यद्यपि प्रभु, तू उच्चासन पर विराजमान है, तो भी तू नम्र मनुष्य पर दृष्टि करता है; पर तू दूर से ही अहंकारियों को पहचान लेता है।
यिर्मयाह 48:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हमने मोआब के विषय में सुना है कि वह बहुत घमण्डी है, वह बढ़-बढ़कर बातें करता है; वह अभिमान करता है, वह धृष्ट वचन बोलता है। उसके हृदय में अहंकार भरा है। पवित्र बाइबल “हम मोआब के गर्व को सुन चुके हैं, वह बहुत घमण्डी था। उसने समझा था कि वह बहुत बड़ा है। वह सदा अपने मुँह मियाँ मिटठू बनता रहा। वह अत्याधिक घमण्डी था।” Hindi Holy Bible हम ने मोआब के गर्व के विषय में सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी है; उसका गर्व, अभिमान और अहंकार, और उसका मन फूलना प्रसिद्ध है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हम ने मोआब के गर्व के विषय में सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी है; उसका गर्व, अभिमान और अहंकार, और उसका मन फूलना प्रसिद्ध है। सरल हिन्दी बाइबल “हमने मोआब के अहंकार— उसकी उद्दंडता, उसके दर्प, उसके गर्व तथा उसके मन के विषय में सुन लिया है, अत्यंत उग्र है उसका अहंकार. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हमने मोआब के गर्व के विषय में सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी है; उसका गर्व, अभिमान और अहंकार, और उसका मन फूलना प्रसिद्ध है। |
यद्यपि प्रभु, तू उच्चासन पर विराजमान है, तो भी तू नम्र मनुष्य पर दृष्टि करता है; पर तू दूर से ही अहंकारियों को पहचान लेता है।
मनुष्य अपने विनाश के पूर्व घमण्डी हो जाता है; पर आदर पाने के लिए मनुष्य को पहले विनम्र बनना पड़ता है।
जो मनुष्य घमण्डी और हठी है, जो अहंकार में डूबकर काम करता है, उसको ज्ञान की हंसी उड़ानेवाला कहते हैं।
संसार में कुछ आदमी हैं जिनकी आंखें घमण्ड से भरी रहती हैं, जिनकी भौंहें गर्व से चढ़ी रहती हैं।
बुराई से घृणा करना ही प्रभु की भक्ति करना है; मैं घमण्ड, अहंकार और दुराचरण से, छल-कपटपूर्ण बातों से घृणा करती हूं।
मैं दुनिया को उसकी दुष्टता के लिए, और दुर्जनों को उनके दुष्कर्म के लिए दण्ड दूंगा। मैं अहंकारी का अहंकार मिटा दूंगा; मैं अत्याचारी की घमण्ड से चढ़ी हुई आंखों को नीचा करूंगा।
परन्तु हमने मोआब के अहंकार के विषय में सुना है कि वह कितना घमंडी था। हम उसकी धृष्टता, उसके अभिमान, गर्व को जानते हैं, पर उस का डींग मारना, यह सब व्यर्थ है।
“अब मैं, नबूकदनेस्सर, स्वर्ग के राजा की स्तुति और महिमा करता हूं, उसके गुणों का गान करता हूं; क्योंकि उसके सब कार्य सच्चे, और प्रत्येक व्यवहार न्यायपूर्ण है। ‘जो मनुष्य घमण्ड से सिर ऊंचा करके चलता है, उसको वह नीचा कर सकता है।’
क्योंकि जो अपने आप को बड़ा मानता है, वह छोटा किया जाएगा और जो अपने आप को छोटा मानता है, वह बड़ा किया जाएगा।”
वह प्रचुर मात्रा में अनुग्रह भी देता है, जैसा कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “परमेश्वर घमण्डियों का विरोध करता, किन्तु विनीतों को अनुग्रह प्रदान करता है।”