हागार ने उस प्रभु का नाम, जो उससे बोला था, ‘अत्ता-एल-रोई’ रखा, क्योंकि वह कहती थी, ‘क्या मैंने सचमुच परमेश्वर को देखा और उसे देखने के पश्चात् भी जीवित रही?’
यिर्मयाह 23:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्या मनुष्य अपने को ऐसे गुप्त स्थानों में छिपा सकता है कि मैं उसको न देख सकूं? क्या मेरी उपस्थिति से आकाश और पृथ्वी परिपूर्ण नहीं हैं?’ प्रभु की यह वाणी है। पवित्र बाइबल कोई व्यक्ति किसी छिपने के स्थान में अपने को मुझसे छिपाने का प्रयत्न कर सकता है। किन्तु उसे देख लेना मेरे लिये सरल है। क्यों क्योंकि मैं स्वर्ग और धरती दोनों पर सर्वत्र हूँ!” यहोवा ने ये बातें कहीं। Hindi Holy Bible फिर यहोवा की यह वाणी है, क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूं? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझ से परिपूर्ण नहीं हैं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर यहोवा की यह वाणी है : क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूँ? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझ से परिपूर्ण नहीं हैं? सरल हिन्दी बाइबल क्या कोई व्यक्ति स्वयं को किसी छिपने के स्थान पर ऐसे छिपा सकता है, कि मैं उसे देख न सकूं?” यह याहवेह का प्रश्न है. “क्या आकाश और पृथ्वी मुझसे पूर्ण नहीं हैं?” यह याहवेह का प्रश्न है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर यहोवा की यह वाणी है, क्या कोई ऐसे गुप्त स्थानों में छिप सकता है, कि मैं उसे न देख सकूँ? क्या स्वर्ग और पृथ्वी दोनों मुझसे परिपूर्ण नहीं हैं? |
हागार ने उस प्रभु का नाम, जो उससे बोला था, ‘अत्ता-एल-रोई’ रखा, क्योंकि वह कहती थी, ‘क्या मैंने सचमुच परमेश्वर को देखा और उसे देखने के पश्चात् भी जीवित रही?’
‘हे परमेश्वर, क्या तू पृथ्वी पर रह सकता है? देख, ऊंचे से ऊंचा आकाश भी तुझे नहीं समा सकता। तब तू मेरे इस भवन में, जिसको मैंने बनाया है, कैसे समाएगा?
किन्तु कौन उसके लिए घर बना सकता है, जबकि आकाश, उच्चतम विशाल आकाश में भी वह समा नहीं सकता? फिर मेरी हस्ती है ही क्या कि मैं उसके निवास के लिए घर बनाऊं? मैं तो केवल एक ऐसा स्थान बनाना चाहता हूँ जहां उसके सम्मुख सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाए जाएं।
‘हे परमेश्वर, क्या तू मानव के साथ पृथ्वी पर रह सकता है? देख, ऊंचे से ऊंचा आकाश भी तुझे नहीं समा सकता। तब तू मेरे इस भवन में जिसको मैंने बनाया है, कैसे समाएगा?
‘परमेश्वर की आंखें मनुष्य के आचरण पर लगी रहती हैं, वह उसके हर कदम की निगरानी करता है।
अभागा अपने हृदय में यह सोचता है, “परमेश्वर मुझे भूल गया। उसने अपना मुख छिपा लिया। वह फिर कभी इधर नहीं देखेगा।”
यदि मैं आकाश पर चढूं तो तू वहां है। यदि मैं मृतक-लोक में बिस्तर बिछाऊं, तो तू वहां है।
ये सब प्रभु के नाम की स्तुति करें; क्योंकि केवल प्रभु का नाम महान है, उसकी महिमा पृथ्वी और आकाश के ऊपर है।
तूने अपने सम्मुख हमारे अधर्म के कार्यों को, अपने मुख की ज्योति में हमारे गुप्त पापों को रखा है।
प्रभु की दृष्टि सर्वव्यापी है; प्रभु हमारे प्रत्येक कार्य को देखता है, चाहे हम भला करें, चाहे बुरा!
धिक्कार है उन्हें, जो अपनी योजना को गहरे अन्धकार में प्रभु से छिपाते हैं, जो अन्धेरे में काम करते हैं, और यह सोचते हैं, “हमें कौन देखता है? हमें कौन जानता है?”
सर्वोच्च और महान परमेश्वर, जिसका नाम पवित्र है, जो अनन्तकाल तक जीवित है, यह कहता है : ‘मैं उच्च और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, पर मैं उसके साथ भी विद्यमान रहता हूं जिसकी आत्मा विदीर्ण और विनम्र है। मैं उस विनम्र व्यक्ति की आत्मा को संजीव करता हूं, और उसके विदीर्ण हृदय को पुनर्जीवित।
प्रभु यों कहता है : ‘आकाश मेरा सिंहासन है और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है! तब तुम मेरे लिए कैसा घर बनाओगे? वह स्थान कहाँ है, जहाँ मैं विश्राम कर सकता हूं?’
‘क्योंकि मेरी आंखों से उनका आचरण छिपा नहीं है; मैं उनके व्यवहार को हर क्षण देखता हूँ; उनका अधर्म मेरी आंखों से गुप्त नहीं है।
तू महान परामर्शदाता है। तू महान आश्चर्यपूर्ण कामों को करता है। तू सब मनुष्यों के आचरण पर दृष्टि रखता है। तू प्रत्येक मनुष्य को उस के आचरण के अनुसार, उसके कामों के अनुरूप फल देता है।
इसी प्रकार मैंने एसाव को नंगा कर दिया। मैंने उसके छिपने के स्थानों को उघाड़ दिया, और वह स्वयं को फिर न छिपा सका। उसके बच्चे, उसके भाई-बन्धु, उसके पड़ोसी सब नष्ट हो गए।
तब उसने मुझसे कहा, ‘मानव, तू देख रहा है कि इस्राएल-कुल के धर्मवृद्ध अंधकार में अपने पूजागृहों में क्या कर रहे हैं? ये कहते हैं, कि प्रभु हमें नहीं देखता है। वह तो हमारे देश को छोड़कर चला गया है।’
तब उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, यहूदा और इस्राएल प्रदेशों की जनता ने महादुष्कर्म किया है। उनका सारा देश रक्तपात से भर गया है। यरूशलेम नगर में अन्याय ही अन्याय दिखाई देता है। वे कहते हैं, “प्रभु हमारे देश को छोड़ कर चला गया है, वह हमें नहीं देखता है।”
परमेश्वर ही रहस्यमय भेदों को प्रकट करता है; वह अन्धकार में छिपे भेद को जानता है; उसके साथ ज्योति का निवास है।
पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ”
कलीसिया मसीह की देह है, मसीह की परिपूर्णता है, जो सब कुछ सब तरह से पूर्णता तक पहुँचा देते हैं।
परमेश्वर से कोई भी सृष्ट वस्तु छिपी नहीं है। उसकी आंखों के सामने सब कुछ खुला और अनावृत्त है। उसी को हमें लेखा देना पड़ेगा।