जब सिदकियाह राजा बना तब वह इक्कीस वर्ष का था। उसने ग्यारह वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्य किया।
यिर्मयाह 29:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘दाऊद के सिंहासन पर विराजनेवाले राजा तथा इस नगर के बचे हुए निवासियों के सम्बन्ध में, जो तुम्हारे जाति भाई-बन्धु हैं, और तुम्हारे साथ बन्दी बन कर बेबीलोन नहीं गए हैं, प्रभु यों कहता है: पवित्र बाइबल किन्तु यहोवा तुम्हारे उन सम्बन्धियों के बारे में जो बाबुल नहीं ले जाए गए यह कहता है: मैं उस राजा के बारे में बात कर रहा हूँ जो इस समय दाऊद के राजसिंहासन पर बैठा है और उन सभी अन्य लोगों के बारे में जो अब भी यरूशलेम नगर में रहते हैं। Hindi Holy Bible परन्तु जो राजा दाऊद की गद्दी पर विराजमान है, और जो प्रजा इस नगर में रहती है, अर्थात तुम्हारे जो भाई तुम्हारे संग बंधुआई में नहीं गए, उन सभों के विषय सेनाओं का यहोवा यह कहता है, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जो राजा दाऊद की गद्दी पर विराजमान है, और जो प्रजा इस नगर में रहती है, अर्थात् तुम्हारे जो भाई तुम्हारे संग बँधुआई में नहीं गए, उन सभों के विषय सेनाओं का यहोवा यह कहता है : सरल हिन्दी बाइबल यह याहवेह का संदेश है, उस राजा के विषय में जो दावीद के सिंहासन पर विराजमान होता है तथा उन लोगों के विषय में, जो इस नगर में निवास कर रहे हैं, जो सहनागरिक तुम्हारे साथ बंधुआई में नहीं गए हैं— इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जो राजा दाऊद की गद्दी पर विराजमान है, और जो प्रजा इस नगर में रहती है, अर्थात् तुम्हारे जो भाई तुम्हारे संग बँधुआई में नहीं गए, उन सभी के विषय सेनाओं का यहोवा यह कहता है, |
जब सिदकियाह राजा बना तब वह इक्कीस वर्ष का था। उसने ग्यारह वर्ष तक राजधानी यरूशलेम में राज्य किया।
एक टोकरी के फल मौसम के प्रथम फलों के सदृश बहुत अच्छे हैं। किन्तु दूसरी टोकरी में खराब फल हैं, जो इतने खराब हैं कि कोई उन को खा भी नहीं सकता।
प्रभु यों कहता है, ‘बुरे अंजीर फलों के समान, जो इतने बुरे हैं कि खाए भी नहीं जा सकते, मैं यहूदा प्रदेश के राजा सिदकियाह, सामंतों और यरूशलेम के बचे हुए निवासियों तथा मिस्र देश के रहनेवालों के साथ बुरा व्यवहार करूंगा।
यह पत्र एलासा बेन-शापान तथा गमर्याह बेन-हिल्कियाह के हाथ से भेजा गया था। इन को यहूदा के राजा सिदकियाह ने बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के पास भेजा था। पत्र में यह लिखा था:
अत: मैंने अपनी क्रोधाग्नि उन पर उण्डेल दी। मैंने अपने क्रोध की ज्वाला से उनको भस्म कर दिया। मैंने उनके आचरण का प्रतिफल उन्हीं के सिर पर लौटा दिया।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।