यहोशू 15:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सीमा-रेखा उसके आगे बेन-हिन्नोम की घाटी पर चढ़कर, यबूसी पर्वत-श्रेणी के दक्षिण की ओर जाती थी, जहाँ यरूशलेम स्थित है। वहाँ से सीमा-रेखा पश्चिम की ओर हिन्नोम की घाटी के सम्मुख पहाड़ के शिखर को स्पर्श करती और रपाईम की घाटी के उत्तरी सीमान्त में पहुँचती थी। पवित्र बाइबल तब यह सीमा यबूसी नगर की दक्षिण की ओर से बेन हिन्नोम घाटी से होकर गई थी। उस यबूसी नगर को (यरूशलेम) कहा जाता था। (उस स्थान पर सीमा हिन्नोम घाटी की उत्तरी छोर पर थी।) Hindi Holy Bible फिर वही सिवाना हिन्नोम के पुत्र की तराई से हो कर यबूस (जो यरूशलेम कहलाता है) उसकी दक्खिन अलंग से बढ़ते हुए उस पहाड़ की चोटी पर पहुंचा, जो पश्चिम की ओर हिन्नोम की तराई के साम्हने और रपाईम की तराई के उत्तर वाले सिरे पर है; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर वही सीमा हिन्नोम के पुत्र की तराई से होकर यबूस (जो यरूशलेम कहलाता है) के दक्षिण की ओर से चढ़ते हुए उस पहाड़ की चोटी पर पहुँची, जो पश्चिम की ओर हिन्नोम की तराई के सामने और रपाईम की तराई के उत्तरवाले सिरे पर है; सरल हिन्दी बाइबल इसके बाद यह सीमा बेन-हिन्नोम की घाटी के यबूसी ढाल तक पहुंची, जो दक्षिण दिशा में अर्थात् येरूशलेम में हे, और यह सीमा पश्चिम में हिन्नोम की घाटी के पास पर्वत के शिखर तक पहुंची. जो हिन्नोम की घाटी के पश्चिमी में है, जो उत्तर की ओर रेफाइम की घाटी के अंतिम छोर पर है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर वही सीमा हिन्नोम के पुत्र की तराई से होकर यबूस (जो यरूशलेम कहलाता है) उसकी दक्षिण की ओर से बढ़ते हुए उस पहाड़ की चोटी पर पहुँचा, जो पश्चिम की ओर हिन्नोम की तराई के सामने और रपाईम की तराई के उत्तरी सिरे पर है; |
राजा योशियाह ने बेन-हिन्नोम घाटी के अग्निकुण्ड को अशुद्ध किया, ताकि वहां जनता अग्निदेवता मोलेक के लिए अपने पुत्र-पुत्री को बलि रूप में न चढ़ा सके।
दाऊद ने समस्त इस्राएली राष्ट्र की सेना के साथ यरूशलेम पर आक्रमण किया। यरूशलेम का नाम यबूस था। वहां के मूल निवासी यबूसी थे।
जिन जातियों को प्रभु ने इस्राएली लोगों को बसाने के लिए कनान देश से निकाल दिया था, उनकी घृणित प्रथा के अनुसार वह हिन्नोम की घाटी में सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाता था, और उसने अपने पुत्रों को अग्नि में बलि के रूप में भी चढ़ाया।
जानोह तथा अदुल्लाम नगरों और उनके गांवों में, लाकीश और उसके खेतों में, अजेका और उसके गांवों में रहते थे। इस प्रकार यहूदा कुल के लोग बएरशेबा से हिन्नोम घाटी तक डेरा डालकर बस गए थे।
रपाइम की घाटी में जैसे फसल काटनेवाला बालों को काटकर अपनी बाहों में भरता है, फिर भी वहाँ किसान सिला बीनता है।
यिर्मयाह उस तोपेत नामक स्थान से लौटे, जहां प्रभु ने उनको नबूवत करने के लिए भेजा था। वह यरूशलेम के मन्दिर के आंगन में खड़े हुए। यिर्मयाह ने सब लोगों से कहा,
और बेन-हिन्नोम की घाटी की ओर चला जा। वहां तू ठीकरी-द्वार पर खड़ा होना, जहां टूटे-फूटे बर्तनों का मलवा फेंका जाता है। ठीकरी-द्वार से तू मेरे सन्देश को सुनाना, जो मैं तुझे दूंगा।
अत: मुझ-प्रभु का यह कथन है: सुनो, वे दिन आ रहे हैं, जब यह स्थान न तोपेत कहलाएगा, और न बेन-हिन्नोम की घाटी ही; वरन् यह स्थान ‘महावध की घाटी’ कहलाएगा।
यहूदा कुल के लोग यरूशलेम-निवासी यबूसी जाति को नहीं निकाल सके। इसलिए यबूसी जाति के लोग आज भी यरूशलेम नगर में यहूदा के वंशजों के साथ रहते हैं।
सीमा-रेखा वहां से नीचे उतर कर उस पर्वत की सीमा को स्पर्श करती थी, जो बेन-हिन्नोम की घाटी के सम्मुख है, जो रपाई घाटी के उत्तरी किनारे पर है। तत्पश्चात् सीमा-रेखा हिन्नोम की घाटी में उतरती, यबूसी पर्वत-श्रेणी के दक्षिणी किनारे को स्पर्श करती हुई एन-रोगेल जलाशय पर नीचे उतर जाती थी।
सेलाह, एलफ, यबूस (अर्थात् यरूशलेम), गिबअत और किर्यत। गांवों सहित इन नगरों की संख्या चौदह थी। बिन्यामिन कुल के लोगों को उनके परिवारों की संख्या के अनुसार पैतृक-अधिकार में यह भूमि-भाग प्राप्त हुआ।
बिन्यामिन के वंशजों ने यरूशलेम में रहनेवाली यबूसी जाति को नहीं निकाला। इसलिए यबूसी जाति के लोग बिन्यामिन के वंशजों के साथ यरूशलेम नगर में आज भी रहते हैं।
यहूदा के वंशजों ने यरूशलेम नगर पर आक्रमण किया और उसको अपने अधिकार में कर लिया। उन्होंने उसके निवासियों को तलवार से मौत के घाट उतारा और नगर में आग लगा दी।
परन्तु लेवीय पुरुष वहाँ रात व्यतीत करने को सहमत न हुआ। उसने तैयारी की और चला गया। वह यबूस नगर (अर्थात् यरूशलेम) के सामने पहुँचा। उसके साथ जीन कसे हुए दो गधे, उसकी रखेल और उसका सेवक था।