बहुत समय से एक चिता तैयार है। वह राजा के लिए तैयार की गई है यह चिता गहरी और चौड़ी बनाई गई है। उस पर बहुत ईंधन और आग जमा है। प्रभु का श्वास जलते हुए गंधक की धारा की तरह उसे सुलगाएगा।
यिर्मयाह 19:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: मुझ-प्रभु का यह कथन है: सुनो, वे दिन आ रहे हैं, जब यह स्थान न तोपेत कहलाएगा, और न बेन-हिन्नोम की घाटी ही; वरन् यह स्थान ‘महावध की घाटी’ कहलाएगा। पवित्र बाइबल अब लोग उस स्थान का हिन्नोम की घाटी तोपेत कहते हैं। किन्तु मैं तुम्हें यह चेतावनी देता हूँ, वे दिन आ रहे हैं। यह सन्देश यहोवा का है: जब लोग इस स्थान को वध की घाटी कहेंगे। Hindi Holy Bible इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आते हैं कि यह स्थान फिर तोपेत वा हिन्नोमियों की तराई न कहलाएगा, वरन घात ही की तराई कहलाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आते हैं कि यह स्थान फिर तोपेत या हिन्नोमियों की तराई न कहलाएगा, वरन् घात ही की तराई कहलाएगा। सरल हिन्दी बाइबल इसलिये यह देखना कि वे दिन आ रहे हैं, यह याहवेह की वाणी है, जब इस स्थान की पहचान तोफेथ अथवा बेन-हिन्नोम की घाटी नहीं रह जाएगी, बल्कि तब यह नरसंहार घाटी के रूप में प्रख्यात हो जाएगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस कारण यहोवा की यह वाणी है कि ऐसे दिन आते हैं कि यह स्थान फिर तोपेत या हिन्नोमियों की तराई न कहलाएगा, वरन् घात ही की तराई कहलाएगा। |
बहुत समय से एक चिता तैयार है। वह राजा के लिए तैयार की गई है यह चिता गहरी और चौड़ी बनाई गई है। उस पर बहुत ईंधन और आग जमा है। प्रभु का श्वास जलते हुए गंधक की धारा की तरह उसे सुलगाएगा।
और उनसे कहना, “स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: इसी प्रकार मैं इन लोगों को और इस नगर को ऐसा तोड़ूंगा जैसे मिट्टी की सुराही को तोड़ा जाता है। जैसे टूटी हुई सुराही फिर नहीं जुड़ती वैसे ही ये लोग और यह नगर फिर नहीं बसेगा। कब्रिस्तान में गाड़ने के लिए जगह नहीं होगी, इसलिए लोगों के शव तोपेत गाह में गाड़े जाएंगे।
और बेन-हिन्नोम की घाटी की ओर चला जा। वहां तू ठीकरी-द्वार पर खड़ा होना, जहां टूटे-फूटे बर्तनों का मलवा फेंका जाता है। ठीकरी-द्वार से तू मेरे सन्देश को सुनाना, जो मैं तुझे दूंगा।
सीमा-रेखा उसके आगे बेन-हिन्नोम की घाटी पर चढ़कर, यबूसी पर्वत-श्रेणी के दक्षिण की ओर जाती थी, जहाँ यरूशलेम स्थित है। वहाँ से सीमा-रेखा पश्चिम की ओर हिन्नोम की घाटी के सम्मुख पहाड़ के शिखर को स्पर्श करती और रपाईम की घाटी के उत्तरी सीमान्त में पहुँचती थी।