अत: राजा दाऊद ने योआब तथा अपने साथ के सेना-नायकों को यह आदेश दिया, ‘समस्त इस्राएली कुलों के क्षेत्रों में, दान नगर से बएर-शेबा नगर तक फैल जाओ, और इस्राएली प्रजा के पुरुषों की गणना करो। मैं पुरुषों की संख्या जानना चाहता हूँ।’
यहेजकेल 48:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पैतृक कुलों के भूमिक्षेत्र के नाम इस प्रकार हैं − दान कुल का भूमिक्षेत्र : उत्तरी सीमा से, अर्थात् समुद्र से लेकर हेतलोन की ओर हमात की घाटी तक, और दमिश्क की उत्तरी सीमा पर स्थित हसर-एनोन तक जो हमात के पास है। पूर्व से पश्चिम तक का यह भूमिक्षेत्र दान कुल का होगा। पवित्र बाइबल उत्तरी सीमा भूमध्य सागर से पूर्व हेतलोन से हमात दरर् और तब, लगातार हसेरनोन तक जाती है। यह दमिश्क और हमात की सीमाओं के मध्य है। परिवार समूहों में से इस समूह की भूमि इन सीमाओं के पूर्व से पश्चिम को जाएगी। उत्तर से दक्षिण, इस क्षेत्र के परिवार समूह है, दान, आशेर, नप्ताली, मनश्शे, एप्रैम, रूबेन, यहूदा। Hindi Holy Bible गोत्रें के भाग ये हों; उत्तर सिवाने से लगा हुआ हेतलोन के मार्ग के पास से हमात की घाटी तक, और दमिश्क के सिवाने के पास के हमरेनान से उत्तर ओर हमात के पास तक एक भाग दान का हो; और उसके पूवीं और पश्चिमी सिवाने भी हों। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “गोत्रों के भाग ये हों : उत्तरी सीमा से लगा हुआ हेतलोन के मार्ग के पास से हमात की घाटी तक, और दमिश्क की सीमा के पास के हसरेनान से उत्तर की ओर हमात के पास तक एक भाग दान का हो; और उसकी पूर्वी और पश्चिमी सीमा भी हों। सरल हिन्दी बाइबल “सूची में लिखे गोत्रों के नाम ये हैं: “उत्तरी सीमांत पर दान का एक भाग होगा; यह हेथलोन के मार्ग से लेबो हामाथ के बाद होगा; हाज़ार-एनान और हामाथ से लगा दमेशेक की उत्तरी सीमा इसकी सीमा का भाग होगा, जो पूर्व तरफ से पश्चिम तरफ होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “गोत्रें के भाग ये हों: उत्तरी सीमा से लगा हुआ हेतलोन के मार्ग के पास से हमात की घाटी तक, और दमिश्क की सीमा के पास के हसरेनान से उत्तर की ओर हमात के पास तक एक भाग दान का हो; और उसके पूर्वी और पश्चिमी सीमा भी हों। |
अत: राजा दाऊद ने योआब तथा अपने साथ के सेना-नायकों को यह आदेश दिया, ‘समस्त इस्राएली कुलों के क्षेत्रों में, दान नगर से बएर-शेबा नगर तक फैल जाओ, और इस्राएली प्रजा के पुरुषों की गणना करो। मैं पुरुषों की संख्या जानना चाहता हूँ।’
स्वामी-प्रभु यों कहता है : ‘जिन सीमाओं के भीतर तुम इस्राएल के बारह कुलों में यह देश पैतृक कुल-क्षेत्र के रूप में बांटोगे, वे इस प्रकार हैं : यूसुफ के दो गोत्र हैं। उनको दो भाग मिलेंगे।
‘पश्चिमी सीमा − पश्चिमी सीमा दक्षिणी सीमा से लेकर हमात की घाटी के सामने भूमध्यसागर तक होगी। यही पश्चिम की सीमा होगी।
जिस पितृकुल के भूमि-क्षेत्र में वे रहते होंगे उसी भूमि में से उनको पैतृक अधिकार के लिए भूमि देना।’ यही स्वामी-प्रभु की वाणी है।
दान कुल के लोगों को, उनके परिवारों की संख्या के अनुसार पैतृक-अधिकार के लिए यही भूमि-भाग प्राप्त हुआ। इसमें उपर्युक्त नगर और गाँव स्थित थे।