‘ओ यिर्मयाह, उठ; कमर कस कर तैयार हो। उनसे सब बातें कह, जो मैंने तुझ से कही हैं। उनसे मत घबराना, अन्यथा मैं तुझे उनके सामने घबरा दूंगा।
यिर्मयाह 26:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘प्रभु यों कहता है: जा, प्रभु-गृह के आंगन में खड़ा हो और मेरे भवन में यहूदा प्रदेश के नगरों से आनेवाले आराधकों से यह कह। मैं तुझसे जो बातें कहूंगा, वह सब उन से कहना, एक शब्द भी उन से मत छिपाना। पवित्र बाइबल यहोवा ने कहा, “यिर्मयाह, यहोवा के मन्दिर के आँगन में खड़े होओ। यहूदा के उन सभी लोगों को यह सन्देश दो जो यहोवा के मन्दिर में पूजा करने आ रहे हैं। तुम उनसे वह सब कुछ कहो जो मैं तुमसे कहने को कह रहा हूँ। मेरे सन्देश के किसी भाग को मत छोड़ो। Hindi Holy Bible यहोवा के भवन के आंगन में खड़ा हो कर, यहूदा के सब नगरों के लोगों के साम्हने जो यहोवा के भवन में दण्डवत करने को आएं, ये वचन जिनके विषय उन से कहने की आज्ञा मैं तुझे देता हूँ कह दे; उन में से कोई वचन मत रख छोड़। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “यहोवा यों कहता है : यहोवा के भवन के आँगन में खड़ा होकर, यहूदा के सब नगरों के लोगों के सामने जो यहोवा के भवन में दण्डवत् करने को आएँ, ये वचन जिनके विषय उनसे कहने की आज्ञा मैं तुझे देता हूँ कह दे; उनमें से कोई वचन मत रख छोड़। सरल हिन्दी बाइबल “याहवेह का आदेश यह है: याहवेह के भवन के आंगन में खड़े होकर यहूदिया के उन सारे नगरों को संबोधित करो, जो याहवेह के भवन में वंदना के उद्देश्य से एकत्र हुए हैं तथा तुम उन्हें वह सब प्रगट कर दो, जिनके लिए वचन देने का आदेश मैं तुम्हें दे चुका हूं; एक शब्द भी न छूटने पाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “यहोवा यह कहता है: यहोवा के भवन के आँगन में खड़ा होकर, यहूदा के सब नगरों के लोगों के सामने जो यहोवा के भवन में दण्डवत् करने को आएँ, ये वचन जिनके विषय उनसे कहने की आज्ञा मैं तुझे देता हूँ कह दे; उनमें से कोई वचन मत रख छोड़। |
‘ओ यिर्मयाह, उठ; कमर कस कर तैयार हो। उनसे सब बातें कह, जो मैंने तुझ से कही हैं। उनसे मत घबराना, अन्यथा मैं तुझे उनके सामने घबरा दूंगा।
किन्तु प्रभु ने कहा, ‘मत कह कि तू किशोर है! मैं जिस-जिस व्यक्ति के पास तुझको भेजूंगा, तू उसके पास जाएगा, और जो मैं तुझे बोलने के लिए कहूंगा, वही तू बोलेगा।
यिर्मयाह उस तोपेत नामक स्थान से लौटे, जहां प्रभु ने उनको नबूवत करने के लिए भेजा था। वह यरूशलेम के मन्दिर के आंगन में खड़े हुए। यिर्मयाह ने सब लोगों से कहा,
‘जिन नबियों को मेरा दर्शन मिलता है, वे मेरे दर्शन की बातें लोगों को बताएं; किन्तु जिनको मेरा वचन मिला है, वे सच्चाई से उस वचन के विषय में भी बताएं। कहां भूसा? कहां गेहूं?’ प्रभु की यह वाणी है,
प्रभु के भवन में पुरोहित और अन्य लोग खड़े थे। नबी यिर्मयाह ने उन सब के सामने नबी हनन्याह से यह कहा,
इन सब लोगों की उपस्थिति में बारूक ने पुस्तक में से यिर्मयाह की नबूवत पढ़ी। वह उस समय प्रभु के भवन में सचिव गर्मयाह बेन-शापान के कमरे में था। यह कमरा उपरले आंगन में, प्रभु के भवन के नव प्रवेश-द्वार के समीप था।
नबी यिर्मयाह ने उनसे कहा, ‘मैंने तुम्हारा निवेदन सुना। मैं निस्सन्देह तुम्हारे निवेदन के अनुसार तुम लोगों के प्रभु परमेश्वर से प्रार्थना करूंगा, और जो कुछ वह कहेगा, मैं तुम्हें बताऊंगा। मैं तुम से कुछ नहीं छिपाऊंगा।’
‘मेरे भवन के प्रवेश-द्वार पर खड़ा हो, और वहां मेरा यह वचन घोषित कर: ओ यहूदा प्रदेश के निवासियो, प्रभु के भवन में प्रवेश करनेवालो, प्रभु के आराधको! प्रभु का वचन सुनो।
‘यिर्मयाह, तू ये बातें उन से कहेगा; किन्तु वे नहीं सुनेंगे। तू पश्चात्ताप के लिए उन्हें बुलाएगा; परन्तु वे तुझे उत्तर नहीं देंगे।
इसके अतिरिक्त उसने मुझसे यह भी कहा, ‘ओ मानव-सन्तान, जो बातें मैं तुझसे कह रहा हूं, उनको ध्यान से सुन, और उनको अपने हृदय में संभाल कर रख।
‘इसी प्रकार ओ मानव, मैंने तुझको इस्राएल के वंश का पहरेदार नियुक्त किया है। जब कभी तू मेरे मुंह से इस्राएल के लिए चेतावनी के वचन सुनता है, यह तेरा दायित्व है कि तू मेरी ओर से उनको सावधान करे।
उस आदमी ने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, जो कुछ तू सुनेगा, जो कुछ देखेगा, तू उसको ध्यान से देखना, और कान लगाकर सुनना। जो मैं तुझको दिखाऊंगा, उस पर मन लगाना। तुझे यहां इसीलिए लाया गया है कि मैं तुझको यह सब-कुछ दिखाऊं। जो कुछ तू यहां देखेगा, वह इस्राएल वंशियों को बताना।’
मैंने तुम्हें जो-जो आदेश दिये हैं, उन सबका पालन करना उन्हें सिखाओ। देखो, मैं संसार के अन्त तक सदा तुम्हारे साथ हूँ।”
येशु प्रतिदिन मन्दिर में शिक्षा देते थे। महापुरोहित, शास्त्री और जनता के नेता इस प्रयत्न में थे कि येशु का विनाश करें।
येशु ने उत्तर दिया, “मैं संसार के सामने प्रकट रूप से बोला हूँ। मैंने सदा सभागृह और मन्दिर में, जहाँ सब धर्मगुरु एकत्र हुआ करते हैं, शिक्षा दी है। मैंने गुप्त रूप से कुछ नहीं कहा।
येशु बड़े सबेरे फिर मन्दिर में आए। सारी जनता उनके पास इकट्ठी हो गयी और वह बैठ कर लोगों को शिक्षा देने लगे।
जो बातें आप लोगों के लिए हितकर थीं, उन्हें बताने में मैंने कभी संकोच नहीं किया, बल्कि मैं सब के सामने और घर-घर जा कर उनके सम्बन्ध में शिक्षा देता रहा।
क्योंकि मैंने आप लोगों को परमेश्वर का सम्पूर्ण अभिप्राय बताने में कुछ भी उठा नहीं रखा।
इतने में किसी ने आकर उन्हें समाचार दिया, “देखिए, आप लोगों ने जिन व्यक्तियों को बन्दीगृह में डाल दिया था, वे मन्दिर में खड़े होकर जनता को शिक्षा दे रहे हैं।”
वे प्रतिदिन मन्दिर में और घर-घर जा कर निरंतर शिक्षा देते रहे और येशु मसीह का शुभ समाचार सुनाते रहे।
‘जिन बातों का आदेश मैं तुम्हें देता हूँ, उन सब का तुम पालन करना; उनके अनुसार कार्य करना। तुम उनमें न कुछ जोड़ना, और न उनमें से कुछ घटाना।
किन्तु तुम अपने प्रभु परमेश्वर को उस स्थान में ढूंढ़ना जिसको वह स्वयं तुम्हारे सब कुलों की भूमि-भाग में से चुनेगा और वहाँ अपने नाम को प्रतिष्ठित करेगा तथा अपना निवास-स्थान बनाएगा।
जो आज्ञाएं मैं तुम्हें सुनाऊंगा, उनमें न एक शब्द बढ़ाना और न उनमें से एक शब्द घटाना; वरन् तुम अपने प्रभु परमेश्वर की उन आज्ञाओं का पालन करना, जो मैं तुम्हें सुनाऊंगा।
यहोशुअ ने मूसा के सब आदेश इस्राएली सभा के सम्मुख, स्त्रियों, बच्चों और इस्राएली समाज के मध्य रहने वाले प्रवासियों के सम्मुख उच्च स्वर में पढ़कर सुना दिए। मूसा का एक भी शब्द अपठित नहीं रहा।
और यदि कोई नबूवत की इस पुस्तक की बातों से कुछ निकालेगा, तो परमेश्वर इस पुस्तक में वर्णित जीवन-वृक्ष और पवित्र नगर से उसका भाग निकाल देगा।”