ग्यारहवें वर्ष के चौथे महीने के नौवें दिन जब नगर में भयंकर अकाल था, और आम जनता को भोजन नहीं मिल रहा था,
यिर्मयाह 37:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: राजा सिदकियाह ने आदेश दिया, और सिपाहियों ने यिर्मयाह को राजमहल के पहरे के आंगन में रख दिया। जब तक नगर में रोटी उपलब्ध रही, यिर्मयाह को रोटी वालों की गली से प्रति दिन एक रोटी मिलती रही। इस प्रकार यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में रहने लगे। पवित्र बाइबल अत: राजा सिदकिय्याह ने यिर्मयाह के लिये आँगन में रक्षकों के संरक्षण में रहने का आदेश दिया और उसने यह आदेश दिया कि यिर्मयाह को सड़क पर रोटी बनाने वालों से रोटियाँ दी जानीं चाहिये। यिर्मयाह को तब तक रोटी दी जाती रही जब तक नगर में रोटी समाप्त नहीं हुई। इस प्रकार यिर्मयाह आँगन में रक्षकों के संरक्षण में रहा। Hindi Holy Bible तब सिदकिय्याह राजा की आज्ञा से यिर्मयाह पहरे के आंगन में रखा गया, और जब तक नगर की सब रोटी न चुक गई, तब तक उसको रोटी वालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी दी जाती थी। ओर यिर्मयाह पहरे के आंगन में रहने लगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब सिदकिय्याह राजा की आज्ञा से यिर्मयाह पहरे के आँगन में रखा गया, और जब तक नगर की सब रोटी न चुक गई, तब तक उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी दी जाती थी। इस प्रकार यिर्मयाह पहरे के आँगन में रहने लगा। सरल हिन्दी बाइबल तब राजा ने आदेश दिया और येरेमियाह को पहरे के आंगन में रखने का प्रबंध किया गया, वहां उन्हें प्रतिदिन पाकशाला गली से रोटी प्रदान की जाती रही, यह तब तक होता रहा जब तक नगर में रोटी का निर्माण करना संभव रहा. वैसे येरेमियाह पहरे के आंगन में ही निवास करते रहे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब सिदकिय्याह राजा की आज्ञा से यिर्मयाह पहरे के आँगन में रखा गया, और जब तक नगर की सब रोटी न चुक गई, तब तक उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी दी जाती थी। यिर्मयाह पहरे के आँगन में रहने लगा। |
ग्यारहवें वर्ष के चौथे महीने के नौवें दिन जब नगर में भयंकर अकाल था, और आम जनता को भोजन नहीं मिल रहा था,
जब प्रभु मनुष्य के आचरण से प्रसन्न होता है, तब वह उसके शत्रुओं को भी उसके मित्र बना देता है।
राजा का हृदय नहर के सदृश है, जो प्रभु के हाथ में है; जहां वह चाहता है वहां वह उसको मोड़ देता है।
ये कार्य करनेवाला व्यक्ति उच्चस्थान पर निवास करेगा, उसके रक्षा-स्थान चट्टानी किले होंगे; उसे भोजन सदा मिलता रहेगा, उसे जल का अभाव कभी न होगा।
तब उसने नबी यिर्मयाह को मारा और उनको काठ की बेड़ियों में जकड़ कर प्रभु-भवन के उपरले बिन्यामिन दरवाजे में डाल दिया।
उस समय बेबीलोन के राजा की सेना यरूशलेम नगर की घेराबन्दी कर रही थी, और नबी यिर्मयाह यहूदा के राजा के राजमहल में, अंगरक्षकों के आंगन में बन्दी थे;
‘प्रभु के वचन के अनुसार मेरा चचेरा भाई हनमएल मेरे पास आया। वह मुझ से राजमहल के अंगरक्षकों के आंगन में मिला। उस ने मुझ से कहा, “आप बिन्यामिन कुल-क्षेत्र के नगर अनातोत के मेरे खेत को खरीद लीजिए; क्योंकि उस को मोल ले कर सम्पत्ति को छुड़ाने का अधिकार केवल आप का है। आप मेरे खेत को अपने लिए खरीद लीजिए।” तब मुझे निश्चय हो गया कि यह प्रभु का ही सन्देश था।
जब नबी यिर्मयाह राजमहल के अंगरक्षकों के आंगन में बन्दी थे तब दूसरी बार प्रभु का यह सन्देश नबी यिर्मयाह को मिला :
तब उन्होंने रस्सी के सहारे यिर्मयाह को ऊपर खींचा, और यों उनको अंधे-कुएं से बाहर निकाल लिया। यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में फिर रहने लगे।
जिस दिन यरूशलेम नगर पर कसदी सेना का कब्जा हुआ, उस दिन तक यिर्मयाह राजमहल के पहरे के आंगन में रहे।
अत: उच्चाधिकारियों ने यिर्मयाह को पकड़ा, और रस्सियों से बांध कर राजकुमार मल्कियाह के अंधे-कुंएं में डाल दिया। यह कुआँ राजमहल के पहरे के आंगन में था। उसमें पानी नहीं, बल्कि कीचड़ ही कीचड़ था। यिर्मयाह कीचड़ में धंस गए।
एबेदमेलेक ने राजा से निवेदन किया, ‘महाराज, मेरे मालिक, इन उच्चाधिकारियों ने नबी यिर्मयाह को अन्धे-कुएं में डाल कर बुरा काम किया है। नबी यिर्मयाह अंधे-कुएं में भूख से मर जाएंगे; नगर में भी रोटी का काल पड़ गया है।’
नगर में भयंकर अकाल पड़ गया। यहूदा प्रदेश में लोगों के पास खाने को अन्न नहीं रहा। हाहाकार मच गया। अत: चौथे महीने की नौवीं तारीख को
तुम सब से पहले परमेश्वर के राज्य और उसकी धार्मिकता की खोज करो तो ये सब वस्तुएँ भी तुम्हें मिल जाएँगी।
जब पतरस पर इस प्रकार बन्दीगृह में पहरा बैठा हुआ था, तब कलीसिया उनके लिए आग्रह के साथ परमेश्वर से प्रार्थना कर रही थी।
किन्तु जब दो वर्षों के बाद राज्यपाल फ़ेलिक्स के स्थान पर पोर्कियुस फेस्तुस नियुक्त हुआ, तब फ़ेलिक्स यहूदी धर्मगुरुओं को प्रसन्न करने के उद्देश्य से पौलुस को बन्दीगृह में ही छोड़ गया।
जब हम रोम पहुंचे, तो पौलुस को यह अनुमति मिल गई कि वह पहरा देने वाले सैनिक के साथ जहाँ चाहें, रह सकते हैं।
पौलुस पूरे दो वर्षों तक अपने किराये के मकान में रहे। वह उन सब लोगों का स्वागत करते थे, जो उनसे मिलने आते थे।
परमेश्वर ने आप लोगों को बुलाया है। आप अपने इस बुलावे के अनुसार आचरण करें-यह आप लोगों से मेरा अनुरोध है, जो प्रभु के कारण कैदी हूँ।
जिस शुभ समाचार का मैं बेड़ियों से बंधा हुआ राजदूत हूँ। आप प्रार्थना करें, जिससे मैं निर्भीकता से शुभ समाचार की घोषणा कर सकूँ, जैसा कि मुझे बोलना चाहिए।
तुम न तो हमारे प्रभु की साक्षी देने में लज्जा अनुभव करो और न मुझ से, जो उनके लिए बन्दी हूँ, बल्कि परमेश्वर के सामर्थ्य पर भरोसा रख कर, तुम मेरे साथ शुभसमाचार के लिए कष्ट सहते रहो।
इस शुभ समाचार की सेवा में मैं कष्ट पाता हूँ; और अपराधी की तरह बन्दी हूँ परन्तु परमेश्वर का वचन बन्दी नहीं है।