तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’
यहोशू 7:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जेरह वंशी आकन और लूट की चांदी, अंगरखा, सोने की ईंट, तथा आकन के पुत्र, पुत्रियाँ, बैल, गधे, भेड़-बकरियाँ, तम्बू एवं जो कुछ आकन के पास था, उस सब को लेकर यहोशुअ सब इस्राएलियों के साथ आकोर की घाटी में आया। पवित्र बाइबल तब यहोशू और सभी लोग जेरह के पुत्र आकान को आकोर की घाटी में ले गए। उन्होंने चाँदी, ओढ़ना, सोना, आकान के पुत्रियों—पुत्रों, उसके मवेशियों, उसके गधों, भेड़ों, तम्बू और उसकी सभी चीज़ों को भी लिया। इन सभी चीज़ों को वे आकान के साथ आकोर की घाटी मे ले गए। Hindi Holy Bible तब सब इस्राएलियों समेत यहोशू जेरहवंशी आकान को, और उस चांदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को, और उसके बेटे-बेटियों को, और उसके बैलों, गदहों और भेड़-बकरियों को, और उसके डेरे को, निदान जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नाम तराई में ले गया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब सब इस्राएलियों समेत यहोशू जेरहवंशी आकान को, और उस चाँदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को, और उसके बेटे–बेटियों को, और उसके बैलों, गदहों और भेड़–बकरियों को, और उसके डेरे को, अर्थात् जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नामक तराई में ले गया। सरल हिन्दी बाइबल तब यहोशू एवं समस्त इस्राएल मिलकर ज़ेराह के पुत्र आखान को तथा उस चांदी, सोना तथा वस्त्र, उसके पुत्र-पुत्रियों, उसके बैल, गधे, भेड़ें, उसका तंबू और उसकी पूरी संपत्ति को आकोर की घाटी में ले गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब सब इस्राएलियों समेत यहोशू जेरहवंशी आकान को, और उस चाँदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को, और उसके बेटे-बेटियों को, और उसके बैलों, गदहों और भेड़-बकरियों को, और उसके डेरे को, अर्थात् जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नामक तराई में ले गया। |
तू ऐसा कार्य करने से सदा दूर रहे कि दूराचारियों के साथ धार्मिक भी मारे जाएँ। धार्मिकों की दशा दुराचारियों के सदृश हो, यह कार्य तुझसे कभी न हो। क्या सारी पृथ्वी का न्यायाधीश उचित न्याय न करेगा?’
जो धन-सम्पत्ति उसने निगल रखी है, उसे वह उगल देगा; स्वयं परमेश्वर उसके पेट से उसको निकालेगा।
तू झुककर उनकी वन्दना न करना और न उनकी सेवा करना; क्योंकि मैं तुम्हारा प्रभु परमेश्वर, ईष्र्यालु ईश्वर हूं। जो मुझसे घृणा करते हैं, उनके अधर्म का दण्ड मैं तीसरी और चौथी पीढ़ी तक उनकी संतान को देता रहता हूं।
धन का लोभी मनुष्य, जो अन्याय से धन कमाता है, अपने परिवार को संकट में डालता है; पर घूस से घृणा करनेवाला व्यक्ति जीवित रहेगा।
मैंने सूर्य के नीचे धरती पर एक दु:खद बुराई देखी : धन का स्वामी अपने अनिष्ट के लिए धन संग्रह करता है।
मेरी खोज में रहनेवाले मेरी निज लोगों के लिए शारोन मैदान भेड़ों का चरागाह बन जाएगा; और आकोर घाटी रेवड़ का विश्राम-स्थल बनेगी।
वहाँ उसके अंगूर-उद्यान उसे लौटा दूंगा; मैं कष्ट की घाटी को आशा के द्वार में बदल दूंगा। वहाँ वह मेरे प्रेम का प्रत्युत्तर देगी; जैसे वह किशोरावस्था में मुझे प्रत्युत्तर देती थी, जब वह मिस्र देश से बाहर निकली थी।
सीमा-रेखा अकोर की घाटी से दबीर पहुँचती और उत्तरी दिशा में गिलगाल की ओर मुड़ती थी, जो घाटी की दक्षिणी दिशा में स्थित अदुम्मीम के चढ़ाव के सम्मुख है। वहाँ से सीमा-रेखा एन-शेमश के जलाशय पर पहुँचती, और आगे बढ़कर एन-रोगेल के जलाशय पर समाप्त हो जाती थी।
जेरह के पुत्र आकन की घटना स्मरण करो। उसने प्रभु के लिए अर्पित लूट की सामग्री के विषय में विश्वास-भंग किया था, और समस्त इस्राएली मंडली के प्रति प्रभु का क्रोध भड़क उठा था। अपने अधर्म के कारण न केवल वह नष्ट हुआ था, वरन् उसके साथ अन्य लोग भी।” ’
तुम उन सब निषिद्ध वस्तुओं से दूर रहना, जो प्रभु के लिए पूर्णत: नष्ट की जाएंगी। ऐसा न हो कि तुम अर्पण का संकल्प करने के पश्चात् अर्पित वस्तु ले लो, और इस्राएली पड़ाव को सर्वनाश का कारण बना दो, और उस पर संकट लाओ।
उसके बाद उन्होंने तलवार से यरीहो के सब स्त्री-पुरुष, बाल-वृद्ध, बैल, भेड़ और गधों को पूर्णत: नष्ट कर दिया।
सर्वनाश के इस युद्ध में लूटी गई वस्तु केवल प्रभु को अर्पित करनी थी। इस नियम को इस्रालियों ने उद्दण्डतापूर्वक भंग किया। यहूदा कुल का आकन नामक एक मनुष्य था। वह जेरह वंशी जब्दी का पोता और कर्मी का पुत्र था। उसने प्रभु को अर्पित की जाने वाली युद्ध की लूट में से कुछ वस्तुएं ले लीं। अत: प्रभु का कोध इस्राएलियों के प्रति भड़क उठा।
उन्होंने सब वस्तुएं तम्बू से बाहर निकालीं और उनको यहोशुअ तथा समस्त इस्राएली समाज के पास लाए। उन्होंने उन वस्तुओं को प्रभु की मंजूषा के सम्मुख रख दिया।
उन्होंने उसकी लाश पर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज भी वहाँ है। इस घटना के कारण उस स्थान का नाम आकोर की घाटी पड़ा। यह नाम आज भी प्रचलित है। इस प्रकार प्रभु की क्रोधाग्नि शान्त हुई।