अब यदि आप मेरे स्वामी से प्रेमपूर्ण और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हैं, तो मुझे बताइए। यदि नहीं, तो वैसा मुझसे कहिए, जिससे मैं निश्चय कर सकूँ कि मुझे क्या करना चाहिए।’
यहोशू 2:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) गुप्तचरों ने उससे कहा, ‘हमारे प्राण तेरे लिए हाजिर हैं! यदि तू हमारे इस काम का भेद प्रकट नहीं करेगी तो जब प्रभु हमें यह देश देगा तब हम तेरे साथ दयापूर्ण और सच्चाई से व्यवहार करेंगे।’ पवित्र बाइबल उन व्यक्तियों ने उसे मान लिया। उनहोंने कहा, “हम तुम्हारे जीवन के लिये अपने जीवन की बाज़ी लगा देंगे। किसी व्यक्ति से न बताओ कि हम क्या कर रहे हैं। तब जब यहोवा हम लोगों को हमारा देश देगा, तब हम तुम पर दया करेंगे। तुम हम लोगों पर विश्वास कर सकते हो।” Hindi Holy Bible तब उन पुरूषों ने उस से कहा, यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट न करे, तो तुम्हारे प्राण के बदले हमारा प्राण जाए; और जब यहोवा हम को यह देश देगा, तब हम तेरे साथ कृपा और सच्चाई से बर्ताव करेंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उन पुरुषों ने उससे कहा, “यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट न करे, तो तुम्हारे प्राण के बदले हमारा प्राण जाए; और जब यहोवा हम को यह देश देगा, तब हम तेरे साथ कृपा और सच्चाई से बर्ताव करेंगे।” सरल हिन्दी बाइबल तब गुप्तचरों ने राहाब को आश्वासन दिया, “यदि आप लोगों के प्राण ले लिए जाएंगे, तो हमारे भी प्राण ले लिए जाएंगे. यदि आप हमारे यहां आने के उद्देश्य को गुप्त रखेंगी, तो उस समय, जब याहवेह हमें यह देश दे देंगे, आप लोगों के प्रति हमारा व्यवहार दयावान एवं सच्चा होगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उन पुरुषों ने उससे कहा, “यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट न करे, तो तुम्हारे प्राण के बदले हमारा प्राण जाए; और जब यहोवा हमको यह देश देगा, तब हम तेरे साथ कृपा और सच्चाई से बर्ताव करेंगे।” |
अब यदि आप मेरे स्वामी से प्रेमपूर्ण और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हैं, तो मुझे बताइए। यदि नहीं, तो वैसा मुझसे कहिए, जिससे मैं निश्चय कर सकूँ कि मुझे क्या करना चाहिए।’
याकूब की मृत्यु का दिन निकट आया तब उन्होंने अपने पुत्र यूसुफ को बुलाकर उससे कहा, ‘यदि तू मेरा आदर-सम्मान करता है तो मेरी जांघ के नीचे हाथ रखकर शपथ खा कि तू मेरे साथ प्रेमपूर्ण और सत्यनिष्ठ व्यवहार करेगा। मुझे मिस्र देश में मत गाड़ना।
अत: दाऊद ने याबेश-गिलआद के नागरिकों के पास दूतों के हाथ यह सन्देश भेजा : ‘तुमने अपने स्वामी शाऊल के साथ दयापूर्ण व्यवहार किया। तुमने उनको दफनाया। अत: प्रभु तुम्हारे इस कार्य के लिए तुम्हें आशिष दे।
अब प्रभु तुम्हारे साथ भी दयापूर्ण तथा सच्चा व्यवहार करे। तुमने यह भला कार्य किया, इसलिए मैं भी तुम्हारे साथ भलाई करूँगा
एक दिन दाऊद ने पूछा, ‘क्या शाऊल के परिवार में अब तक कोई जीवित है? मैं योनातन के कारण उससे प्रेमपूर्ण व्यवहार करना चाहता हूँ।’
राजा वहां से गुजरा। उसने राजा की दुहाई दी, ‘महाराज, मैं आपका सेवक, युद्ध भूमि में गया था। वहां आपका एक सैनिक शत्रु-सेना के एक सैनिक को मेरे पास लाया। उसने मुझसे कहा, “इस आदमी पर पहरा देना। यदि यह भाग जाएगा तो मैं इसके प्राण के बदले में तुम्हारा प्राण लूंगा। अथवा तुम्हें पैंतीस किलो चांदी देनी पड़ेगी।”
बुरी-बुरी योजनाएं बनानेवाले क्या पथभ्रष्ट नहीं होते? पर भली बातें सोचनेवालों से करुणा और सच्चाई का व्यवहार किया जाता है।
कुछ मित्र ऐसे होते हैं, जो मित्र होने का ढोंग करते हैं; किन्तु कोई ऐसा भी मित्र होता है जो भाई से बढ़कर अपना होता है।
सेना-नायक ने पौलुस के भानजे को आदेश दिया, “किसी को भी यह नहीं बताना कि तुमने मुझे यह सूचना दी है।” और उसने लड़के को जाने दिया।
तुम मुझे वचन दो कि तुम मेरे पिता, माता, मेरे भाइयों और बहिनों को तथा उनके सब कुटुम्बियों को जीवित रहने दोगे और मृत्यु से हमारे प्राणों को बचाओगे।’
राहाब नगर के परकोटे के भीतर रहती थी। उसका घर परकोटे पर बना था। इसलिए उसने गुप्तचरों को एक रस्सी के सहारे खिड़की से नगर के बाहर उतार दिया।
नगर और उसकी प्रत्येक वस्तु प्रभु को बलि के रूप में अर्पित करके पूर्णत: नष्ट कर दी जाएगी, केवल वेश्या राहाब और उसके घर के भीतर रहने वाले व्यक्ति जीवित छोड़ दिए जाएंगे, क्योंकि उसने हमारे द्वारा भेजे गए दूतों को छिपाकर रखा था।
यहोशुअ ने उस देश का भेद लेने वाले दोनों गुप्तचरों से कहा, ‘वेश्या के घर जाओ, और अपनी शपथ के अनुसार उसे तथा उसके सब सम्बन्धियों को घर से बाहर निकाल लो।’
किन्तु यहोशुअ ने वेश्या राहाब को, उसके पिता के परिवार तथा सब सगे-सम्बन्धियों को जीवित छोड़ दिया, क्योंकि उसने उन दूतों को छिपाकर रखा था, जिन्हें यहोशुअ ने उसके देश का भेद लेने भेजा था। राहाब के वंशज आज भी इस्राएलियों के मध्य निवास कर रहे हैं।
इसलिए अब अपने इस सेवक पर कृपा करो: तुमने प्रभु के नाम में मुझे विवश किया कि मैं तुम्हारे साथ सन्धि स्थापित करूं। यदि मैं दोषी हूँ तो स्वयं तुम मुझे मार डालो। मुझे अपने पिता के पास क्यों ले जाना चाहते हो?’