यहोशू 3:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब ऊपर का जल-प्रवाह रुक गया, और वह बहुत दूर, सारतन नगर के निकट आदम नगर पर, एक ढेर के रूप में खड़ा हो गया। नीचे की ओर, अराबाह सागर, अर्थात् मृत सागर, की ओर बहने वाला जल पूर्णत: सूख गया और समस्त इस्राएली समाज ने यरीहो नगर के निकट नदी पार कर ली। पवित्र बाइबल और उस समय पानी का बहना बन्द हो गया। पानी उस स्थान के पीछे बांध की तरह खड़ा हो गया। नदी के चढ़ाव की ओर लम्बी दूरी तक पानी लगातार आदाम तक (सारतान के समीप एक नगर) ऊँचा खड़ा होता चला गया। लोगों ने यरीहो के पास नदी को पार किया। Hindi Holy Bible तब जो जल ऊपर की ओर से बहा आता था वह बहुत दूर, अर्थात आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है रूककर एक ढेर हो गया, और दीवार सा उठा रहा, और जो जल अराबा का ताल, जो खारा ताल भी कहलाता है, उसकी ओर बहा जाता था, वह पूरी रीति से सूख गया; और प्रजा के लाग यरीहो के साम्हने पार उतर गए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब जो जल ऊपर की ओर से बहा आता था वह बहुत दूर, अर्थात् आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है रुककर एक ढेर हो गया, और दीवार–सा उठा रहा, और जो जल अराबा का ताल जो खारा ताल भी कहलाता है, उसकी ओर बहा जाता था, वह पूरी रीति से सूख गया; और प्रजा के लोग यरीहो के सामने पार उतर गए। सरल हिन्दी बाइबल ऊपर से आ रहा जल बहना रुक गया, और दीवार सा ऊंचा उठ गया. यह आदम नामक नगर था, जो ज़ारेथान के पास है. इससे अराबाह सागर, जो लवण-सागर की ओर जाता है, वहां का जल पूरा सूख गया. और इस्राएली येरीख़ो की ओर पार हो गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब जो जल ऊपर की ओर से बहा आता था वह बहुत दूर, अर्थात् आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है रुककर एक ढेर हो गया, और दीवार सा उठा रहा, और जो जल अराबा का ताल, जो खारा ताल भी कहलाता है उसकी ओर बहा जाता था, वह पूरी रीति से सूख गया; और प्रजा के लोग यरीहो के सामने पार उतर गए। |
तानख और मगिद्दो, सारतान की एक ओर समस्त बेत-शआन तथा आबेल-महोलाह तक के क्षेत्र, और यिज्रएल के नीचे बेत-शआन से योकमाअम तक के क्षेत्र का प्रशासक बाना बेन-अहीलूद था।
सुलेमान ने उनको यर्दन के मैदान में ढाला था। ढलाईघर सूक्कोत और सारतान नगरों के मध्य में था।
प्रभु ने समुद्र के जल को मानो पात्र में एकत्र किया है; उसने अतल सागरों को भण्डार में रखा है।
उसने सागर को सूखी भूमि में बदल दिया। लोगों ने पैदल ही नदी पार की थी। वहां हम प्रभु में हर्षित हुए थे।
परमेश्वर ने सागर को विभाजित कर उन्हें पार कराया, और जल को ढेर के सदृश खड़ा कर दिया था।
मूसा ने समुद्र की ओर अपना हाथ फैलाया। प्रभु ने रात भर पूर्वी वायु बहाकर समुद्र को पीछे धकेल दिया। प्रभु ने समुद्र को सूखी भूमि बना दिया। समुद्र का जल दो भागों में विभाजित हो गया।
इस्राएली समुद्र के मध्य सूखी भूमि पर चलकर गए। जल उनकी दाहिनी ओर तथा बायीं ओर दीवार बनकर खड़ा था।
पर इस्राएली समुद्र के मध्य सूखी भूमि पर चलकर पार हो गए। जल उनकी दाहिनी ओर तथा बायीं ओर दीवार बन कर खड़ा था।
तेरे क्रोध-भरे श्वास से जल एकत्र हो गया, जल ढेर बनकर खड़ा हो गया, समुद्र के गर्भ में जल-प्रवाह जम गया।
क्या कारण है कि जब मैं आया तब वहां कोई मनुष्य नहीं था? जब मैं ने पुकारा तब क्यों मुझे उत्तर देनेवाला वहाँ नहीं था? क्या मेरा हाथ इतना छोटा हो गया कि वह छुड़ा नहीं सकता? क्या मुझ में उद्धार करने की शक्ति नहीं रही? देखो, मैं अपनी डांट से समुद्र को सुखा देता हूं, मैं नदियों को मरुस्थल बना देता हूं। उनकी मछलियाँ जल के अभाव में प्यास से तड़प कर मर जाती हैं, और बसाती हैं।
उसने मुझे बताया, ‘यह नदी पूर्वी क्षेत्र की ओर बहती हुई अराबा में उतरती है। जब यह लवण-सागर के स्थिर जल में मिलती है, तब वह भी स्वच्छ और मीठा हो जाता है।
वह जल को सुखानेवाला है; उसकी डांट से समुद्र, और समस्त नदियाँ सूख जाती हैं। तब बाशान का कछार और कर्मेल का हरित पहाड़ी क्षेत्र मुरझा जाते हैं, लबानोन का हरा-भरा प्रदेश कुम्हला जाता है।
प्रभु, तू अपने अश्वों पर, अपने विजयी रथों पर क्यों सवार है? क्या तेरा कोप सरिताओं के प्रति है? क्या तू नदियों से नाराज है? क्या तू समुद्र से क्रुद्ध है?
‘तुम्हारे देश का दक्षिणी भाग एदोम की सीमाओं पर, सीन के निर्जन देश से आरम्भ होगा। तुम्हारी दक्षिणी सीमा, पूर्व में, मृत सागर के सीमान्त से आरम्भ होगी
जो बातें मूसा ने समस्त इस्राएली समाज से यर्दन नदी के उस पार के निर्जन प्रदेश में कहीं, वे ये हैं। वह स्थान सूफ के सम्मुख अराबाह में, पारन और तोफल, लाबान, हसेरोत और दी-जाहब के मध्य में है।
अराबाह क्षेत्र और यर्दन नदी भी, किन्नेरेत की झील से अराबाह के सागर (मृत सागर) तक, अर्थात् पूर्व दिशा में पिस्गाह के ढालों के नीचे तक सीमा बनाते थे।
और यर्दन घाटी के पूर्व में, गलील की झील से मृत सागर के पूर्व में बेत-यशिमोत की ओर, और दक्षिण में पिस्गाह पर्वत के ढालू मैदान तक थी।
उनके क्षेत्र की दक्षिणी सीमा मृत सागर के छोर से, दक्षिण की ओर उन्मुख खाड़ी से आरम्भ होती थी।
तत्पश्चात् वह यानोहाह से अटारोत और नअरा की ओर नीचे उतरती थी। वहां से वह यरीहो पहुंचती और यर्दन नदी पर समाप्त होती थी।
देखो, जब प्रभु, समस्त पृथ्वी के स्वामी, की विधान-मंजूषा वहन करनेवाले पुरोहित यर्दन नदी के जल में पैर रखेंगे, तब यर्दन नदी का जल-प्रवाह रुक जाएगा और ऊपर से आने वाला जल एक ढेर के रूप में खड़ा हो जाएगा।’
तब तुम उन्हें यह बताना: “इस यर्दन नदी को हम इस्राएलियों ने सूखी भूमि पर चल कर पार किया था।”
एमोरी जाति के राजा, यर्दन नदी के उस पार, पश्चिमी दिशा में रहते थे, और समुद्र तट पर कनानी जाति के राजा रहते थे। जब उन्होंने यह सुना कि प्रभु ने इस्राएली जाति के लिए यर्दन नदी का जल सुखा डाला और उन्होंने यर्दन नदी पार कर ली, तब उन राजाओं का हृदय भय से आतंकित हो गया। इस्राएली लोगों के कारण उनमें दम नहीं रहा।
जब इस्राएलियों ने एक साथ तीन सौ नरसिंघे फूँके तब प्रभु ने मिद्यानी सैनिकों की तलवार उन्हीं के साथियों पर, समस्त मिद्यानी पड़ाव पर चला दी। वे सरेराह की ओर बेत-शिट्टाह तक और टब्बात के पास आबेल-महोलाह की सीमा तक भाग गए।