जिस दिन मैंने इस्राएली समाज को मिस्र देश से बाहर निकाला, उस दिन से आज तक मैं भवन में नहीं रहा। मैं तम्बू और शिविरों में यात्रा करता रहा।
यहोशू 18:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस्राएली समाज की समस्त मंडली शिलोह नगर में एकत्र हुई। उन्होंने वहाँ मिलन-शिविर की स्थापना की। समस्त देश पर उनका अधिकार हो चुका था। देश उनके सम्मुख प्रस्तुत था। पवित्र बाइबल इस्राएल के सभी लोग शीलो नामक स्थान पर इकट्ठा हुए। उस स्थान पर उन्होंने मिलापवाले तम्बू को खड़ा किया। इस्राएल के लोगो उस प्रदेश पर शासन करते थे। उन्होंने उस प्रदेश के सभी शत्रुओं को हराया था। Hindi Holy Bible फिर इस्राएलियों को सारी मण्डली ने शीलो में इकट्ठी हो कर वहां मिलापवाले तम्बू को खड़ा किया; क्योंकि देश उनके वश में आ गया था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर इस्राएलियों की सारी मण्डली ने शीलो में इकट्ठी होकर वहाँ मिलापवाले तम्बू को खड़ा किया; क्योंकि देश उनके वश में आ गया था। सरल हिन्दी बाइबल फिर सब इस्राएली एक साथ शीलो में इकट्ठे हुए. उन्होंने वहां मिलनवाले तंबू को खड़ा किया. पूरा देश उनके वश में हो चुका था, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर इस्राएलियों की सारी मण्डली ने शीलो में इकट्ठी होकर वहाँ मिलापवाले तम्बू को खड़ा किया; क्योंकि देश उनके वश में आ गया था। (प्रेरि. 7:45) |
जिस दिन मैंने इस्राएली समाज को मिस्र देश से बाहर निकाला, उस दिन से आज तक मैं भवन में नहीं रहा। मैं तम्बू और शिविरों में यात्रा करता रहा।
यारोबआम ने अपनी पत्नी से यह कहा, ‘उठो और भेष बदलो जिससे लोग तुम्हें पहिचान न सकें कि तुम मेरी पत्नी हो। तब तुम शिलोह नगर जाना। वहाँ नबी अहियाह रहते हैं। उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं इस्राएली लोगों पर राज्य करूंगा।
यारोबआम की पत्नी ने ऐसा ही किया। वह तैयार हुई और शिलोह नगर को गई। उसने अहियाह के घर में प्रवेश किया। आयु अधिक हो जाने के कारण अहियाह की आंखों की ज्योति मन्द पड़ गई थी। अब अहियाह देख नहीं सकता था।
तब सुलेमान ने एबयातर को प्रभु के पुरोहित-पद से हटा दिया। इस प्रकार प्रभु का यह वचन पूरा हुआ, जो उसने शिलोह में एली के परिवार के सम्बन्ध में कहा था।
उनके वंशजों ने वहां प्रवेश किया, और उस पर अधिकार कर लिया। तूने निस्सन्देह उस देश के निवासी कनानियों को उनके अधीन कर दिया। तूने उस देश के राजाओं और प्रजा को उनके हाथ में सौंप दिया कि वे उनके साथ मनचाहा व्यवहार करें।
तो मैं यरूशलेम के इस मन्दिर को शिलोह के समान तहस-नहस कर दूंगा, और इस नगर को पृथ्वी की सब जातियों के लिए ‘शाप नगरी’ बना दूंगा।” ’
तुम प्रभु के नाम में यह नबूवत क्यों कर रहे हो कि यह मन्दिर शीलोह के मन्दिर के समान तहस-नहस हो जाएगा, और यह नगर उजाड़ और निर्जन हो जाएगा?’ सब लोगों ने यिर्मयाह को प्रभु के भवन में घेर लिया।
शकेम, शीलोह और सामरी नगरों से अस्सी यहूदी आए। उनकी दाढ़ी मुँड़ी हुई थी। वस्त्र फटे हुए थे। उनका सारा शरीर घावों से भरा था। उनके हाथों में अन्नबलि और लोबान था, और वे उनको प्रभु के भवन में चढ़ाने जा रहे थे।
और देश प्रभु के सम्मुख हमारे अधीन नहीं हो जाए; तब ही तुम प्रभु तथा इस्राएल के प्रति कर्त्तव्य-मुक्त हो जाओगे, और प्रभु के सम्मुख इस भूमि पर तुम्हारा पैतृक अधिकार होगा।
वह तम्बू अगली पीढ़ी के पूर्वजों को मिला और वे उसे यहोशुअ के नेतृत्व में इस देश में ले आये। यह देश अन्यजातियों के हाथ में था, किन्तु परमेश्वर ने उन्हें हमारे पूर्वजों के सामने निकाल दिया। और दाऊद के समय तक ऐसा ही रहा।
इस्राएली समाज के सात कुल शेष थे, जिन्हें पैतृक-अधिकार में भूमि अब तक प्राप्त नहीं हुई थी।
प्रत्येक कुल के तीन पुरुष जाने के लिए तैयार हुए। यहोशुअ ने उन्हें, जो उस देश के विषय में विवरण के लिए जा रहे थे, यह आदेश दिया, ‘देश का सर्वेक्षण करो और उसका विवरण लिखकर मेरे पास लौटो। मैं यहां, शिलोह में, प्रभु के सम्मुख चिट्ठी डालकर तुम्हारे लिए भूमि-भाग का निर्धारण करूंगा।’
पुरोहित एलआजर, यहोशुअ बेन-नून और इस्राएली कुलों के परिवारों के मुखियों ने शिलोह में प्रभु के सम्मुख मिलन-शिविर के द्वार पर चिट्ठी डालकर ये ही भूमि-भाग पैतृक-अधिकार के लिए इस्राएली कुलों के मध्य बांटे। इस प्रकार उन्होंने भूमि का आबंटन-कार्य समाप्त किया।
वे कनान देश में स्थित शिलोह नगर में उनसे यह बोले, ‘प्रभु ने मूसा के द्वारा यह आज्ञा दी थी कि हमारे निवास के लिए हमें नगर प्रदान किए जाएं। इसके अतिरिक्त हमारे पशुओं के लिए उन नगरों के आस-पास चरागाह की भूमि भी दी जाए।’
जब शेष इस्राएली लोगों ने यह सुना तब समस्त इस्राएली मंडली उनसे युद्ध करने के लिए शिलोह में एकत्र हुई।
अत: यदि तुम्हारे पैतृक-अधिकार की भूमि अशुद्ध है, तो तुम प्रभु की निज भूमि में आ जाओ, जहां उसके निवास-स्थान का शिविर है। हमारे मध्य पैतृक-अधिकार के लिए भूमि प्राप्त कर लो। पहले से ही प्रभु परमेश्वर की एक वेदी है। अब एक और वेदी बनाकर प्रभु के प्रति विद्रोह मत करो और यों हमें भी विद्रोही मत बनाओ।
अत: रूबेन और गाद कुल के तथा अर्ध मनश्शे गोत्र के लोग अपने-अपने भूमि-भाग को लौटे। उन्होंने शेष इस्राएली लोगों को कनान देश के शिलोह नगर पर छोड़ा, और गिलआद प्रदेश की ओर, अपने प्रदेश की ओर बढ़े, जिसको उन्होंने मूसा के द्वारा दिए गए प्रभु के वचन के अनुसार पैतृक-अधिकार में प्राप्त किया था।
उन्होंने मीकाह की मूर्ति, जिसको उसने बनाया था, अपने उपयोग के लिए प्रतिष्ठित की। जिस दिन तक परमेश्वर का गृह शिलोह नगर में रहा, उतने दिन तक यह मूर्ति प्रतिष्ठित रही।
उन्हें गिलआद प्रदेश के याबेश नगर के निवासियों में चार सौ कुंआरी कन्याएँ मिलीं, जिन्होंने पुरुष के साथ कभी सहवास नहीं किया था। वे उन्हें शिलोह के पड़ाव में, जो कनान देश में है, ले आए।
धर्मवृद्धों ने फिर कहा, ‘सुनो, शिलोह में प्रभु का यात्रा-पर्व प्रतिवर्ष मनाया जाता है।’ (शिलोह नगर बेत-एल के उत्तर में, और बेत-एल नगर से शकेम नगर को जानेवाले पहाड़ी मार्ग की पूर्व दिशा में तथा लबोनाह के दक्षिण में स्थित है।)
जब हन्नाह ने बालक का दूध छुड़ाया तब वह उसको लेकर शिलोह गई। वह अपने साथ तीन वर्षीय एक बछड़ा, दस किलो आटा और एक कुप्पा अंगूर का रस ले गई। वह बालक को शिलोह में प्रभु-गृह में लाई। उस समय वह लड़का ही था।
एलकानाह स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की वन्दना करने तथा उसको बलि चढ़ाने के लिए अपने नगर से शिलोह को प्रतिवर्ष जाता था। शिलोह में एली के दो पुत्र, होफ्नी और पीनहास, प्रभु के पुरोहित थे।