उसके सम्बन्ध में मेरा यह वचन है : “ओ सनहेरिब! सियोन पर्वत की नगरी एक कुंआरी बेटी है; वह तुझे तुच्छ समझती है, वह तेरा मजाक उड़ाती है। तेरे पीठ पीछे कन्या नगरी यरूशलेम मुंह बिचकाती है।
यिर्मयाह 14:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘ओ यिर्मयाह, तू उन से यह कहना: “मेरी आंखों से दिन-रात आंसुओं की झड़ी लगी रहती है; मेरे आंसू नहीं रुकते; क्योंकि यहूदा प्रदेश की जनता का सर्वनाश हो गया है; उसका भयंकर विनाश हुआ है। पवित्र बाइबल “यिर्मयाह, यह सन्देश यहूदा के लोगों को दो: ‘मेरी आँखें आँसुओं से भरी हैं। मैं बिना रूके रात—दिन रोऊँगा। मैं अपनी कुमारी पुत्री के लिये रोऊँगा। मैं अपने लोगों के लिए रोऊँगा। क्यों क्योंकि किसी ने उन पर प्रहार किया और उन्हें कुचल डाला। वे बुरी तरह घायल किये गए हैं। Hindi Holy Bible तू उन से यह बात कह, मेरी आँखों से दिन रात आंसू लगातार बहते रहें, वे न रुकें क्योंकि मेरे लोगों की कुंवारी बेटी बहुत ही कुचली गई और घायल हुई है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “तू उन से यह बात कह, ‘मेरी आँखों से दिन रात आँसू लगातार बहते रहें, वे न रुकें क्योंकि मेरे लोगों की कुँवारी बेटी बहुत ही कुचली गई और घायल हुई है। सरल हिन्दी बाइबल “तुम्हें उन्हें यह संदेश देना होगा: “ ‘मेरे नेत्रों से दिन-रात अश्रुप्रवाह होने दिया जाए, इन प्रवाहों को रुकने न दिया जाए; क्योंकि मेरी प्रजा की कुंवारी पुत्री को, प्रचंड प्रहार से कुचल दिया गया है, उसका घाव अत्यंत गंभीर है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “तू उनसे यह बात कह, ‘मेरी आँखों से दिन-रात आँसू लगातार बहते रहें, वे न रुकें क्योंकि मेरे लोगों की कुँवारी बेटी बहुत ही कुचली गई और घायल हुई है। |
उसके सम्बन्ध में मेरा यह वचन है : “ओ सनहेरिब! सियोन पर्वत की नगरी एक कुंआरी बेटी है; वह तुझे तुच्छ समझती है, वह तेरा मजाक उड़ाती है। तेरे पीठ पीछे कन्या नगरी यरूशलेम मुंह बिचकाती है।
मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं।
सनहेरिब के सम्बन्ध में मेरा यह वचन है: ‘ओ सनहेरिब, यरूशलेम की कुंवारी बेटी, तुझे तुच्छ समझती है, वह तेरा मजाक उड़ाती है, तेरे पीठ पीछे यरूशलेम की कन्या मुंह बिचकाती है।
मां-सियोन कह रही है, ‘हाय! हाय! मेरी चोट गम्भीर है। मेरा घाव प्राण-घातक है। मैंने सोचा, निस्सन्देह मुझ पर विपत्ति आई है, मुझे उसको सहना ही पड़ेगा।
किन्तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्हारे घमण्ड के कारण एकांत स्थान में आंसू बहाऊंगा, मेरी आंखें बुरी तरह रोएंगी, उनसे आंसुओं की नदी बहेगी; क्योंकि प्रभु का रेवड़ बन्दी बना लिया जाएगा।
‘अत: प्रभु यों कहता है: विश्व के राष्ट्रों से पूछो, क्या कभी किसी राष्ट्र ने ऐसा उत्तर सुना है? निस्सन्देह इस्राएली जाति ने अत्यन्त घिनौना काम किया है।
मेरे लोगों के दु:ख के कारण मेरा हृदय भी दु:खी है; मैं शोक मनाता हूं, मैं आश्चर्य में डूबा हुआ हूं।
काश, मेरा मस्तिष्क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।
वे शीघ्र आएं, और हमारे लिए रोएं, कि हमारी आंखों से भी आंसुओं की नदी बहने लगे, हमारी पलकें आंसुओं के सागर में डूब जाएं।
रोते-रोते मेरी आंखें धुंधली पड़ गईं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं; मेरा कलेजा मुंह को आ रहा है; क्योंकि मेरे लोगों की नगरी का सर्वनाश हो गया; शिशु और बच्चे नगर के चौराहों पर मूर्च्छित पड़े हैं।
ओ यरूशलेम की पुत्री! मैं तेरे विषय में क्या कहूं? मैं तेरी तुलना किससे करूं? ओ सियोन की कुंआरी कन्या, तुझे धैर्य बंधाने के लिए मैं तेरी समता किससे करूं? तेरा दु:ख सागर के सदृश अपार है; कौन तुझे तेरे दु:ख से उबार सकता है?
ओ सियोन की पुत्री, उच्च स्वर में स्वामी को पुकार; तेरी आंखों से रात और दिन आंसू की जलधाराएं बहें! तू निरन्तर पुकारती रह, और चुप न रह; तेरी आंखों से आंसू बहते रहें, और वे बन्द न हों!
‘इस्राएली राष्ट्र एक कन्या है, जो पतित हो गई! वह फिर कभी न उठेगी। वह अपनी ही भूमि पर त्याग दी गई; उसे उठानेवाला कोई नहीं है।’