दूसरे दिन बड़ी पुत्री ने छोटी से कहा, ‘मैं कल रात अपने पिता के साथ लेटी थी। हम आज रात भी अपने पिता को शराब पिलाएं, जिससे तू जाकर उसके साथ लेट सके और हम अपने पिता के द्वारा उसके वंश की रक्षा करें।’
यिर्मयाह 6:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्या वे लज्जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्जा का पानी मर गया है। दुष्कर्म करते समय पश्चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों के साथ वे भी नष्ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है। पवित्र बाइबल नबियों और याजकों को उस पर लज्जित होना चाहिये, जो बुरा वे करते हैं। किन्तु वे तनिक भी लज्जित नहीं। वे तो अपने पाप पर संकोच करना तक भी नहीं जानते। अत: वे अन्य हर एक के साथ दण्डित होंगे। जब मैं दण्ड दूँगा, वे जमीन पर फेंक दिये जायेंगे।” यह सन्देश यहोवा का है। Hindi Holy Bible क्या वे कभी अपने घृणित कामों के कारण लज्जित हुए? नहीं, वे कुछ भी लज्जित नहीं हुए; वे लज्जित होना जानते ही नहीं; इस कारण जब और लोग नीचे गिरें, तब वे भी गिरेंगे, और जब मैं उन को दण्ड देने लगूंगा, तब वे ठोकर खाकर गिरेंगे, यहोवा का यही वचन है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या वे कभी अपने घृणित कामों के कारण लज्जित हुए? नहीं, वे कुछ भी लज्जित नहीं हुए; वे लज्जित होना जानते ही नहीं; इस कारण जब और लोग नीचे गिरें, तब वे भी गिरेंगे, और जब मैं उनको दण्ड देने लगूँगा,तब वे ठोकर खाकर गिरेंगे,” यहोवा का यही वचन है। सरल हिन्दी बाइबल क्या अपने घृणास्पद कार्य के लिए उनमें थोड़ी भी लज्जा देखी गई? निश्चयतः थोड़ी भी नहीं; उन्हें तो लज्जा में गिर जाना आता ही नहीं. तब उनकी नियति वही होगी जो समावेश किए जा रहे व्यक्तियों की नियति है; जब मैं उन्हें दंड दूंगा, घोर होगा उनका पतन,” यह याहवेह की वाणी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या वे कभी अपने घृणित कामों के कारण लज्जित हुए? नहीं, वे कुछ भी लज्जित नहीं हुए; वे लज्जित होना जानते ही नहीं; इस कारण जब और लोग नीचे गिरें, तब वे भी गिरेंगे, और जब मैं उनको दण्ड देने लगूँगा, तब वे ठोकर खाकर गिरेंगे,” यहोवा का यही वचन है। |
दूसरे दिन बड़ी पुत्री ने छोटी से कहा, ‘मैं कल रात अपने पिता के साथ लेटी थी। हम आज रात भी अपने पिता को शराब पिलाएं, जिससे तू जाकर उसके साथ लेट सके और हम अपने पिता के द्वारा उसके वंश की रक्षा करें।’
अब जा : तू लोगों का उस स्थान की ओर नेतृत्व कर जिसके विषय में मैंने कहा था। देख, मेरा दूत तेरे आगे-आगे जाएगा। फिर भी जिस दिन मैं उनको दण्ड देने के लिए उनकी सुध लूँगा, उसी दिन उनको इस पाप का भी दण्ड दूँगा।’
जो मनुष्य बार-बार डांटे जाने पर भी अपना हठ नहीं छोड़ता, उसका अचानक सर्वनाश होगा, और वह फिर नहीं सुधर सकेगा।
वस्तुत: तुम बन्दियों के मध्य दुबक कर बैठोगे; घात किए हुओं के ढेर में तुम्हारी भी लाश होगी! प्रभु का क्रोध इस विनाश के बाद भी शान्त नहीं होगा; विनाश के लिए उसका हाथ अब तक उठा हुआ है।
उनका मुख उनके विरुद्ध साक्षी दे रहा है! वे सदोम नगर-राज्य के समान अपने पाप की घोषणा करते हैं, वे उसको छिपाते नहीं! धिक्कार है उन्हें! उन्होंने स्वयं ही विपत्ति मोल ली है।
अत: मैं, प्रभु, इन नबियों के सम्बन्ध में यह कहता हूं : जो नबी मेरे नाम से नबूवतें करते हैं, यद्यपि मैंने उनको नहीं भेजा है, और जो जनता से यह कहते हैं, “इस देश पर तलवार और अकाल की छाया नहीं पड़ेगी,” वे तलवार और अकाल से ही नष्ट होंगे।
प्रभु, तू जानता है कि उन्होंने मेरी हत्या का षड्यन्त्र रचा है। तू उनका यह दुष्कर्म क्षमा मत करना। अपनी दृष्टि से उनका पाप मत मिटाना। प्रभु वे तेरे सामने ही लड़खड़ा कर गिरें; जब तेरी क्रोधाग्नि भड़क उठे, तब तू उनको उनके षड्यन्त्र का फल देना।
इसलिए जैसे अंधकार में फिसलनेवाला पथ खतरनाक होता है, वैसे ही उनका मार्ग फिसलनेवाला बन जाएगा। वे उस मार्ग पर हांके जाएंगे, और फिसल कर गिर पड़ेंगे। उनके दण्ड-वर्ष के दिनों में मैं उन पर विपत्ति ढाहूंगा, प्रभु की यह वाणी है।
अत: मैंने वर्षा रोक दी, वसंत ऋतु में होनेवाली वर्षा इस वर्ष नहीं हुई। फिर भी तुझे पाप की ग्लानि नहीं हुई। तेरी आंखों में व्यभिचार झलकता रहा!
आज भी उन्होंने अपने दुष्कर्मों से पश्चात्ताप कर अपने हृदय को विनम्र नहीं किया। वे मेरी भक्ति नहीं करते। जो धर्म-नियम और संविधियां मैंने तुम्हारे सामने और तुम्हारे पूर्वजों के सम्मुख रखी थीं, उन के अनुरूप वे आचरण नहीं करते।
तब क्या मैं उनके इन दुष्कर्मों के लिए उनको दण्ड न दूंगा? क्या मैं ऐसी पापी कौम से प्रतिशोध न लूं?’ प्रभु की यह वाणी है।
क्या मैं उनके इस व्यभिचार के लिए उनको दण्ड न दूंगा? क्या मैं ऐसी जाति से प्रतिशोध न लूं?’ प्रभु की यह वाणी है।
जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्या वे लज्जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्जा का पानी मर गया है। दुष्कर्म करते समय पश्चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों में वे भी नष्ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
बुद्धिमान लोग अपमानित होंगे; वे विस्मित होंगे, और अपने ही जाल में फंस जाएंगे। उन्होंने भी प्रभु के वचन को अस्वीकार कर दिया, तो क्या उनमें बुद्धि रहेगी?
ओ नबियो, जिस दीवार की तुमने लिपाई-पुताई की है, उसको मैं धूल में मिला दूंगा। मैं उसकी नींव तक उखाड़ दूंगा। जब वह गिरेगी तब तुम भी उस में दब कर मर जाओगे। तब तुम्हें मालूम होगा कि मैं ही प्रभु हूं।
यह पीढ़ी धृष्ट और हठी है। मैं उन लोगों के पास तुझको भेज रहा हूं। तू उनसे यह कहना : “स्वामी-प्रभु यों कहता है।”
जो हत्या इस नगरी ने की है, उसका खून अब तक विद्यमान है। उसने खून को रेत से ढांपने के लिए भूमि पर नहीं उण्डेला है। वरन् उसको नंगी चट्टान पर उण्डेला है।
तू दिन-दोपहर ठोकर खाता है; और रात में नबी भी तेरे साथ ठोकर खाता है। तेरे अपने लोग नष्ट हो गए।
दण्ड-दिवस समीप आ गए; प्रतिकार के दिन आ गए। इस्राएल इसका अनुभव करेगा। तुम्हारे महा अधर्म के कारण, तुम्हारी अत्यधिक घृणा के कारण नबी मूर्ख बन गया है, और जिस पुरुष पर आत्मा उतरता है, वह पागल हो गया है।
अत: ओ नबियो! रात में तुम्हें दर्शन नहीं मिलेगा, और न ही अन्धकार में तुम शकुन विचार सकोगे। तुम-नबियों का सूर्य अस्त हो जाएगा, तुम्हारे दिन भी अन्धकार में बदल जाएंगे।
उनकी अच्छाई का अर्थ है−कंटीली झाड़ी! उनकी ईमानदारी का मतलब है−कांटे! उनके प्रहरियों द्वारा सूचित दिन, उनके दण्ड का दिन समीप आ गया। अब आतंक उनके निकट है।
उसमे मध्य में रहनेवाला प्रभु धार्मिक है, वह अनुचित कार्य नहीं करता; वह हर सुबह सूर्य की किरणों की तरह न्याय प्रकट करता है। वह अपना यह कार्य कभी नहीं भूलता; पर जो अन्यायी है, उसके लिए शर्म क्या!
उस दिन सब नबी नबूवत करने पर अपने-अपने दर्शन के लिए लज्जित होंगे। नबी धोखा देने के लिए कम्बल का वस्त्र नहीं पहिनेगा।
उन्हें रहने दो; वे अन्धों के अन्धे पथप्रदर्शक हैं। यदि अन्धा अन्धे को मार्ग दिखाए तो दोनों ही गड्ढे में गिरेंगे।”
उन लोगों का अन्त सर्वनाश है। वे भोजन को अपना ईश्वर बना लेते हैं और ऐसी बातों पर गर्व करते हैं, जिन पर लज्जा करनी चाहिए। उनका मन संसार की वस्तुओं में लगा हुआ है।