जो तलवार की मार से बच गए थे, वह उनको बन्दी बना कर बेबीलोन ले गया। जब तक फारस राज्य की स्थापना न हुई वे कसदी कौम के राजाओं के गुलाम बने रहे।
यिर्मयाह 25:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह सारा देश उजाड़ और खण्डहर हो जाएगा, और इस के आसपास रहनेवाली जातियां भी सत्तर वर्ष तक बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर की गुलामी करेंगे।” पवित्र बाइबल वह सारा क्षेत्र ही सूनी मरुभूमि होगा। वे सारे लोग बाबुल के राजा के सत्तर वर्ष तक दास होंगे। Hindi Holy Bible सारी जातियों का यह देश उजाड़ ही उजाड़ होगा, और ये सब जातियां सत्तर वर्ष तक बाबुल के राजा के आधीन रहेंगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सारी जातियों का यह देश उजाड़ ही उजाड़ होगा, और ये सब जातियाँ सत्तर वर्ष तक बेबीलोन के राजा के आधीन रहेंगी। सरल हिन्दी बाइबल यह संपूर्ण देश एक उजाड़ तथा भयावहता में परिवर्तित हो जाएगा, ये जनता सत्तर वर्षों तक बाबेल के राजा की सेवा करते रहेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सारी जातियों का यह देश उजाड़ ही उजाड़ होगा, और ये सब जातियाँ सत्तर वर्ष तक बाबेल के राजा के अधीन रहेंगी। |
जो तलवार की मार से बच गए थे, वह उनको बन्दी बना कर बेबीलोन ले गया। जब तक फारस राज्य की स्थापना न हुई वे कसदी कौम के राजाओं के गुलाम बने रहे।
मैं उसको उजाड़ दूंगा; मैं उसको नहीं छांटूंगा, और न कुदाली से खोदकर उसको निराऊंगा। तब उसमें कंटीले झाड़-झंखाड़ उग आएंगे। मैं बादलों को भी आदेश दूंगा, कि वे उस पर पानी न बरसाएँ।
‘प्रभु यह कहता है: “सत्तर वर्ष के पश्चात् मैं बेबीलोन के राजा, तथा उस राष्ट्र को, कसदी कौम के देश को उनके दुष्कर्मों के लिए दण्ड दूंगा। मैं उस देश को सदा के लिए उजाड़ दूंगा।
जैसे युवा सिंह अपनी गुफा से बाहर निकलता है, वैसे ही प्रभु निकला है। उसकी क्रोधाग्नि से सारा देश उजाड़ हो गया है, अत्याचारी की तलवार ने उसको नष्ट कर दिया है।’
ये पात्र लुटकर बेबीलोन नगर ले जाये जाएंगे, और वहां तब तक रहेंगे जब तक मैं उनकी सुधि न लूंगा। उसके पश्चात् मैं उनको वापस लाऊंगा, और उन को उनके स्थान पर पुन: प्रतिष्ठित करूंगा।’
जब तक उस के देश के पतन का निर्धारित समय नहीं आता, तब तक पृथ्वी की सब जातियां उसकी, उसके पुत्र की और पौत्र की सेवा करेंगी। निर्धारित समय के पश्चात् अनेक जातियां और बड़े राजा उसको अपना गुलाम बना लेंगे।
मैं, इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता हूँ: अब मैं सब जातियों की गर्दन पर बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर के लोहे के जूए को रख रहा हूं। वे उसकी गुलामी करेंगी। मैंने धरती के सब पशुओं को भी उसके अधीन कर दिया है।” ’
‘मैं-प्रभु यों कहता हूँ: जब बेबीलोन के सत्तर वर्ष पूरे हो जाएंगे, तब मैं तुम्हारी सुधि लूंगा, और जो सुन्दर वचन मैंने तुम्हें दिया है, वह पूरा करूंगा, और तुमको यहां वापस लाऊंगा।
मैंने देखा कि जो पहले उपजाऊ देश था, वह अब मरुस्थल बन गया है। उसके आबाद नगर अब खण्डहर हो गए हैं। यह विनाश प्रभु के सामने हुआ, प्रभु की क्रोधाग्नि के कारण हुआ।
तब तू उनसे यह कहना: स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है: देखो, मैं अपने सेवक बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर को बुला रहा हूं। वह अपना सिंहासन इन पत्थरों पर, जो मैंने छिपाए हैं, स्थापित करेगा। वह इन पत्थरों के ऊपर अपना छत्र तानेगा।
सुनो, यह असहनीय था; प्रभु और अधिक तुम्हारे इस दुष्कर्म को, इस घृणास्पद कार्य को सह नहीं सका। उसने तुम्हारे देश को उजाड़ दिया। तुम्हारा देश निर्जन और सुनसान हो गया। वह शापित हो गया और बर्बाद हो गया, जैसा वह आज तक है।
तब अपने देशवासियों से यह कहना ‘ इस्राएल देश की राजधानी यरूशलेम के निवासियों के सम्बन्ध में स्वामी-प्रभु यों कहता है: तुम सब अपने नगर में हिंसात्मक कार्य करते हो, इसलिए तुम्हारा देश खाली हो जाएगा। तुम डर से कांपते हुए रोटी खाओगे और भय से थर-थराते हुए पानी पीओगे।
कोई आदमी उस पर पैर भी नहीं रखेगा, और न वहां से गुजरेगा। वहां किसी पशु का पांव भी न पड़ेगा। वह चालीस वर्ष तक उजाड़ पड़ा रहेगा।
मैं उन पर अपना विनाशकारी हाथ उठाऊंगा, और उनकी समस्त बस्तियों को − दक्षिण के निर्जन प्रदेश से उत्तर में रिबलाह नगर तक − सम्पूर्ण देश को उजाड़ और निर्जन बना दूंगा। तब उन्हें मालूम होगा कि मैं प्रभु हूं।’
उसके राज्य-काल के प्रथम वर्ष में मैं-दानिएल ने धर्मग्रन्थों में उल्लिखित उन वर्षों की संख्या की गणना कर ली, जिनके दौरान यरूशलेम नगर उजाड़ पड़ा रहेगा, जैसा प्रभु ने नबी यिर्मयाह के माध्यम से बताया था। यह संख्या थी सत्तर वर्ष।
मैं तुम्हारे देश को इतना निर्जन कर दूंगा कि उसमें बसने वाले तुम्हारे शत्रु आश्चर्य करेंगे।
तब प्रभु के दूत ने कहा, ‘हे स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु, तू कब तक यरूशलेम पर और यहूदा प्रदेश के नगरों पर दया नहीं करेगा? तू उनसे पिछले सत्तर वर्षों से नाराज है।’
‘समस्त देशवासियों और पुरोहितों से यह कह : जो उपवास और शोक पिछले सत्तर वर्षों से वर्ष के पांचवें और सातवें महीने में तुम करते आ रहे हो, क्या तुम यह मेरे लिए करते हो?