‘अब, हे मेरे परमेश्वर, उठ! तू और तेरे सामर्थ्य की मंजूषा अपने विश्राम-स्थान को जाएं। तेरे पुरोहित धार्मिकता से विभूषित हों, तेरी भलाई के कारण तेरे भक्त जय-जयकार करें।
यिर्मयाह 31:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं अपने पुरोहितों को उत्तम भोजन-वस्तुओं से तृप्त करूंगा, मैं अपनी भलाई के कारण अपने निज लोगों को उत्तम वस्तुएं दूंगा, और वे सन्तुष्ट होंगे।’ पवित्र बाइबल याजकों के लिये आवश्यकता से अधिक बलि भेंट दी जायेगी और मेरे लोग इससे भरे पूरे तथा सन्तुष्ट होंगे जो अच्छी चीज़ें मैं उन्हें दूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। Hindi Holy Bible मैं याजकों को चिकनी वस्तुओं से अति तृप्त करूंगा, और मेरी प्रजा मेरे उत्तम दानों से सन्तुष्ट होगी, यहोवा की यही वाणी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं याजकों को चिकनी वस्तुओं से अति तृप्त करूँगा, और मेरी प्रजा मेरे उत्तम दानों से सन्तुष्ट होगी,” यहोवा की यही वाणी है। सरल हिन्दी बाइबल मेजवानी ऐसी होगी कि पुरोहितों के प्राण तृप्त हो जाएंगे, तथा मेरी प्रजा मेरे द्वारा किए गए कल्याण पर संतुष्ट हो जाएगी,” यह याहवेह की वाणी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं याजकों को चिकनी वस्तुओं से अति तृप्त करूँगा, और मेरी प्रजा मेरे उत्तम दानों से सन्तुष्ट होगी,” यहोवा की यही वाणी है। |
‘अब, हे मेरे परमेश्वर, उठ! तू और तेरे सामर्थ्य की मंजूषा अपने विश्राम-स्थान को जाएं। तेरे पुरोहित धार्मिकता से विभूषित हों, तेरी भलाई के कारण तेरे भक्त जय-जयकार करें।
इस्राएली लोग तथा लेवी कुल के उपपुरोहित अन्न, अंगूर-रस और तेल की भेंट कक्षों के उस स्थान में लाएंगे जहाँ पवित्र स्थान के पात्र रखे जाते हैं, और जहाँ सेवक-पुरोहितों, द्वारपालों और गायकों के कक्ष हैं। ‘हम शपथ लेते हैं कि हम परमेश्वर के भवन की उपेक्षा नहीं करेंगे। ‘यदि हम अपनी शपथ के अनुसार कार्य नहीं करेंगे तो हम शापित हों।’
प्रभु प्यासे प्राण को तृप्त करता है, वह भूखे व्यक्ति को भली वस्तु से सन्तुष्ट करता है।
मैं इसके पुरोहितों को उद्धार से विभूषित करूंगा, इसके भक्त ऊंचे स्वर से जय-जयकार करेंगे।
परन्तु मैं अपनी धार्मिकता के कारण तेरे मुख का दर्शन करूंगा; जब मैं जागूंगा तब मेरे स्वरूप को देखकर सन्तुष्ट होऊंगा।
वे तेरे घर के विभिन्न व्यंजनों से तृप्त होते हैं। तू उन्हें अपनी सुख-सरिता से जल पिलाता है।
मैं पवित्र-स्थान में तुझ पर दृष्टि करता हूँ, कि तेरे सामर्थ्य और तेरी महिमा के दर्शन पाऊं।
मेरा प्राण भव्य भोज के भोजन से तृप्त हुआ है; मैं आनन्दपूर्ण ओंठों से तेरी प्रशंसा करूंगा।
धन्य है वह, जिसको तू चुनता और अपने समीप आने देता है, कि वह तेरे भवन के आंगनों में निवास करे। हम तेरे गृह, तेरे पवित्र भवन के उत्तम भोजन से तृप्त होंगे।
तू प्रात: काल अपनी करुणा से हमें तृप्त कर, जिससे हम जीवन भर जयजयकार करें, और आनन्द मनाएं।
‘ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन! मैं अपने उद्यान में आया हूं। मैंने अपना गन्धरस और बलसान चुन लिया। मैंने मधु छत्ते से टपकता मधु खाया। मैंने दूध के साथ अंगूर-रस पिया।’ ओ प्रेमियो, छककर पियो।’
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु सियोन पर्वत पर सब जातियों के लिए महाभोज तैयार करेगा, जिस में छप्पन व्यंजन, शुद्ध किया हुआ अंगूर का रस होगा; जिसमें स्निग्ध भोजन, और पुराने अंगूर रस के पेय होंगे।
किन्तु तुम ‘प्रभु के पुरोहित’ कहलाओगे; अन्य जातियों के लोग तुम्हें ‘हमारे परमेश्वर के सेवक’ कहेंगे। तुम राष्ट्रों की धन-सम्पत्ति भोगोगे, उनके वैभव से तुम्हारा ऐश्वर्य बढ़ेगा।
यह नगर पृथ्वी के सब राष्ट्रों में मेरे लिए एक आनन्ददायक नाम, स्तुति और महिमा का स्थान बन जाएगा। जो भलाई मैं इस नगर के रहने वालों के लिए करूंगा, उसके विषय में पृथ्वी की सब जातियां सुनेंगी, और उनसे भयभीत होंगी। मैं इस नगर का कल्याण करूंगा और इस को समृद्ध बनाऊंगा। इसके कल्याण और समृद्धि को देख कर विश्व की जातियां डर से कांपेंगी।’
अपनी निज भेड़ इस्राएल को मैं हरे-भरे चरागाह में ले जाऊंगा। वह कर्मेल पहाड़ और बाशान की चराई में फिर चरेगी। वह एफ्रइम और गिलआद के पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी इच्छा को तृप्त करेगी।
मैं उनको हरे-भरे चरागाह में चराऊंगा। इस्राएल देश के ऊंचे पठारों पर उनके चरागाह होंगे। वहां वे हरे-भरे घास के मैदान में आराम करेंगी। उन्हें इस्राएल के पहाड़ों के उत्तम चरागाह में पेटभर आहार प्राप्त होगा।
क्या बीज अब तक बखार में है? क्या अंगूर, अंजीर, अनार और जैतून के वृक्षों में फल नहीं लगे? आज के दिन से मैं तुम्हें आशिष देता रहूंगा।’
धन्य है परमेश्वर, हमारे प्रभु येशु मसीह का पिता! उसने मसीह द्वारा हम लोगों को स्वर्ग के हर प्रकार के आध्यात्मिक वरदान प्रदान किये हैं।
आप लोगों को उनके प्रेम का ज्ञान प्राप्त होगा, यद्यपि वह ज्ञान से परे है। इस प्रकार आप लोग, परमेश्वर की समस्त पूर्णता तक पहुँच कर, स्वयं परिपूर्ण हो जायेंगे।
मूसा ने नफ्ताली कुल के विषय में यह कहा, ‘ओ नफ्ताली! तू प्रभु की अनुकम्पा से सन्तुष्ट, और उसकी आशिषों से भरपूर है। गन्नेसरत झील और दक्षिणी क्षेत्र पर तेरा अधिकार है।’
परन्तु आप लोग चुने हुए वंश, राजकीय पुरोहित-वर्ग, पवित्र राष्ट्र तथा परमेश्वर की अपनी निजी प्रजा हैं, जिससे आप उसी के महान् कार्यों की घोषणा करें, जो आप लोगों को अन्धकार में से निकाल कर अपनी अलौकिक ज्योति में बुला लाया है।
तूने उन्हें हमारे परमेश्वर के लिए पुरोहितों का राजवंश बना दिया है और वे पृथ्वी पर राज्य करेंगे।”