मैं परमेश्वर के द्वारा ढाही गई विपत्तियों के कारण आतंकित था, इसलिए मैं यह अधर्म कर नहीं सकता था। मैं परमेश्वर के प्रताप का सामना करने में असमर्थ था।
यहोशू 24:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यहोशुअ ने सब लोगों से कहा, ‘देखो! यह पत्थर हमारा गवाह है। जो बातें प्रभु ने हमसे कही हैं, उन सब को इस पत्थर ने सुना है। इसलिए यदि तुम अपने प्रभु परमेश्वर को धोखा दोगे तो यह पत्थर तुम्हारे विरुद्ध साक्षी देगा।’ पवित्र बाइबल तब योहशू ने सभी लोगों से कहा, “यह शिला तुम्हें उसे याद दिलाने में सहायक होगी जो कुछ हम लोगों ने आज कहा है। यह शिला तब यहाँ थी जब परमेश्वर हम लोगों से बात कर रहा था। इसलिये यह शिला कुछ ऐसी रेहेगी जो तुम्हें यह याद दिलाने में सहायता करेगी कि आज के दिन क्या हुआ था। यह शिला तुम्हारे प्रति एक साक्षी बनी रहेगी। यह तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के विपरीत जाने से रोकेगी।” Hindi Holy Bible तब यहोशू ने सब लोगों से कहा, सुनो, यह पत्थर हम लोगों का साक्षी रहेगा, क्योंकि जितने वचन यहोवा ने हम से कहें हैं उन्हें इस ने सुना है; इसलिये यह तुम्हारा साक्षी रहेगा, ऐसा न हो कि तुम अपने परमेश्वर से मुकर जाओ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब यहोशू ने सब लोगों से कहा, “सुनो, यह पत्थर हम लोगों का साक्षी रहेगा, क्योंकि जितने वचन यहोवा ने हम से कहे हैं उन्हें इसने सुना है; इसलिये यह तुम्हारा साक्षी रहेगा, ऐसा न हो कि तुम अपने परमेश्वर से मुकर जाओ।” सरल हिन्दी बाइबल यहोशू ने सब लोगों से कहा, “देखो, यह पत्थर अब हमारे लिए गवाह होगा, क्योंकि इसने याहवेह द्वारा हमसे कही बातों को सुन लिया है. इसलिये अब यही तुम्हारा गवाह होगा, यदि तुम्हारा मन परमेश्वर के विरुद्ध हो जाएं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब यहोशू ने सब लोगों से कहा, “सुनो, यह पत्थर हम लोगों का साक्षी रहेगा, क्योंकि जितने वचन यहोवा ने हम से कहे हैं उन्हें इसने सुना है; इसलिए यह तुम्हारा साक्षी रहेगा, ऐसा न हो कि तुम अपने परमेश्वर से मुकर जाओ।” |
मैं परमेश्वर के द्वारा ढाही गई विपत्तियों के कारण आतंकित था, इसलिए मैं यह अधर्म कर नहीं सकता था। मैं परमेश्वर के प्रताप का सामना करने में असमर्थ था।
तो मेरा यह कार्य भी अधर्म होता, और इस अधर्म का कठोर दण्ड न्यायाधीशों के द्वारा अवश्य दिया जाना चाहिए; क्योंकि मैंने सर्वोच्च परमेश्वर के प्रति विश्वासघात किया होता।
अन्यथा मैं भरपेट खाने पर तेरी महिमा से इन्कार कर दूंगा, और गर्व से कहूंगा, ‘प्रभु है कौन?’ अथवा गरीब होने पर मैं चोरी करने लगूंगा; और यों तेरे पवित्र नाम को कलंकित करूंगा।
ओ आकाश, सुन! ओ पृथ्वी, ध्यान दे, क्योंकि प्रभु ने यह कहा है : ‘मैंने बाल-बच्चों का पालन-पोषण किया, उनको बड़ा किया; पर उन्होंने ही मेरे विरुद्ध विद्रोह कर दिया।
हमने प्रभु को अस्वीकार किया; उसके प्रति अपराध किया; अपने परमेश्वर का अनुसरण करना छोड़ दिया, उससे अपना मुंह फेर लिया। हमने अत्याचार और विरोध की बातें कहीं, हमने मन में झूठी बातें गढ़ीं, और उनको अपने मुंह से निकाला भी।
वरन् महीने भर खाओगे, जब तक वह तुम्हारी नाक से बाहर न निकलने लगे, और तुम्हें उससे घृणा न हो जाए; क्योंकि तुमने प्रभु को जो तुम्हारे मध्य में है, अस्वीकार किया, उसके सम्मुख रोदन किया और कहा, “हम मिस्र देश से क्यों निकल आए?” ’
और जो मुझे मनुष्यों के सामने अस्वीकार करेगा, उसे मैं भी अपने स्वर्गिक पिता के सामने अस्वीकार करूँगा।
परन्तु येशु ने उत्तर दिया, “मैं तुम से कहता हूँ, यदि वे चुप रहे, तो पत्थर ही चिल्ला उठेंगे।”
मैं आज आकाश और पृथ्वी को तेरे विरुद्ध साक्षी देने के लिए बुलाऊंगा कि मैंने तेरे सम्मुख जीवन और मृत्यु, आशिष और अभिशाप रख दिए हैं! इसलिए जीवन को चुन, जिससे तू और तेरे वंशज जीवित रहें,
अत: अब तुम यह गीत लिखो, और समस्त इस्राएली समाज को सिखा दो, उनको कंठस्थ करा दो, जिससे यह गीत इस्राएली समाज के विरुद्ध मेरे पक्ष में साक्षी दे।
जब उन पर विपत्तियों और कष्टों का पहाड़ टूट पड़ेगा, तब यह गीत उनके विरुद्ध साक्षी देगा! (क्योंकि उनके वंशज भी इस गीत को कभी विस्मृत नहीं कर सकेंगे) इस देश में, जिसको प्रदान करने की शपथ मैंने खाई थी, उनके प्रवेश करने के पूर्व से मैं उनकी योजनाओं को, जो ये बना रहे हैं, जानता हूँ।’
‘व्यवस्था की यह पुस्तक लो, और उसको अपने प्रभु परमेश्वर की विधान-मंजूषा के पास रख दो। इसको वहीं रहने देना ताकि वह तुम्हारे विरुद्ध साक्षी दे।
तो मैं आज आकाश और पृथ्वी को तुम्हारे विरुद्ध साक्षी देने के लिए बुलाता हूं: तुम उस देश में अविलम्ब मिट जाओगे जहां तुम यर्दन नदी को पार कर अधिकार करने के लिए जा रहे हो। तुम उस पर अधिक दिन तक जीवित नहीं रह सकोगे, वरन् पूर्णत: मिट जाओगे।
वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते हैं, किन्तु अपने कर्मों द्वारा उसे अस्वीकार करते हैं। वे घृणित, अवज्ञाकारी और किसी भी भले काम के नितान्त अयोग्य हैं।
रूबेन और गाद कुल के लोगों ने उस वेदी का नाम ‘साक्षी’ रखा। उन्होंने कहा, ‘यह वेदी हमारे बीच इस बात की साक्षी है कि प्रभु ही परमेश्वर है।’
उसके बाद यहोशुअ ने सब लोगों को विदा कर दिया। प्रत्येक व्यक्ति अपने पैतृक भूमि-भाग को लौट गया।
“मैं तुम्हारे आचरण से परिचित हूँ। मैंने तुम्हारे लिए एक द्वार खोला, जिसे कोई नहीं बन्द कर सकता। तुम्हारी शक्ति सीमित है, फिर भी तुम ने मेरी शिक्षा का पालन किया और मेरा नाम अस्वीकार नहीं किया है।
शमूएल ने एक पत्थर लिया, और उसको मिस्पाह और यशाना नगर के मध्य प्रतिष्ठित किया। उसने उसका नाम ‘एबन-एजर’ रखा। उसने कहा, ‘प्रभु ने इस स्थान तक हमारी सहायता की।’