योनातन और अहीमास एन-रोगेल के जलाशय के तट पर ठहरे हुए थे। एक सेविका उनके पास जाती, और उन्हें समाचार बताती थी। वे राजा दाऊद के पास जाते, और उसे समाचार देते थे। वे यरूशलेम नगर में इस प्रकार प्रवेश करते थे कि उन्हें कोई न देख सके।
यहोशू 15:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सीमा-रेखा अकोर की घाटी से दबीर पहुँचती और उत्तरी दिशा में गिलगाल की ओर मुड़ती थी, जो घाटी की दक्षिणी दिशा में स्थित अदुम्मीम के चढ़ाव के सम्मुख है। वहाँ से सीमा-रेखा एन-शेमश के जलाशय पर पहुँचती, और आगे बढ़कर एन-रोगेल के जलाशय पर समाप्त हो जाती थी। पवित्र बाइबल तब उत्तरी सीमा आकोर की घाटी से होकर दबीर तक गई थी। वहाँ सीमा उत्तर को मुड़ती थी और गिलगाल तक जाती थी। गिलगाल उस सड़क के पार है जो अदुम्मीम पर्वत से होकर जाती है। अर्थात् स्रोत के दक्षिण की ओर। यह सीमा एनशेमेश जलाशयों के साथ लगातार गई थी। एन रोगेल पर सीमा समाप्त थी। Hindi Holy Bible और वही सिवाना आकोर नाम तराई से दबीर की ओर चढ़ गया, और उत्तर होते हुए गिलगाल की ओर झुका जो नाले की दक्खिन ओर की अदुम्मीम की चढ़ाई के साम्हने है; वहां से वह एनशेमेश नाम सोते के पास पहुंचकर एनरोगेल पर निकला; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वही सीमा आकोर नामक तराई से दबीर की ओर चढ़ गयी, और उत्तर होते हुए गिलगाल की ओर झुकी जो तराई के दक्षिणी ओर की अदुम्मीम की चढ़ाई के सामने है; वहाँ से वह एनशेमेश नामक सोते के पास पहुँचकर एनरोगेल पर निकली; सरल हिन्दी बाइबल सीमा फिर आकोर की घाटी से दबीर तक बढ़ी, और उत्तर में गिलगाल की ओर मुड़ गई, जो अदुम्मीम की चढ़ाई के पास, घाटी के दक्षिण में है. यह सीमा आगे बढ़ते हुए एन-शेमेश के सीमा तक पहुंचकर एन-रोगेल पर खत्म हो गई. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वही सीमा आकोर नामक तराई से दबीर की ओर चढ़ गया, और उत्तर होते हुए गिलगाल की ओर झुकी जो तराई के दक्षिणी ओर की अदुम्मीम की चढ़ाई के सामने है; वहाँ से वह एनशेमेश नामक सोते के पास पहुँचकर एनरोगेल पर निकला; |
योनातन और अहीमास एन-रोगेल के जलाशय के तट पर ठहरे हुए थे। एक सेविका उनके पास जाती, और उन्हें समाचार बताती थी। वे राजा दाऊद के पास जाते, और उसे समाचार देते थे। वे यरूशलेम नगर में इस प्रकार प्रवेश करते थे कि उन्हें कोई न देख सके।
एक दिन अदोनियाह ने एन-रोगेल झरने के निकट “सरकवां पत्थर” पर भेड़, बैल और हष्ट-पुष्ट पशु बलि किए। उसने अपने सब भाइयों, राजकुमारों, तथा यहूदा प्रदेश के समस्त राजकर्मचारियों को बलि-भोज के लिए निमन्त्रित किया।
मेरी खोज में रहनेवाले मेरी निज लोगों के लिए शारोन मैदान भेड़ों का चरागाह बन जाएगा; और आकोर घाटी रेवड़ का विश्राम-स्थल बनेगी।
उनकी मां वेश्या थी; उनकी जननी निर्लज्ज थी। उनकी मां ने यह कहा था, ‘मैं अपने प्रेमियों के साथ अभिसार करूंगी। वे ही तो मुझे रोटी देते हैं, पीने को पानी देते हैं; ऊन, पटसन, तेल और पेय भी उन्हीं की कृपा से मुझे प्राप्त होते हैं।’
तत्पश्चात् उसने वहाँ से दबीर नगर के निवासियों पर आक्रमण किया। (इसके पूर्व दबीर नगर को किर्यत-सेपर कहते थे)।
यह उत्तरी सीमा-रेखा बेत-होग्लाह पहुँचती, बेत-अराबाह से गुजरती हुई ‘बोहन की शिला’ पहुँचती थी (बोहन रूबेन का पुत्र था)।
वह वहां से मुड़ती और उत्तर दिशा में एन-शेमश की ओर अग्रसर होती, और अदुम्मीम के चढ़ाव के सामने स्थित गलीलोत की ओर चली जाती थी। वहां से वह ‘बोहन की शिला’ पर उतर जाती थी। (बोहन रूबेन का पुत्र था।)
इस्राएली लोगों ने पहले महीने की दसवीं तारीख को यर्दन नदी पार की। उसके पश्चात् उन्होंने यरीहो नगर की पूर्व दिशा में गिलगाल में पड़ाव डाला।
जेरह वंशी आकन और लूट की चांदी, अंगरखा, सोने की ईंट, तथा आकन के पुत्र, पुत्रियाँ, बैल, गधे, भेड़-बकरियाँ, तम्बू एवं जो कुछ आकन के पास था, उस सब को लेकर यहोशुअ सब इस्राएलियों के साथ आकोर की घाटी में आया।
उन्होंने उसकी लाश पर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज भी वहाँ है। इस घटना के कारण उस स्थान का नाम आकोर की घाटी पड़ा। यह नाम आज भी प्रचलित है। इस प्रकार प्रभु की क्रोधाग्नि शान्त हुई।