यद्यपि मैं घोर अंधकारमय घाटी से गुजरता हूँ, तो भी अनिष्ट से नहीं डरता, क्योंकि हे प्रभु, तू मेरे साथ है। तेरी सोंठी, तेरी लाठी मुझे सहारा देती हैं।
यिर्मयाह 38:28 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिस दिन यरूशलेम नगर पर कसदी सेना का कब्जा हुआ, उस दिन तक यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में रहे। पवित्र बाइबल इस प्रकार यिर्मयाह रक्षकों के संरक्षण में मन्दिर के आँगन में उस दिन तक रहा जिस दिन यरूशलेम पर अधिकार कर लिया गया। Hindi Holy Bible इस प्रकार जिस दिन यरूशलेम ले लिया गया उस दिन तक वह पहरे के आंगन ही में रहा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस प्रकार जिस दिन यरूशलेम ले लिया गया उस दिन तक वह पहरे के आँगन ही में रहा। सरल हिन्दी बाइबल येरेमियाह येरूशलेम के पतन के दिन तक पहरे के आंगन में ही निवास करते रहे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस प्रकार जिस दिन यरूशलेम ले लिया गया उस दिन तक वह पहरे के आँगन ही में रहा। |
यद्यपि मैं घोर अंधकारमय घाटी से गुजरता हूँ, तो भी अनिष्ट से नहीं डरता, क्योंकि हे प्रभु, तू मेरे साथ है। तेरी सोंठी, तेरी लाठी मुझे सहारा देती हैं।
जब नबी यिर्मयाह राजमहल के अंगरक्षकों के आंगन में बन्दी थे तब दूसरी बार प्रभु का यह सन्देश नबी यिर्मयाह को मिला :
मेरे स्वामी, महाराज, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप मेरी बात सुनिए, और मुझे सचिव योनातान के घर में मत भेजिए। मैं वहां मर जाऊंगा।’
अत: राजा सिदकियाह ने आदेश दिया, और सिपाहियों ने यिर्मयाह को राजमहल के पहरे के आंगन में रख दिया। जब तक नगर में रोटी उपलब्ध रही, यिर्मयाह को रोटी वालों की गली से प्रति दिन एक रोटी मिलती रही। इस प्रकार यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में रहने लगे।
तब उन्होंने रस्सी के सहारे यिर्मयाह को ऊपर खींचा, और यों उनको अंधे-कुएं से बाहर निकाल लिया। यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में फिर रहने लगे।
ऐसा ही हुआ। उच्चाधिकारी यिर्मयाह के पास आए। उन्होंने यिर्मयाह से पूछा कि राजा और उसके बीच क्या-क्या बातें हुईं। यिर्मयाह ने राजा सिदकियाह के परामर्श के अनुसार उसकी बातें दुहरा दीं, जो उसने यिर्मयाह से कही थीं। अत: उन्होंने यिर्मयाह से पूछना छोड़ दिया, और गुप्त मंत्रणा की बात न खुली।
अत: बेबीलोन के राजा के सब उच्चाधिकारी, अंगरक्षकों का नायक नबूजरदान, खोजों का मुखिया नबुसजबान, राजवैद्य नेर्गलसरेसेर, और अन्य उच्चाधिकारियों ने
सैनिक भेजे और राजमहल के पहरे के आंगन से यिर्मयाह को निकाला। उन्होंने यिर्मयाह की देखभाल करने के लिए गदल्याह को नियुक्त किया, जिसके पिता का नाम अहीकाम और दादा का नाम शापान था। गदल्याह यिर्मयाह को अपने घर ले गया, और नबी यिर्मयाह अपने लोगों के मध्य रहने लगे।
जब यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में नजरबन्द थे, तब उन्हें प्रभु का यह सन्देश मिला था। प्रभु ने कहा,
तुम जानते हो कि अन्ताकिया, इकोनियुम तथा लुस्त्रा जैसे नगरों में मुझ पर क्या-क्या अत्याचार हुए और मुझे कितना सताया गया। मैंने कितने अत्याचार सहे! किन्तु प्रभु सब में मेरी रक्षा करता रहा है।