नबी यिर्मयाह ने भी राजा योशियाह की स्मृति में एक शोक गीत रचा था। आज भी लोक गायक और गायिकाएं अपने शोकगीतों में योशियाह का उल्लेख करते हैं। योशियाह के सम्बन्ध में शोकगीत गाना वास्तव में एक प्रथा बन गया है। ये शोकगीत “विलाप गीत” की पुस्तक में लिखे हुए हैं।
वसन्त के दिनों में बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने अपने सैनिक भेजे और उसको बेबीलोन में ले आया। इसके अतिरिक्त वह प्रभु के भवन के समस्त बहुमूल्य पात्र बेबीलोन ले गया। उसने उसके भाई सिदकियाह को यहूदा प्रदेश तथा यरूशलेम का राजा बनाया।
अत: प्रभु ने अपने निज लोगों के विरुद्ध कसदी कौम के राजा को बुलाया, जिसने उनके युवकों को पवित्र स्थान में तलवार से मौत के घाट उतार दिया। राजा ने किसी पर दया नहीं की, न बच्चों पर न कन्याओं पर, न प्रौढ़ों पर न वृद्धों पर। प्रभु ने उन सबको कसदी कौम के राजा के हाथ में सौंप दिया।
आह! मेरा मन! मेरा मन! मैं पीड़ा से तड़प रहा हूं। आह! मेरा हृदय! मेरे हृदय की धड़कन तेज हो गई है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्योंकि मैं युद्ध के बिगुल की आवाज, युद्ध का कोलाहल सुन रहा हूं।
विनाश पर विनाश का समाचार आ रहा है; सारा प्रदेश लूट लिया गया है। अचानक मेरे निवास-स्थान के तम्बू उखाड़ लिये गए, क्षण-भर में मेरी कनातें नष्ट हो गयीं।
प्रभु ने कहा, ‘मेरे निज लोग मूर्ख हैं; वे मुझे नहीं जानते। वे नासमझ बच्चे हैं; उनमें बिल्कुल समझ नहीं है। वे दुष्कर्म करने में चतुर हैं, पर सत्कर्म कैसे करना चाहिए, यह वे नहीं जानते।’
और हम मिस्र देश जाएंगे जहां हम युद्ध नहीं देखेंगे, और न ही युद्ध का स्वर, न नरसिंगे का स्वर हमारे कानों में पड़ेगा; जहां हमें रोटी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा; बल्कि हम वहां निश्चिन्त निवास करेंगे,”
ओ बिन्यामिन कुल के लोगो, यरूशलेम को छोड़कर सुरक्षित स्थानों में भाग जाओ। तकोआ नगर में चेतावनी का बिगुल बजाओ, बेत-हक्केरेम नगर में संकेत देने के लिए पताका फहराओ। क्योंकि उत्तर दिशा में संकट के बादल उमड़ रहे हैं; महाविनाश आ रहा है।