यहोयाकीम के राज्य-काल में बेबीलोन के राजा नबूकद-नेस्सर ने उस पर आक्रमण किया। फलत: वह तीन वर्ष तक उसके अधीन रहा। तत्पश्चात् उसने उससे सम्बन्ध-विच्छेद कर लिया और उससे विद्रोह कर दिया।
यिर्मयाह 25:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘प्रभु यह कहता है: “सत्तर वर्ष के पश्चात् मैं बेबीलोन के राजा, तथा उस राष्ट्र को, कसदी कौम के देश को उनके दुष्कर्मों के लिए दण्ड दूंगा। मैं उस देश को सदा के लिए उजाड़ दूंगा। पवित्र बाइबल “किन्तु जब सत्तर वर्ष बीत जाएंगे तो मैं बाबुल के राजा को दण्ड दूँगा। मैं बाबुल राष्ट्र को दण्ड दूँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं कसदियों के देश को उनके पाप के लिये दण्ड दूँगा। मैं उस देश को सदैव के लिये मरुभूमि बनाऊँगा। Hindi Holy Bible जब सत्तर वर्ष बीत चुकें, तब मैं बाबुल के राजा और उस जाति के लोगों और कसदियों के देश के सब निवासियों अर्ध्म का दण्ड दूंगा, यहोवा की यह वाणी है; और उस देश को सदा के लिये उजाड़ दूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब सत्तर वर्ष बीत चुकें, तब मैं बेबीलोन के राजा और उस जाति के लोगों और कसदियों के देश के सब निवासियों को अधर्म का दण्ड दूँगा; यहोवा की यह वाणी है; और उस देश को सदा के लिये उजाड़ दूँगा। सरल हिन्दी बाइबल “तत्पश्चात यह होगा: जब सत्तर वर्ष बीत जाएंगे, मैं बाबेल के राजा एवं राष्ट्र को तथा कसदियों के देश को उनके अधर्म के लिए दंड दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है, “मैं उसे चिरस्थायी उजाड़ में परिवर्तित कर दूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब सत्तर वर्ष बीत चुकें, तब मैं बाबेल के राजा और उस जाति के लोगों और कसदियों के देश के सब निवासियों को अधर्म का दण्ड दूँगा, यहोवा की यह वाणी है; और उस देश को सदा के लिये उजाड़ दूँगा। |
यहोयाकीम के राज्य-काल में बेबीलोन के राजा नबूकद-नेस्सर ने उस पर आक्रमण किया। फलत: वह तीन वर्ष तक उसके अधीन रहा। तत्पश्चात् उसने उससे सम्बन्ध-विच्छेद कर लिया और उससे विद्रोह कर दिया।
फारस देश के सम्राट कुस्रू के राज्यकाल का प्रथम वर्ष था। उस वर्ष प्रभु ने नबी यिर्मयाह के मुख से कहे गए अपने वचन को पूरा करने के लिए सम्राट कुस्रू के हृदय को उत्प्रेरित किया कि वह अपने समस्त साम्राज्य में यह घोषणा करे, और उसको लिपिबद्ध कर ले:
अरी विनाशक बेबीलोन नगरी! वह मनुष्य धन्य होगा, जो तुझसे वैसा ही व्यवहार करेगा जैसा तूने हमसे किया है!
बेबीलोन, जो राज्यों का शिरोमणि, कसदी कौम का वैभव और गरिमा है, उस की वैसी ही दशा होगी, जैसी सदोम और गमोरा नगर-राज्यों की हुई थी, जब परमेश्वर ने उन को उलट-पलट दिया था।
मैं उसे साहियों की मांद बना दूंगा। मैं उसको सागर बना दूंगा। मैं विनाश की झाड़ से उसको झाड़ूंगा।” सेनाओं के प्रभु ने यह कहा है।
जिस वर्ष असीरिया के राजा सर्गोन ने अपने सेनापति को अश्दोद नगर पर आक्रमण करने के लिए भेजा था, और उसने वहाँ आकर युद्ध किया और उस पर अधिकार कर लिया था,
अरे विनाशक, तेरा बुरा हो; स्वयं तेरा कभी विनाश नहीं हुआ! अरे विश्वासघाती, तेरे साथ कभी किसी ने विश्वासघात नहीं किया! जब तू विनाश कर चुकेगा तब तेरा भी विनाश होगा। जब तू विश्वासघात कर चुकेगा तब तेरे साथ भी विश्वासघात किया जाएगा।
बेल देवता झुक गया, नबो देव नत हो गया। उनकी मूर्तियां जानवरों और ढोरों पर लाद दी गईं। जिन वस्तुओं को तुम ढोते थे, वे थके हुए पशुओं पर लदी हैं; अब वे बोझ बन गईं।
इसलिए मैं − तुम्हारा इस्राएली राष्ट्र का प्रभु परमेश्वर, अपने निज लोगों के शासकों-चरवाहों के सम्बन्ध में यों कहता हूं : तुमने मेरी भेड़ों की सुधि नहीं ली, और उन्हें तितर-बितर कर दिया, उनको चरागाह से हांक दिया। अत: मैं तुम्हारे इन दुष्कर्मों की सुधि लूंगा।’ प्रभु कहता है,
अनेक राष्ट्र और बड़े-बड़े राजा उनको अपना गुलाम बनाएंगे। मैं उनको उनके दुष्कर्मों और उनके हाथों के कामों का प्रतिफल दूंगा।” ’
ये पात्र लुटकर बेबीलोन नगर ले जाये जाएंगे, और वहां तब तक रहेंगे जब तक मैं उनकी सुधि न लूंगा। उसके पश्चात् मैं उनको वापस लाऊंगा, और उन को उनके स्थान पर पुन: प्रतिष्ठित करूंगा।’
जब तक उस के देश के पतन का निर्धारित समय नहीं आता, तब तक पृथ्वी की सब जातियां उसकी, उसके पुत्र की और पौत्र की सेवा करेंगी। निर्धारित समय के पश्चात् अनेक जातियां और बड़े राजा उसको अपना गुलाम बना लेंगे।
‘मैं-प्रभु यों कहता हूँ: जब बेबीलोन के सत्तर वर्ष पूरे हो जाएंगे, तब मैं तुम्हारी सुधि लूंगा, और जो सुन्दर वचन मैंने तुम्हें दिया है, वह पूरा करूंगा, और तुमको यहां वापस लाऊंगा।
मैं तुझको युग-युग के लिए उजाड़ दूंगा, और तेरे नगर फिर कभी आबाद नहीं होंगे। तब तुझको मालूम होगा कि मैं ही प्रभु हूँ।’
उसके राज्य-काल के प्रथम वर्ष में मैं-दानिएल ने धर्मग्रन्थों में उल्लिखित उन वर्षों की संख्या की गणना कर ली, जिनके दौरान यरूशलेम नगर उजाड़ पड़ा रहेगा, जैसा प्रभु ने नबी यिर्मयाह के माध्यम से बताया था। यह संख्या थी सत्तर वर्ष।
प्रभु, क्या वह जाल में मछली सदा पकड़ता रहेगा? क्या वह निर्दयता से राष्ट्रों का वध हमेशा करता रहेगा?’