पवित्र बाइबल मैं (यिर्मयाह) पर्वतों के लिये फूट फूट कर रोऊँगा। मैं खाली खेतों के लिये शोकगीत गाऊँगा। क्यों क्योंकि जीवित वस्तुएँ छीन ली गई। कोई व्यक्ति वहाँ यात्रा नहीं करता। उन स्थान पर पशु ध्वनि नहीं सुनाई पड़ सकती। पक्षी उड़ गए हैं और जानवर चले गए हैं। Hindi Holy Bible मैं पहाड़ों के लिये रो उठूंगा और शोक का गीत गाऊंगा, और जंगल की चराइयों के लिये विलाप का गीत गाऊंगा, क्योंकि वे ऐसे जल गए हैं कि कोई उन में से हो कर नहीं चलता, और उन में ढोर का शब्द भी नहीं सुनाई पड़ता; पशु-पक्षी सब भाग गए हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मैं पहाड़ों के लिये रो उठूँगा और शोक का गीत गाऊँगा, और जंगल की चराइयों के लिये विलाप का गीत गाऊँगा, क्योंकि वे ऐसे जल गए हैं कि कोई उनमें से होकर नहीं चलता, और उनमें पशुओं का शब्द भी नहीं सुनाई पड़ता; पशु–पक्षी सब भाग गए हैं। सरल हिन्दी बाइबल पर्वतों के लिए मैं विलाप करूंगा और चराइयों एवं निर्जन क्षेत्रों के लिए मैं शोक के गीत गाऊंगा. क्योंकि अब वे सब उजाड़ पड़े है कोई भी उनके मध्य से चला फिरा नहीं करता, वहां पशुओं के रम्भाने का स्वर सुना ही नहीं जाता. आकाश के पक्षी एवं पशु भाग चुके हैं, वे वहां हैं ही नहीं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मैं पहाड़ों के लिये रो उठूँगा और शोक का गीत गाऊँगा, और जंगल की चराइयों के लिये विलाप का गीत गाऊँगा, क्योंकि वे ऐसे जल गए हैं कि कोई उनमें से होकर नहीं चलता, और उनमें पशुओं का शब्द भी नहीं सुनाई पड़ता; पशु-पक्षी सब भाग गए हैं। |
मैं तुझे नए, तेज और अनेक दांतोंवाले दंवरी के हेंगे-सा बना दूंगा, तब तू पहाड़ों को दांव कर चूर-चूर करेगा, तू पहाड़ियों को भूसा बना देगा।
‘निस्सन्देह तेरे खण्डहर, तेरे ध्वस्त स्थान, तेरा उजाड़ देश, तेरे निवासियों के लिए अब पर्याप्त नहीं होगा; पर तुझे हड़पनेवाले लोग दूर भाग जाएंगे।
अन्य देश के राजाओं ने, अनेक चरवाहों ने मेरे अंगूर-उद्यान को उजाड़ दिया, मेरे “निज भाग” को रौंद डाला। उन्होंने मेरे सुन्दर उद्यान को वीरान निर्जन प्रदेश बना दिया।
उन्होंने उसको उजाड़ दिया; वह उजड़ कर मुझसे अपना रोना रो रहा है। सारा देश ही उजड़ गया है, परन्तु किसी के हृदय में इसका दु:ख नहीं है।
कब तक देश विलाप करता रहेगा? कब तक हमारे चरागाह की घास सूखती रहेगी? क्योंकि देशवासियों के दुष्कर्मों के कारण पशु और पक्षी भी नष्ट हो गए हैं: ये दुष्कर्मी कहते हैं, ‘प्रभु हमारा आचरण नहीं देखता है।’
जंगली गधे मुण्डे टीलों पर खड़े हैं; वे सियारों की तरह हांफ रहे हैं। चारा न मिलने के कारण उनकी आंखें पथरा गई हैं।
सिंह उसको देखकर गरजे; वे उसको चीरने-फाड़ने के लिए जोरों से दहाड़े। उन्होंने उसके देश को उजाड़ दिया; उसके नगर खण्डहर हो गए; वे निर्जन पड़े हैं।
उन्होंने पश्चात्ताप कर यह नहीं कहा, “हमारा प्रभु कहां है जिसने हमें मिस्र देश से मुक्त कर बाहर निकाला था, जिसने निर्जन प्रदेश में हमारा नेतृत्व किया था, जो हमें मरुस्थल और गड्ढों के प्रदेश से, निर्जल और घोर अंधकार के क्षेत्र से, निर्जन प्रदेश से ले गया था, जहां कोई आता-जाता न था, जहां कोई रहता न था?”
देश व्यभिचारियों से भर गया है; शाप के कारण धरती शोक में डूबी है। निर्जन प्रदेश के विशाल चरागाह सूखे पड़े हैं; पुरोहित और नबी दुष्कर्म करने को मानो कमर कसे रहते हैं, उनकी वीरता केवल हिंसा के लिए होती है। प्रभु कहता है, ‘ये दोनों धर्म से गिर गए हैं, स्वयं मैंने अपने भवन में इनके दुष्कर्म देखे हैं!
‘उत्तर दिशा से एक राष्ट्र ने उस पर आक्रमण किया है। वह बेबीलोन देश को उजाड़ देगा, और वह निर्जन हो जाएगा। मनुष्य और पशु, सब प्राणी वहां से भाग जाएंगे।’
‘ “ओ इस्राएली कौम, अपने सिर के केश मुँड़ा, और उनको फेंक दे। मुण्डे पहाड़ी शिखरों पर जा, और शोक- गीत गा। क्योंकि प्रभु इस पीढ़ी से नाराज है, उसने इसको पूर्णत: त्याग दिया है!” ’
‘मैं इन बातों के कारण रोती हूं; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती है। वह मुझमें साहस फूंकता था, वह मुझसे दूर चला गया है। मेरे बच्चे बेघर हो गए हैं; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हुआ है।’
रोते-रोते मेरी आंखें धुंधली पड़ गईं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं; मेरा कलेजा मुंह को आ रहा है; क्योंकि मेरे लोगों की नगरी का सर्वनाश हो गया; शिशु और बच्चे नगर के चौराहों पर मूर्च्छित पड़े हैं।
‘ओ मानव, सुन। यदि मैं अधर्मी देश में जंगली पशुओं को भेजता हूं, जो उसको रौंद देते हैं, और वह उजड़ जाता है, उन जंगली पशुओं के कारण वहां से कोई भी नहीं गुजरता,
कोई आदमी उस पर पैर भी नहीं रखेगा, और न वहां से गुजरेगा। वहां किसी पशु का पांव भी न पड़ेगा। वह चालीस वर्ष तक उजाड़ पड़ा रहेगा।
मैं उनके देश को निर्जन और उजाड़ कर दूंगा और यों उनके बल का गर्व चूर-चूर हो जाएगा। इस्राएल देश के पहाड़ इतने उजाड़ हो जाएंगे कि वहाँ से कोई भी नहीं गुजरेगा।
तुम्हारे जितने आबाद नगर हैं, वे सब उजड़ जाएंगे, तुम्हारे पहाड़ी शिखर के पूजागृह खण्डहर हो जाएंगे, और यों तुम्हारी वेदियां उजाड़ और ध्वस्त हो जाएंगी, तुम्हारी मूर्तियां तोड़ी जाएंगी, तुम्हारी सूर्य की प्रतिमाएं टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगी, और यों तुम्हारे हाथ की ये रचनाएं भूमि की सतह से मिट जाएंगी।
इस कारण देश मृत्यु-शोक मना रहा है, सब निवासी कष्ट से मुरझा गए हैं; वन-पशु, आकाश के पक्षी; समुद्र की मछलियाँ भी मर गई हैं।
ओ पुरोहितो, पश्चात्ताप के लिए, टाट-वस्त्र पहिनो, और रोओ। ओ प्रभु-वेदी के सेवको, विलाप करो। ओ मेरे परमेश्वर के सेवको, पवित्र स्थान में जाओ, और रात-भर पश्चात्ताप के लिए टाट-वस्त्र पहिने रहो, क्योंकि विपत्ति के कारण अब आराधक तुम्हारे परमेश्वर के भवन में अन्नबलि और पेयबलि नहीं चढ़ाते।
हे प्रभु, मैं तेरी दुहाई देता हूं। आग ने निर्जन प्रदेश के चरागाहों को भस्म कर दिया है। अग्नि-ज्वाला ने मैदान के वृक्षों को जला डाला है।
ओ इस्राएल के वंशजो, यह संदेश सुनो। यह मैं तुम्हारे विषय में कह रहा हूं। यह एक शोक गीत है।
स्वर्गिक सेनाओं का परमेश्वर, स्वामी-प्रभु यों कहता है : ‘नगर के सब चौराहों पर रोना-पीटना होगा; गली-गली में हाय-हाय मच जाएगी। वे किराए पर किसानों को विलाप करने के लिए बुलाएंगे: वे कुशल शोक-गीत गायकों को शोक मनाने के लिए लाएंगे।
उस समय तुम्हारे वर्ग का कवि तुम्हारी ओर से निन्दात्मक कहावत कहेगा, वह छाती पीट-पीटकर विलाप करेगा। वह कहेगा, “हम बर्बाद हो गए! प्रभु के लोगों की पैतृक भूमि का अधिकार दूसरों के हाथ में जा रहा है, प्रभु उसको हमारे हाथ से छीन रहा है। हमें बन्दी बनानेवालों के हाथ में वह हमारे खेतों को बांट रहा है।”
अत: तुम्हारे कारण सियोन नगर जोते गए खेत के समान दिखाई देगा; यरूशलेम मलवों का ढेर बनेगा, और मन्दिर का पहाड़ पूजा-स्थल का जंगल!